Posted on 18 Jan, 2019 5:49 pm

 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने आज यहाँ कन्वेंशन सेंटर में तीन दिवसीय आईएएस ऑफीसर्स मीट का शुभारंभ किया। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जरूरतमंदों की मंशा के अनुरूप योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाना वर्तमान समय की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सफलता और संतुष्टि में बहुत अंतर होता है। किसी पद को प्राप्त करने की सफलता संतुष्टि का आधार नहीं होती। संतुष्टि सफल परिणामों से मिलती है। सफलता किसी पद पर बने रहने तक रहती है, जबकि संतुष्टि सारा जीवन साथ चलती है।

विविधता का संरक्षण सबसे बड़ी चुनौती

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि सम्पूर्ण विश्व भारत को उसकी अनेकता में एकता की ताकत के लिये देखता है, आर्थिक और सैनिक शक्ति के लिये नहीं। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी खूबी सहनशीलता है, जो चन्द्रगुप्त मौर्य और सम्राट अशोक के समय से विद्यमान है। हमें गर्व होना चाहिये कि हम ऐसे देश के नागरिक हैं, जहाँ अनेक धर्म, जाति, परम्पराएँ, भाषाएँ विद्यमान हैं। दुनिया में कोई ऐसा अन्य राष्ट्र नहीं है। हमारा पहनावा भी भौगोलिक बदलाव के साथ बदल जाता है। हमारी विविधता और अनेकता ही हमारी शक्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका संरक्षण वर्तमान समय की सबसे बड़ी चुनौती है।

नव-निर्माण के लिये संकल्पित और समर्पित हों अधिकारी

श्री कमल नाथ ने कहा कि तेजी से बदलते विश्व की चुनौतियों के साथ देश और प्रदेश का नव-निर्माण करना समय की माँग है। इसके अनुरूप ही हम सबको मिलकर, संकल्पित और समर्पित होकर काम करना होगा। उन्होंने कहा कि सेवा के स्वरूप में परिवर्तन के साथ-साथ आम जनता की अपेक्षाओं में भी बदलाव हुआ है। वैश्विक स्तर पर नाटो का स्वरूप बदला है। अब गुटनिरपेक्ष जैसे आंदोलनों की चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा कि देश ने इन परिवर्तनों को बखूबी अपनाया है। हमारे सामने चुनौती यह है कि हम वैश्विक बदलावों को कैसे देखते हैं, कैसे स्वीकार करते हैं। श्री कमल नाथ ने कहा कि आज अधिकारियों के समक्ष सबसे बड़ा दायित्व नवीन परिवर्तनों के साथ देश और प्रदेश को आगे ले जाना है। सोचना होगा कि शासन में बदलाव और सुधार कैसे किया जाये। उन्होंने कहा कि इसी तथ्य पर प्रदेश के भविष्य का स्वरूप तय होगा।

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि विश्व का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। इसके अनुसार ही हम भी बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि वर्ष 1992 में पहली बार उन्होंने लाल बहादुर प्रशासन अकादमी, मसूरी में उदबोधन दिया था। इसके 6-7 वर्ष बाद जब वे पुन: अकादमी में गये, तो उन्हें वहाँ संकाय, प्रशिक्षणार्थियों और विषय-वस्तु में बहुत परिवर्तन देखने को मिला। उन्होंने कहा कि वर्ष 1992 मे अकादमी में तकनीक और सूचना प्रौद्योगिकी आदि विषयों पर कोई बात नहीं होती थी। श्री कमल नाथ ने कहा कि ऐसा विशिष्ट बदलाव उन्हें पिछले दिनों भारतीय प्रशासनिक सेवा के प्रोबेशनल अधिकारियों से मुलाकात के समय महसूस हुआ। उन्होंने कहा कि इन अधिकारियों में बड़ी संख्या इंजीनियरों और डॉक्टरों की है। आज से 20 वर्ष पूर्व ऐसा नहीं होता था। मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारियों की आयु वर्ग में भी अंतर आया है।

ऑफिसर्स मीट एक अच्छी पहल

मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑफिसर्स मीट एक अच्छी पहल है। इससे वरिष्ठ और कनिष्ठ अधिकारियों को अनौपारिक वातावरण में मिलने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा सबसे अधिक व्यापक और विविधता से परिपूर्ण है। किसी अन्य सेवा की तुलना में यहाँ कार्यक्षेत्र का विस्तार अधिक है। प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को सम्पूर्ण सेवाकाल में अलग-अलग कार्यक्षेत्र में सेवा करने का अनुभव मिलता है, जबकि अन्य सेवाओं में ऐसा नहीं है।

वैश्विक मुद्दों का ज्ञान होना आवश्यक : सीएस श्री मोहंती

मुख्य सचिव श्री एस.आर. मोहंती ने अधिकारियों से कहा कि दृष्टिकोण में बदलाव लाना होगा। वरिष्ठों के अनुभवों का लाभ कनिष्ठ अधिकारियों को मिलेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक निर्णय जिला स्तर पर किये जायें। वरिष्ठ अधिकारी भी जिले के अधीनस्थ अधिकारियों को निर्णय लेने में सहयोग करें। श्री मोहंती ने कहा कि वर्तमान समय में भी उत्तरदायित्व वहीं हैं। केवल रिस्पांस टाइम में कमी आयी है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को वैश्विक मुद्दों का ज्ञान होना आवश्यक है। मुख्य सचिव ने कहा कि एक टीम लीडर के लिये यह आवश्यक है कि वह टीम को पूरा सहयोग और समर्थन प्रदान करे। उन्होंने ऑफिसर्स मीट की सफलता के लिये सभी अधिकारियों को शुभकामनाएँ दीं।

आई.ए.एस. एसोसिऐशन की अध्यक्ष श्रीमती गौरी सिंह ने कहा कि मीट के दौरान मिल-जुलकर सांस्कृतिक गतिविधियों, खेलकूद और अन्य कार्यक्रमों में भाग लेकर अधिकारियों का भाईचारा बेहतर होगा। आपसी समझदारी बढ़ेगी। मीट आयोजन समिति के अध्यक्ष श्री पंकज अग्रवाल ने मीट की दौरान होने वाली गतिविधियों का ब्योरा दिया। उन्होंने बताया कि आगामी ढाई दिन में मीट की एसोसियेशन के सदस्यों और उनके परिजनों के बीच सांस्कृतिक कार्यक्रम इनडोर-आउटडोर गेम्स, अंताक्षरी और क्विज़ आदि कार्यक्रम होंगे। सम-समायिक विषय पर उद्बोधन और एक-दूसरे के विचारों को समझने के लिये पैनल डिस्कशन के आयोजन भी किये जा रहे हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​