Posted on 29 Feb, 2020 7:07 pm

 जिले में कमार-भुंजिया विकास अभिकरण अंतर्गत वर्ष 2004 से 2017 तक राज्य सरकार के निर्धारित मापदण्डों एवं प्रावधानों के विपरित जिले के तहसील गरियाबंद, मैनपुर एवं छुरा में गैर कृषि भूमि अथवा शासकीय भूमि के कमार-भुंजिया जनजाति के पक्ष में भूमि अंतरण संबंधी रजिस्ट्री पत्र की मूल प्रति व विधिवत कब्जा नहीं सौपने का तथ्य प्रकाश में आया है। उपरोक्त अनुक्रम में कलेक्टर श्री श्याम धावड़े द्वारा अभिकरण अंतर्गत सम्पूर्ण नस्तियों तथा भूमि के क्रय-विक्रय अभिलेख की समुचित जांच-पड़ताल कर तथ्यात्मक प्रतिवेदन प्रस्तुत करने जांच दल गठित किया गया है। कलेक्टर श्री धावड़े ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए मैनपुर तहसील अंतर्गत जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विनय कुमार लंगेह के नेतृत्व में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) मैनपुर, सहायक आयुक्त, तहसीलदार मैनपुर, जनपद सीईओ मैनपुर, उप पंजीयक गरियाबंद, राजस्व निरीक्षक मैनपुर सहित 6 सदस्यी टीम गठित किया है। इसी तरह गरियाबंद तहसील अंतर्गत अपर कलेक्टर श्री के.के. बेहार. के नेतृत्व में श्री निर्भय साहू डिप्टी कलेक्टर, सहायक आयुक्त, गरियाबंद के तहसीदार, जनपद सीईओ, उप पंजीयक, राजस्व निरीक्षक तथा छुरा तहसील अंतर्गत अनुविभागीय अधिकारी श्री जे.आर. चैरसिया के नेतृत्व में सहायक आयुक्त, छुरा के तहसीदार, जनपद सीईओ, राजस्व निरीक्षक एवं उप पंजीयक गरियाबंद सहित कुल तीन दल का गठन किया है। कलेक्टर श्री धावड़े ने उक्त प्रकरण की जांच हेतु 10 प्रमुख बिन्दु के आधार पर 7 दिवस के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं।

            जांच के प्रमुख बिन्दु 1-क्या राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मापदण्डों/ प्रावधानों के अनुरूप कमार, भुंजिया जनजाति के पक्ष में भूमि अंतरण की कार्यवाही की गई है ? 2- भूमि अंतरण के पूर्व क्या राजस्व अमला द्वारा क्रयशदा भूमि का मौका जांच/राजस्व दस्तावेजो का सत्यापन किया गया है? 3- क्या रजिस्ट्री की गई भूमि शासकीय भूमि या गैर/अयोग्य कृषि भूमि है। 4- क्या रजिस्ट्री के पूर्व क्रेता को भूमि का अवलोकन कराया गया है ? 5- क्या पजीकृत विक्रय पत्र में शासन की ओर से पक्ष समर्थन हेतु प्राधिकृत अधिकारी के हस्ताक्षर है ? 6- क्या विक्रेता पक्ष को रजिस्ट्री के दौरान प्रचलित गाईड लाईन के अनुसार पर्याप्त प्रतिफल प्राप्त हुआ है। 7- क्या क्रेता पक्ष को मूल पंजीकत विक्रय पत्र प्रदाय कर उसके पक्ष में विधिवत अभिलेख दुरूस्ती कराते हुये कब्जा सौपा गया है। 08- अन्य अत्यावश्यक बिंदु जो जांच दल उचित समझे। 9- कंडिका 01 से 08 तक वर्णित तथ्यों के प्रकाश में पर्याप्त दस्तावेजी साक्ष्य संकलित किया जावे तथा किसी प्रकार की गड़बड़ी/अनियमितता पाये जाने पर जिम्मेदार दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूध्द अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावे। 10- उपरोक्त संपूर्ण कार्य हेतु समय/सीमा 07 दिवस निर्धारित किया जाता है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़