Posted on 17 Jul, 2019 3:10 pm

शारीरिक कमियों से जूझ रही बैतूल जिले की मासूम ओजस्वी, बड़वानी जिले की नन्दिनी और झाबुआ जिले के प्रियांशु अब सामान्य बच्चों की तरह बेहतर जिन्दगी जी सकेंगे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से इन बच्चों का नि:शुल्क इलाज होने से यह संभव हुआ है।

बैतूल जिले के आमला निवासी प्रकाश धोटे की सवा साल की बेटी ओजस्वी किसी भी आवाज पर प्रतिक्रिया नहीं देती थी। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम में जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र के चिकित्सक ने उन्हें बहरेपन के नि:शुल्क उपचार की जानकारी दी। शासन की स्वीकृति के बादा ओजस्वी का भोपाल के एक निजी अस्पताल में नि:शुल्क कॉक्लियर इम्प्लांटेशन हुआ। अब ओजस्वी की अठखेलियों से पूरा घर आबाद है।

बड़वानी जिले के ग्राम मोयदा के दयाराम की पुत्री नन्दिनी का होंठ जन्म से ही कटा था। एक दिन बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम गाँव पहुँची और पिता दयाराम से कहा कि नन्दिनी का नि:शुल्क इलाज हो सकता है, इंदौर के एक अस्पताल में नन्दिनी के कटे-फटे होंठ का‍सरकारी खर्चे पर ऑपरेशन हो गया। अब नन्दिनी ही नहीं, पूरे घर का आत्म-विश्वास बढ़ चुका है। परिजनों में उसके स्वस्थ और सुन्दर भविष्य की आस जगी है।

झाबुआ जिले के ग्राम खवासा के जितेन्द्र चौहान के एक वर्षीय बेटे प्रियांशु के होंठ जन्म से ही कटे-फटे थे। आर्थिक मजबूरी से इलाज नहीं हो पा रहा था। आरबीएसके की टीम सहायता से स्माइल ट्रेन योजना में प्रियांशु का सरकारी खर्चें पर सफल ऑपरेशन हुआ। आज प्रियांशु के सुन्दर-सलोने चेहरे को देखकर माँ-बाप खुश हैं।

(सफलता की कहानी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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