Posted on 11 Jan, 2019 6:01 pm

 

रेरा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री अन्टोनी डिसा ने कहा है कि रेरा एक्ट जिन पक्षकारों को ध्यान में रखकर बनाया गया है, उन्हें जागरूक किये बगैर एक्ट की मंशा पूरी नहीं हो सकती। यह एक ऐसा सामाजिक दायित्व है, जो जरूरतमदों के सपनों को पूरा करता हैं। इस कार्य में विधि-विशेषज्ञों की महत्वपूर्ण भूमिका है और उनकी सहभागिता भी आवश्यक है। श्री डिसा आज "रेरा और उसके क्रियान्वयन तथा प्रभाव" पर इन्दौर में दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे। 

   श्री अन्टोनी डिसा ने कहा कि रेरा-एक्ट नागरिक केद्रित है परन्तु बिल्डरों के विरूद्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि इससे जो बदलाव आएगा, उससे बिल्डरों को ज्यादा खरीदार मिलने के साथ ही बाजार में मांग बढ़ेगी। खरीदार अपनी गाढ़ी कमाई से समय पर पंसदीदा आवास प्राप्त कर सकेंगे। श्री डिसा ने कहा कि रियल एस्टेट, भारतीय अर्थ-व्यवस्था में योगदान देने वाला दूसरा महत्वपूर्ण घटक है।

रेरा अध्यक्ष श्री डिसा ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर की सफलता के लिये इससे जुड़े सभी घटकों द्वारा रेरा के नियमों का पालन जरूरी है। रेरा एक्ट का लाभ आम लोगों को मिले, इसके लिये सभी प्रोजेक्ट का पंजीयन होना आवश्यक है। अभी तक रेरा प्राधिकरण में 2105 प्रोजेक्ट पंजीकृत हो चुके हैं। शेष बची अपूर्ण परियोजनाओं के पंजीयन के लिए प्राधिकरण दृढ़-संकल्पित हैं।

उल्लेखनीय है कि प्राधिकरण द्वारा अपंजीकृत प्रोजेक्ट/कालोनी की जानकारी देने वाले सूचनाकर्ताओं को पुरस्कृत करने के लिए पुरस्कार योजना भी लागू की गई है। योजना के अनुसार किसी भी सूचनाकर्ता द्वारा अपंजीकृत अपूर्ण परियोजना की जानकारी का वॉट्स अप संदेश,मोबाईल नंबर 8989880123 पर अथवा  RERA.REWARD@gmail.com पर मेल के माध्यम से भेजा जा सकता है।

कार्यशाला को, रेरा के न्यायिक सदस्य श्री दिनेश कुमार नायक तथा तकनीकी सदस्य श्री अनिरूद्ध कपाले ने भी संबोधित किया। विश्वविद्यालय के कुलपति श्री स्वप्निल कोठारी ने अपने विचार रखे। कार्यशाला में रियल इस्टेट से जुडे़ सीए, इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट सहित बड़ी सख्या में विधि विशेषज्ञों ने भाग लिया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​