Posted on 01 Oct, 2019 5:56 pm

म.प्र. भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) ने बिल्डर द्वारा भौंरी परियोजना भोपाल में प्लॉट पर  किसी भी तरह का विकास कार्य नहीं किये जाने पर आवेदक को मूल राशि ब्याज सहित 8 प्रतिशत वार्षिक दर से 4 लाख 50 हजार रूपये तथा रजिस्ट्री खर्च की राशि 56 हजार 500 सौ रूपये देने का निर्णय दिया है। साथ ही आवेदक द्वारा यह राशि प्राप्त होने पर बिल्डर से प्लॉट का विक्रय पत्र निरस्त कराकर प्लॉट का भैतिक आधिपत्य प्रदान करने को कहा है। बिल्डर द्वारा आवेदक के खाते में एक लाख 10 हजार रूपये राशि  की प्रथम किश्त के रूप में  जमा की जा चुकी है।

 शिकायतकर्ता श्री शिवकुमार सिंह तोमर ने अनावेदक मेसर्स काकड़ा द्वारका बिल्डर्स एण्ड डेवलपर्स की भौरी, भोपाल स्थित 'द्वारका जी सुखद' परियोजना में एक प्लॉट बुक किया था। इसकी रजिस्ट्री 2013 में हुई थी। रेरा में आवेदक ने वर्ष 2017 में शिकायत दर्ज करायी थी कि बिल्डर द्वारा रजिस्ट्री के चार वर्ष बीत जाने के बाद भी परियोजना में किसी तरह का विकास कार्य नहीं किया गया है। आवेदक ने अनावेदक से सम्पूर्ण राशि और रजिस्ट्री खर्च वापस दिलाने की माँग की थी।  

 अनावेदक के इंजीनियर ने सुनवाई में बताया कि इस प्रकरण में प्राधिकरण के आदेशानुसार शेष राशि आवेदक को आगामी पेशी 25 अक्टूबर 2019 को एक लाख 10 हजार रूपये, 25 नवम्बर 2019 को एक लाख 10 हजार रूपये तथा 25 दिसम्बर 2019 को 98 हजार 334 रूपये भुगतान कर देंगे। प्राधिकरण ने अनावेदक को निर्देशित किया कि वे आगामी पेशी पर आवेदक के खाते में राशि जमा कर प्राधिकरण को सूचित करेंगे। यदि किसी भी किश्त का भुगतान आवेदक को नहीं होता है, तो निष्पादन के बाद में पुन: विचार किया जायेगा। आवदेक को अगर इस निष्पादन के बाद में एक भी चेक का भुगतान नहीं होता है, तो वह पुन: प्राधिकरण में आ सकता है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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