Posted on 24 Mar, 2020 11:27 am

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज यहां मंत्रालय में दूसरे दिन प्रदेश में कोरोना वायरस के फैलाव को रोकने के उपायों की विस्तृत समीक्षा की। समीक्षा के दौरान बताया गया कि ग्वालियर में एक और शिवपुरी में एक प्रकरण पॉजिटिव पाया गया है। इसे गंभीरता से लेते हुए श्री चौहान ने शिवपुरी में भी कर्फ्यू लगाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोरोना के फैलाव को रोकने लिये चैन तोड़ना जरूरी है। श्री चौहान ने स्थानीय संक्रमण से इसका फैलाव हर हालत में रोकना होगा। उन्होंने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। सबके सहयोग से ही इस पर काबू पाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के संबंध में अफवाहें फैलाने और अवैज्ञानिक जानकारी फैलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई करें। कॉल-सेंटर में काम कर रहे अमले को लोगों को सटीक जानकारी देने के लिये निर्देश दें। उन्होंने कोरोना के फैलाव की रोकथाम के लिये लोगों में वैज्ञानिक जानकारी के प्रसार में मीडिया से भी सहयोग देने का आग्रह किया है। उन्होंने चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में काम कर रहे निजी अस्पतालों में उपलब्ध अमले से भी सहयोग देने को कहा है। उन्होंने कहा कि जिन राष्ट्रीय उद्यानों, पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण कर विदेशी मेहमान लौटे हैं, उन क्षेत्रों में सघन जांच करें।

समीक्षा बैठक में बताया गया कि भोपाल मेमोरियल अस्पताल और अनुसंधान सेंटर को राज्य स्तरीय कोविद 19 संस्थान घोषित किया गया है। अब तक कुल नौ पॉजिटिव प्रकरणों का पता चला है। ये प्रकरण चार जिलों में हैं। ग्वालियर, भोपाल और जबलपुर में पहले से कर्फ्यू है। कुल 26 प्रकरण जांच के लिये भेजे गये हैं  और 1920 की निगरानी की जा रही है। जिन जिलों में विदेशी नागरिक आये थे,  वहां शहरी क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच की जा रही है और निगरानी रखी जा रही है। मुख्यमंत्री ने ऐसे संभावित घरों और क्षेत्रों को तत्काल अलग रखने के निर्देश दिये ताकि वहां रहने वाले किसी अन्य के संपर्क में नहीं आयें। दस डिस्टिलरी को सेनीटाइजर बनाने के लिये कहा गया है ताकि वह स्थानीय तौर पर ही आसानी से उपलब्ध हो जाये।

बैठक में चिकित्सा सलाह के अनुसार सभी अधिकारियों के बैठने की व्यवस्था में लगभग एक मीटर का अंतर रखा गया। मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस, पुलिस महानिदेशक श्री विवेक जौहरी और सभी संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव एवं प्रमुख सचिव उपस्थित थे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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