Posted on 15 Mar, 2021 2:50 pm

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने गूलर का पौधा रोपा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट उद्यान में गूलर का पौधा रोपा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रतिदिन एक पौधा हम सभी को लगाना है। मुख्यमंत्री ने कल पारिजात का पौधा रोपा था।

गूलर का महत्व

गूलर उत्तम औषधि है। चिकित्सा शास्त्रियों के अनुसार कफ, पित्त और अतिसार सहित कई बीमारियाँ इससे ठीक होती हैं। गूलर रक्त विकार दूर करने में भी उपयोगी है।

गूलर शीतल, गर्भसंधानकारक, व्रणरोपक, रूक्ष, कसैला, भारी, मधुर, अस्थिसंधान कारक एवं वर्ण को उज्ज्वल करने वाला है। कफ-पित्त, अतिसार को भी नष्ट करने वाला है।

गूलर की छाल - अत्यंत शीतल, दुग्धवर्धक, कसैली, गर्भ हितकारी और वर्णविनाशक हैं।

कोमल फल- स्तम्भक, कसैले, हितकारी, तथा तृषा पित्त-कफ और रूधिर-दोष नाशक है।

मध्यम कोमल फल - स्वादु, शीतल, कसैले, पित्त, तृषा, मोहकारक एवं वमन तथा प्रदर रोग विनाशक हैं।

तरूण फल - कसैले, रूचिकारी, अम्ल, दीपन, माँसवर्धक, रूधिरदोषकारी और दोषजनक हैं।

पका फल - कसैला, मधुर, कृमिकारक, जड, रूचिकारक, अत्यंत शीतल, कफ-कारक, तथा रक्तदोष, पित्त, दाह, क्षुधा, तृषा, श्रम, प्रमेह शोक और मूर्छा नाशक है। गूलर दो प्रकार का होता है - नदी उदुम्बर और कठूमर। कठूमर के पत्ते गूलर के पत्तों से बड़े होते हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश