नर्मदा नदी से लगे ग्रामों में नदी के आसपास स्वच्छता के लिये सामूहिक श्रमदान
Posted on 04 Jun, 2025 5:09 pm
प्रदेश में जल गंगा संवर्धन अभियान प्रदेश भर में 30 जून तक निरंतर जारी रहेगा। प्रदेश के नर्मदा नदी से सटे जिलों में नर्मदा पथ सर्वेक्षण यात्रा निरंतर जारी है। यात्रा के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीणों को नर्मदा नदी के किनारों को पर्यावरण सरंक्षण के उद्देश्य से साफ सफाई की शपथ दिलाई जा रही है। इसी के साथ जिलों में तालाबों को चिन्हित कर मछली पालन के जरिये किसानों की आमदनी बढ़ाये जाने के अवसरों की तलाश की जा रही है।
स्वच्छता अभियान चलाया गया
डिण्डौरी जिले में विकासखंड बजाग की ग्राम पंचायत गीधा स्थित संगम गोमती नर्मदा घाट पर मां नर्मदा पथ सर्वेक्षण एवं जन जागरण यात्रा का विधिवत शुभारंभ नर्मदाष्टक एवं मां नर्मदा की आरती के साथ किया गया। इस अवसर पर जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत घाट परिसर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। जिले में चल रही यात्रा का उद्देश्य मां नर्मदा के पथ पर जन जागरूकता फैलाना, जल स्रोतों का संरक्षण करना एवं स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस दौरान ग्रामीणों को जल की महत्ता के प्रति जागरूक किया गया और उन्हें प्राकृतिक संसाधनों के सतत सद्उपयोग की जानकारी दी गई। कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों ने नर्मदा सेवा के संकल्प को दोहराते हुए पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भूमिका निभाने का संकल्प लिया।
माँ नर्मदा के उत्तर तटीय ग्रामों में नर्मदा सेवा समितियों का गठन
प्रदेश के 16 जिलों के 51 विकासखंडों में चिन्हित 335 पंचायतों में माँ नर्मदा सर्वेक्षण एवं जनजागरण यात्रा निकाली जा रही है। मंडला जिले में उत्तर तट की प्रत्येक नर्मदा तटीय ग्राम पंचायत में नर्मदा पथ सर्वेक्षण यात्रा पहुँच रही है। यात्रा के दौरान सार्वजनिक चौपालों के माध्यम से नर्मदा सेवा समितियों का गठन भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में यात्रा ग्राम बड़ी खैरी से प्रारंभ होकर ग्राम, खुड़िया, पटपरा और छपरी ग्राम में समाप्त हुई। प्रत्येक स्थानों में सभी ग्रामीणजनों के समक्ष पतित पावनी मां के प्रवाह पर वर्तमान समय में किस तरह के दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं इससे अवगत कराया गया। चौपालों में सर्वे प्रपत्र की जानकारी भरवाई गई एवं जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत ग्रामवासियों को जल संरक्षण की शपथ भी दिलाई गई।
विकसित कृषि संकल्प अभियान के दौरान बांटे गये केसीसी कार्ड
बालाघाट जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान निरंतर जारी है। जिले में पेयजल स्त्रों की सफाई का कार्य सामूहिक भागीदारी से किया जा रहा है। जिले में किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये जिले में उपलब्ध तालाबों में मछली पालन की और अधिक संभावनाओं को तलाशा जा रहा है। विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत हर दिन विकासखंडों के 2-2 गांवो में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और मत्स्य विभाग के अमले द्वारा कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है। इन कार्यशालाओं के माध्यम से सम्बंधित विभागों द्वारा कृषि की उन्नत तकनीकों के साथ ही आवश्यक योजनाओँ के हितलाभ भी देने के प्रयास जारी है। बिरसा जनपद के कचनारी में कार्यशाला हुई। जिला मत्स्य अधिकारी ने बताया कि ग्राम कचनारी में रौबदाभाटा की आदिवासी मछुआ सहकारी समिति के सदस्यों को केसीसी कार्ड प्रदान किये गए है। समिति में शामिल 23 सदस्यों को जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण प्राप्त करने वाले कार्ड का वितरण किया गया है। समिति के सदस्य कचनारी सिंचाई तालाब में मछली पालन करते है। समिति के सदस्य एक सीजन में करीब 10 टन मछली का विक्रय करते है।
जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत होगा वृहद वृक्षारोपण
भोपाल संभाग आयुक्त श्री संजीव सिंह ने बताया कि प्रदेश में चलाए जा रहे जल गंगा संवर्धन अभियान के अंतर्गत संबंधित विभागों द्वारा बनाई गई कार्य योजना के अनुसार भोपाल नगर में वृहद वृक्षारोपण किया जाएगा। इसकी शुरुआत विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून से की जाएगी। सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय से नगर के विभिन्न बाग बगीचे एवं हरित क्षेत्र में वृक्षारोपण करेंगे। उन्होंने कहा कि कार्य ऐसा हो कि अधिक से अधिक पौधे जीवित रहे। संभाग आयुक्त ने निर्देश दिए कि नगर के सभी बाग बगीचों की मैपिंग और जियो टैगिंग करा ली जाए जिसमें बगीचे का नाम, एरिया, नगर निगम के जोन एवं वार्ड का नाम, सिंचाई के लिए पानी का स्रोत, देखभाल करने वाले अधिकारी /कर्मचारी का नाम एवं मोबाइल नंबर आदि जानकारियां हों। नगर निगम सीमा के बाहर के नगरीय क्षेत्र में भी कार्य योजना बनाकर वृक्षारोपण कराया जाए। आयुक्त नगर निगम ने बताया कि भोपाल नगर में नगर निगम के 157 पार्क हैं। इसके अलावा स्मार्ट सिटी, राजधानी परियोजना एवं वन विभाग के बाग बगीचे हैं। नगर में कालिया सोत, खानू गांव सहित पांच क्षेत्रों का चयन किया गया है जहां व्यापक वृक्षारोपण किया जाएगा। संभाग आयुक्त श्री सिंह ने निर्देश दिए कि नगर के विभिन्न जल स्रोतों से प्रदूषण हटाने का कार्य भी निरंतर किया जाए. नगर निगम के अधिकारी द्वारा बताया गया कि भोपाल नगर में कुल 12 तालाब है, जिनमें से किसी भी तालाब में उद्योगों का प्रदूषित पानी नहीं मिलता है।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश