Posted on 02 Nov, 2019 6:18 pm

लोक नृत्यों का फ्यूजन, कठपुतली नाच, सूफी गायन, सेक्सोफोन वादन, 
तालकचहरी तथा ढोलामारू का होगा विशेष आकर्षण

 राजधानी रायपुर में एक नवम्बर से आयोजित राज्योत्सव समारोह के अवसर पर तीन नवम्बर को मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल राज्य अलंकरण से 8 विभिन्न सामाजिक संगठनों और विभूतियों को उनके संबंधित क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित करेंगे। इस अवसर पर कार्यक्रम की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत करेंगे। 

राज्योत्सव के तीसरे दिन राज्य अलंकरण सम्मान के अंतर्गत सामाजिक समरसता के लिए महाराजा अग्रसेन सम्मान के लिए रायपुर के श्री रामजी लाल अग्रवाल, मछली पालन के लिए बिलासा बाई कंेवटिन सम्मान माना कैंप रायपुर के श्री सुदीप दास, संस्कृत भाषा के लिए संस्कृति भाषा सम्मान खैरागढ़ के प्रो. कामता प्रसाद त्रिपाठी पीयूष, पत्रकारिता के लिए पंडित माधवराव सप्रे राष्ट्रीय रचनात्मक सम्मान नई दिल्ली के श्री रवीश कुमार, अपराध अनुसंधान के लिए पंडित लखनलाल मिश्र सम्मान दल्लीराजहरा थाने के निरीक्षक श्री मनीष सिंह परिहार तथा श्रम के क्षेत्र में महाराजा रामानुज प्रताप सिंह देव सम्मान संयुक्त रूप से एन.टी.पी.सी. लारा रायगढ़ और भिलाई के श्री प्रशांत शेखर शर्मा को प्रदान किया जाएगा। शहीद वीर नारायण सिंह स्मृति सम्मान पुरस्कार श्री गंगाराम पैकरा, लखनपुर जिला सरगुजा और स्वर्गीय डॉ. भंवर सिंह पोर्ते स्मृति सम्मान पुरस्कार अभ्यारण्य शिक्षण समिति छपरवा, जिला मुंगेली को प्रदान किया जाएगा। 
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृह मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री गुरू रूद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल तथा खाद्य मंत्री श्री अमरजीत भगत, नेता प्रतिपक्ष श्री धरमलाल कौशिक, सांसद रायपुर श्री सुनील सोनी और रायपुर नगर निगम के महापौर श्री प्रमोद दुबे विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल होंगे। राज्योत्सव के तीसरे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के अंतर्गत छत्तीसगढ़ी सुगम संगीत, लोक नृत्यों का फ्यूजन और कठपुतली नाच अपनी छटा बिखरेंगे। साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में कबीर, सूफी गायन, गिटार एवं सेक्सोफोन वादन, तालकचहरी, ढोलामारू तथा लोकमंच भी आकर्षण के केन्द्र होंगे। 

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़