Posted on 18 Jan, 2019 5:54 pm

 

प्रदेश की 75 प्रतिशत आबादी को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से रियायती दर पर राशन मुहैया कराया जा रहा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार शहरी क्षेत्र की 62.61 प्रतिशत (एक करोड़ 25 लाख 59 हजार 357) जनसंख्या तथा ग्रामीण क्षेत्र में 80.10 प्रतिशत (4 करोड़ 20 लाख 82 हजार 857)जनसंख्या को इस योजना से जोड़ा गया है। इस प्रकार प्रदेश के कुल 75.26 प्रतिशत (5 करोड़ 46 लाख 42 हजार 214) लोग इससे लाभांवित हो रहे हैं। प्रति माह 24 हजार 170 राशन दुकानों के माध्यम से 2.90 लाख मीट्रिक टन खाद्यान का वितरण एक रूपये प्रति किलोग्राम की दर से किया जा रहा है।

संचालक खाद्य नागरिक आपूर्ति से प्राप्त जानकारी के अनुसार शहरी और ग्रामीण अंचल में 24 केटेगरी में खाद्यान की आपूर्ति की जाती है। उन्होंने बताया कि अत्योदय परिवार में एक लाख 65 हजार परिवार, बी.पी.एल. में 6 लाख 48 हजार परिवार, भवन एवं अन्य संनिर्माण कार्यकार मंडल के अन्तर्गत पंजीकृत 7 लाख 60 हजार परिवार, सायकल रिक्शा चालक कल्याण और ठेला चालक 35 हजार परिवार, सामाजिक सुरक्षा पेंशन में आर्जित 3 लाख 28 हजार परिवार, मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा के 3 लाख 87 हजार परिवार, घरेलु काम वाले 90 हजार 307 परिवार, फेरीवाले 28 हजार 562 परिवार, वनाधिकार पट्टेधारी 19 हजार 991, रेल्वे में पंजीकृत 553 कुली, मडियों के हम्माल व तुलावटी 16 हजार, बन्द पड़ी मिलों के श्रमिक 8 हजार 520 परिवार, बीडी श्रमिक कल्याण निधि 65 हजार 154 परिवार, भूमिहीन कोटवन 3142, कुटीर एवं ग्रामोद्योग के तहत पंजीकृत 8 हजार 204 परिवार, केश शिल्पी एक लाख 25 हजार 567 परिवार, बहुविकलांग 30 हजार परिवार, एड्स संक्रिय 545, म.प्र. में निवासरत अनुसूचित जाति के परिवार जो कर्मचारी है पर आयकरदाता नहीं है एसे 17 लाख 48 हजार परिवार, मत्स्य पालक सदस्य एक हजार 108 परिवार, पंजीकृत व्यवसायिक वाहन चालक/परिचालक 5 हजार 627 परिवारों को सस्ता राशन एक रूपये प्रति किलो के मान से गेहूँ और चावल तथा एक रूपये प्रति किलो के मान से ही आयोडिन नमक मुहैया कराया जाता है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​