Posted on 11 Dec, 2017 4:09 pm

झाबुआ जिले के रामा ब्लाक का किसान वरदीचंद पंचाल, पशुपालन विभाग की आचार्य विद्यासागर गौ-संवर्धन योजना से लाभ लेकर अब सामान्य किसान से धनवान किसान की श्रेणी में आ गया है। वरदीचंद कल तक अपने खेती जमीन से फसल उत्पादन कर मात्र 10 हजार रुपये सलाना कमाकर सामान्य जीवन बिता रहे थे। इन्हें पशुपालन विभाग की वैज्ञानिक संगोष्ठी में परिचर्चा में हिस्सा लेने पर पता चला कि फसल उत्पादन के साथ पशुपालन का व्यवसाय आसानी से किया जा सकता है।

वरदीचंद ने पशुपालन विभाग में आचार्य विद्या सागर गौ-संवर्धन योजना में आवेदन प्रस्तुत किया। कुछ समय बाद ही बैंक ऑफ बडौदा की पारा शाखा से इन्हें 6.90 लाख रुपये का लोन मंजूर हुआ और 1.50 लाख रुपए अनुदान भी मिला। इस राशि से वरदीचंद ने गुजरात के कच्छ एंव भुज क्षेत्र से 10 दुधारू मुर्रा भैंसे खरीदी, खेत में हरा-चारा का उत्पादन शुरू किया और फसल से निकलने वाले भूसे एवं अन्य फसल अपशिष्टों का भी भैंसों के आहार के रूप में उपयोग किया।

वरदीचंद को अब भैंसो से रोजाना 70 लीटर दूध मिलता है जिसे वे सहकारी दुग्ध संघ में बेचकर 42 हजार रुपये प्रति माह कमाते हैं। साथ ही प्रति-माह 15 हजार रुपये बैंक ऋण की किश्त भी जमा करते हैं।

दुधारू भैंसो ने वरदीचंद की किस्मत बदल दी है। यह किसान अब दुधारू भैंसो की संख्या बढ़ाकर बड़े स्तर पर डेयरी फार्म एवं वृहद स्तर पर दुग्ध उत्पादन का काम करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। यह किसान अपने आस-पास के किसानों को पशुपालन की जानकारी देकर उन्नत किसान बनने की प्रेरणा भी दे रहा है।

सफलता की कहानी (झाबुआ)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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