Posted on 16 Oct, 2019 6:14 pm

भोपाल में सुल्तानिया जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. अरुणा कुमार के नेतृत्व में आज चिकित्सक टीम ने एक दुर्लभ प्रसव केस में 35 वर्षीय श्रीमती शबनम की जटिल सर्जरी कर जान बचाई। रायसेन जिले के सुल्तानपुर की शबनम के गर्भाशय के स्थान पर ओवरी में बच्चा विकसित हो गया था और 6 माह की गर्भावस्था के बाद ओवरी फट गई थी। चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने सफल ऑपरेशन के लिये डॉक्टर अरुणा कुमार, डॉ. सोना सोनी, डॉ. जूही अग्रवाल, डॉ. नीतू मिश्रा और डॉ. उर्मिला केसरी को बधाई दी है।

डॉ. अरुणा कुमार ने बताया कि मैंने अपने 30 साल के कॅरियर में ऐसा केस नहीं देखा। यह जटिलता 3 से 6 हजार गर्भवती महिलाओं में से एक में पाई जाती है। आमतौर पर चार-पाँच सप्ताह के दौरान गर्भपात हो जाता है, परंतु शबनम के केस में 22 सप्ताह का गर्भ होने से खतरा अत्यधिक बढ़ गया था। रायसेन से आने के बाद कल रात में ही शबनम की जाँचें की गईं, तो सोनोग्राफी की आवश्यकता महसूस हुई। सुबह सोनोग्राफी हुई, तो पता चला कि बच्चा मर चुका है, जो गर्भाशय में न होकर अंडादानी में है। अंडादानी फटने से पूरे पेट में खून भर गया है। तुरंत निर्णय लेकर ऑपरेशन किया गया।

डॉ. कुमार ने बताया कि शबनम अब पूरी तरह से खतरे से बाहर और स्वस्थ है। उसके पहले से 5 बच्चे होने के कारण नसबंदी कर दी गई है। शबनम को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जा रहा है।

साभारजनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​