Posted on 18 May, 2020 6:21 pm

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में गर्मी के मौसम में लोगों को पेयजल उपलब्ध कराये जाने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा पिछले डेढ़ माह लॉकडाउन की अवधि में 40 हजार 636 हैण्डपम्पों का सुधारा गया। इसके अलावा 6902 ऐसे हैंडपम्पों जहाँ का जल स्तर नीचे चला गया था वहाँ 34023 मीटर राईजर पाइप बढ़ाकर हैण्डपम्पों को चालू कराया गया। इसके अलावा 94 बसाहटों में जहाँ हैण्डपम्पों में जल स्तर बहुत नीचे चला गया। किन्तु नलकूप में पेयजल की उपलब्धता को देखते हुए उनमें सिंगल फेस मोटर पंप को स्थापित कर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया गया है। इसी अवधि में 134 बसाहटों में नवीन नलकूप खनन कर हैण्डपम्प स्थापित किये गये और 60 टूटे-फूटे हैण्डपम्प प्लेटफार्म का पुनर्निमाण कराया गया है।

प्रमुख अभियंता श्री सी.एस.संकुले ने बताया कि प्रदेश में 16 हजार 253 नल-जल योजनाएँ संचालित हैं इनमें से 14 हजार 891 योजनाएँ चालू हैं। बंद नल-जल योजनाओं में से 186 योजनाओं में स्त्रोत पर ही पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। विभाग द्वारा स्थानीय ग्राम पंचायतों के सहयोग से 167 बंद नल-जल योजनाओं को चालू करवाया है। जबकि स्त्रोत असफल होने से विभाग ने बंद 41 योजनाओं में नवीन स्त्रोत का निर्माण कर पंचायतों के माध्यम से चालू कराया है। इस प्रकार 208 नल-जल योजनाएँ चालू की गई हैं।

5 लाख 38 हजार से अधिक हैण्डपम्प हैं चालू

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधीन प्रदेश के विभिन्न ग्रामीण अंचलों में वर्तमान में 5 लाख 52 हजार 825 हैण्डपम्प स्थापित हैं। इनमें से 5 लाख 38 हजार 10 हैण्डपम्पों के माध्यम से ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। इनमें से 3 हजार 515 हैण्डपम्प सुधार योग्य हैं,उनका सुधार कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जा रहा है। इसके अलावा 9 हजार 96 हैण्ड पम्प जल स्तर अत्यधिक नीचे जाने की वजह से बंद हैं, जो बरसात के बाद चालू हो जायेंगे।

समस्याग्रस्त बसाहटों को किया गया चिन्हांकित

प्रमुख अभियंता श्री संकुले ने बताया कि गर्मी के मौसम के दृष्टिगत पहले से ही संभावित पेयजल समस्या ग्रसित होने वाली बसाहटों को चिन्हांकित कर लिया गया है। प्रदेश में 13 हजार 393 पेयजल समस्या बसाहटें चिंन्हित की गई है जिनकी जनसंख्या 87 लाख 51 हजार 281 है। इनमें से 4752 बसाहटों में 14 हजार 106 हैण्डपम्पों में 1 लाख 18 हजार 464 मीटर राईजर पाइप बढ़ाया जा रहा है और 4276 बसाहटों में नवीन नलकूप खनन की कार्रवाई भी की जा रही है।

इसी तरह 283 ग्रामीण नल-जल योजनाओं में पाईप लाईन बढ़ाकर आवश्यकता के अनुसार पेयजल उपलब्ध कराया जायेगा जबकि 4081 हैण्डपम्पों पर सिंगल मोटर पंप की जरूरत होने पर स्थापित कराई जायेंगी। इसके अलावा 1733 नलकूपों में हाईड्रोफ्रेक्चिंग कराई जायेगी। इन सभी व्यवस्थाओं के बाद भी किसी बसाहट में पेयजल की दिक्कतें आती हैं तो समीप के जल उपलब्धता वाले स्थान से परिवहन कराकर ग्रामीणों को पेयजल उपलब्ध करवाया जायेगा।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश