Posted on 02 Oct, 2019 4:43 pm

संस्कृति मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने आज  राज्य संग्रहालय में 'महात्मा गाँधी''  प्रदर्शनी  का शुभारंभ किया। डॉ. साधौ ने प्रदर्शनी को युवाओं के लिये प्रेरक और इतिहास के महत्वपूर्ण अध्याय से अवगत होने का महत्वपूर्ण माध्यम बताया। उन्होंने पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय की इस पहल की प्रशंसा की।

प्रदर्शनी में 'महात्मा गाँधी, उनका जीवन एवं स्वाधीनता आन्दोलन में योगदान' विषय पर दुर्लभ अभिलेखों एवं छायाचित्रों को समावेशित किया गया है।  पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय की यह प्रदर्शनी 18 अक्टूबर तक जारी रहेगी। नागरिकों के लिये प्रदर्शनी प्रतिदिन सुबह 10:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक खुली रहेगी। प्रमुख सचिव संस्कृति श्री पंकज राग उपस्थित थे ।

दुर्लभ चित्रों की श्रृंखला

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के जीवन और स्वतंत्रता आन्दोलन की गतिविधियों का चित्रण प्रदर्शनी में किया गया है। देश के समाचार पत्रों में स्वतंत्रता प्राप्ति से संबंधित प्रकाशित समाचारों का संकलन प्रदर्शनी की विशेषता है। इसमें गाँधी जी के मध्यप्रदेश के विभिन्न स्थानों के भ्रमण से संबंधित दुर्लभ श्वेत-श्याम चित्रों का संयोजन भी किया गया है। प्रदर्शनी में ग्वालियर से प्रकाशित अर्द्ध साप्ताहिक जया जी प्रताप के 6 सितम्बर 1947 के अंक का मुख्य पृष्ठ बताता है कि गाँधी जी ने देश में साम्प्रदायिक स्थिति बिगड़ने पर आमरण अनशन प्रारंभ कर दिया था। इसी तरह, इलाहबाद से प्रकाशित सत्याग्रह संग्राम के अंक में धरसाना काण्ड का ब्यौरा है। इसमें गाँधी जी की तस्वीर और पन्ना लाल वर्मा के जप्तशुदा साहित्य का भी विवरण है। प्रदर्शनी में भारत की स्वतंत्रता के लिये वर्ष 1917 में गाँधी जी द्वारा किये गये चम्पारण सत्याग्रह और खेड़ा सत्याग्रह का भी उल्लेख है। वर्ष 1918 में रॉलेट एक्ट पारित होने के बाद गाँधी जी द्वारा ब्रिटिश राज के विरूद्ध शुरू किये गये असहयोग आंदोलन, विदेश वस्तुओं के बहिष्कार, सरकारी नौकरियाँ छोड़ने और सरकार से प्राप्त तमगे वापिस लौटाने जैसी महत्वपूर्ण गतिविधियों से जुड़े चित्र और प्रकाशन भी प्रदर्शनी का हिस्सा हैं। गाँधी जी का अस्पृश्यता, अज्ञानता, मद्यपान के विरूद्ध आंदोलन और वर्ष 1930 के सविनय अविज्ञा आंदोलन के चित्र भी यहाँ प्रदर्शित किये गये हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश