Posted on 17 Mar, 2020 8:25 pm

वर्तमान में संक्रामक रोगों से बचाव एवं व्यक्तिगत स्वच्छता हेतु मास्क की अत्यधिक मांग है। बाजार में निम्न गुणवत्ता के महंगे मास्क लोगों द्वारा खरीदने को मजबूर होने जैसी स्थिति भी निर्मित हो रही है।
    ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने इस स्थिति को ध्यान में रखकर ग्रामोद्योग विभाग के अधिकारियों को ऐसे मास्क का रियायती दर पर निर्माण करने के निर्देश दिये, जो अल्पमूल्य का होने के साथ ही  बार-बार उपयोग  में भी लाया जा सके।
    ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर विभाग द्वारा उच्च गुणवत्ता और अल्प मूल्य का मास्क निर्मित किया गया है। मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने आज मास्क का अवलोकन किया तथा स्वयं प्रयोग करके भी देखा। उन्होंने कहा कि यह मास्क प्योर कॉटन ‘दो सूती कपड़े’ से बना है और रियायती दर पर उपलब्ध है। इस मास्क की विशेषता यह है कि इसे धोकर अनेक बार उपयोग किया जा सकता है। चिकित्सकों द्वारा धूल, प्रदूषण और संक्रामक रोग की रोकथाम हेतु इस मास्क को उपयुक्त बताया गया है।
    मास्क को डेटॉल या किसी भी एण्टीसेप्टिक द्वारा धोकर अनेक बार पुनः उपयोग में लाया जा सकता है। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में बाजार में विक्रय हेतु उपलब्ध तथा उपयोग में लाये जा रहे डिस्पोजेबल मास्क में कोई न कोई प्लास्टिक अथवा सिंथेटिक तत्व विद्यमान होता है। सिंथेटिक पदार्थ  विघटित नहीं होने के कारण वातावरण में प्रदूषणकारी तत्व के रूप में सदैव बने रहता है। उल्लेखनीय है कि ‘दो सूती कपड़ा‘ उत्तम कोटि का डिकम्पोजेबल कपड़ा है। उपयोग नहीं होने पर आसानी से इसको डिस्पोज किया जा सकता है।
     अधिकारियों ने बताया कि यह मास्क रायपुर के बिलासा एम्पोरियम में  विक्रय हेतु उपलब्ध है। यह मास्क पर्यावरण व स्वच्छता की दृष्टि से पूर्णतः अनुकूल है।
    साथ ही यह मास्क ऐसे कार्यस्थलों पर जहां धूल एवं प्रदूषणकारी तत्वों के कण अधिक मात्रा में विद्यमान होते हैं जैसे झाड़ू निर्माण, अगरबत्ती निर्माण, फर्शी पत्थर का काम, विभिन्न लघु और कुटीर उद्योग आदि में नियोजित श्रमिकों के सांस में प्रदूषित कणों को जाने से रोकने में भी बेहद प्रभावी है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़