Posted on 05 Nov, 2019 8:05 pm

शिक्षक अब डिजिटल टेक्नोलॉजी से हो रहे प्रशिक्षित

प्रदेश के रायपुर, राजनांदगांव और दुर्ग जिले के चयनित 200 प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं में जिज्ञासा परियोजना संचालित की जा रही है। परियोजना के अंतर्गत चयनित शालाओं के शिक्षकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण के शुभारंभ सत्र में संचालक राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद श्री पी.दयानंद ने डिजिटल टेक्नोलॉजी के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग का काम शुरू हो गया है। जिज्ञासा परियोजना इस कड़ी में एक सामयिक पहल है, जो राज्य के प्रयासों को समर्थित करेगा। प्रशिक्षण राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद कार्यालय परिसर में दिया जा रहा है।
    जिज्ञासा परियोजना के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक और माध्यमिक शालाओं के शिक्षकों को प्रशिक्षण में डिजिटल टेक्नोलॉजी के माध्यम से शिक्षण पद्धतियों को और रोचक बनाने में डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग करने की जानकारी दी गई स्कूली बच्चों की अंग्रेजी, हिन्दी के भाषा ज्ञान की दक्षताओं का संवर्धन और गणित तथा विज्ञान के शिक्षण को सुदृढ़ करने के लिए भी डिजिटल प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में वोडाफोन फाउण्डेशन का डिजिटल लर्निंग वेबसाइट पोर्टल ’गुरूशाला’ की जानकारी दी गई। इस पोर्टल में शिक्षक अपना पंजीयन कर सीधे शिक्षण पद्धति को सीखने से संबंधित विषय पर आधारित वीडियों का चयन कर सकते हैं। हिन्दी और अंग्रेजी विषय में कहानी पर आधारित और गणित विषय पर सेल्फ लर्निंग मटेरियल का उपयोग कक्षा में कैसे किया जाए, इसका भी प्रशिक्षण दिया गया।
    जिज्ञासा परियोजना की नेशनल कोआडिनेटर श्रीमती अनिता शर्मा ने बताया कि यह परियोजना वोडाफोन फाउण्डेशन के साथ साझेदारी में आई.पी.ई. ग्लोबल सेंटर ऑफ नॉलेज डेव्हलमेंट (आई.पी.ई.सी.के.डी.) द्वारा क्रियान्वित किया जा रहा है। परियोजना के माध्यम से चुनिंदा 20 शालाओं में डिजिटल इन्फ्रा स्ट्रक्चर अपग्रेड किया जाएगा। वोडाफोन फाउण्डेशन शिक्षकों की क्षमता विकास के लिए डिजिटल सामग्री उपलब्ध कराया जाए। परियोजना में चयनित हर स्कूल को शैक्षणिक व्यवस्था के लिए दो हजार रूपए उपलब्ध कराएगा।
    इस अवसर पर राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद की अतिरिक्त संचालक श्रीमती सुनिता जैन और अन्य अधिकारी, वोडाफोन फाउण्डेशन के प्रतिनिधि श्री अंशुमन भी उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़

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