Posted on 05 Feb, 2020 4:19 pm

प्रदेश में रबी फसलों की 85 प्रतिशत बोनी हो चुकी है । कृषि विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार राज्य में रबी फसलों के लिए प्रस्तावित 1850 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व अब तक 1566 हजार हेक्टेयर में बोनी पूर्ण की जा चुकी है ।
राज्य में कुल दलहनी फसलों के लिए प्रस्तावित 915 हजार हेक्टेयर में से 791 हजार हेक्टेयर रकबे में बोनी की जा चुकी है । इनमें से चना फसल के लिए प्रस्तावित क्षेत्र 430 हजार हेक्टेयर में से 413 हजार हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है। इसी प्रकार मटर के प्रस्तावित क्षेत्र 60 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 50.36 हजार हेक्टेयर रकबे में, मसूर के लिए 35 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 29 हजार हेक्टेयर रकबे में, मूंग के लिए 35 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 19 हजार हेक्टेयर में, उड़द के लिए प्रस्तावित 25 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 11.27 हजार हेक्टेयर रकबे में, तिवड़ा के लिए 300 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 235 हजार हेक्टेयर रकबे में, कुल्थी के प्रस्तावित क्षेत्र 30 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 29 हजार हेक्टेयर रकबे में तथा 5.35 हजार हेक्टेयर रकबे में अन्य दलहनी फसल बोयी गई है ।
प्रदेश में तिलहनी फसलों के प्रस्तावित 300 हजार हेक्टेयर के विरूद्व के 232 हजार हेक्टेयर में बोनी हो चुकी है। इनमें अलसी के लिए प्रस्तावित क्षेत्र 60 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 48 हजार हेक्टेयर में बोनी हुई है। इसी प्रकार राई-सरसों एवं तोरिया के प्रस्तावित क्षेत्र 175 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 157 हजार हेक्टेयर में, तिल के लिए 4 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 2.43 हजार हेक्टेयर, सूरजमुखी के लिए प्रस्तावित 15 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 2.63 हजार हेक्टेयर, कुसुम के लिए 10 हजार हेक्टेयर में से 4.29 हजार हेक्टेयर, मूंगफली के लिए 36 हजार हेक्टेयर में से 12.45 हजार हेक्टेयर में और 5.33 हजार हेक्टेयर रकबे में अन्य तिलहनी फसलों की बानी हुई है। राज्य में अनाज फसलों के लिए प्रस्तावित 390 हजार हेक्टेयर रकबे के विरूद्व 338.17 हजार हेक्टेयर में बोनी की जा चुकी है। इसी अंतर्गत गेहूं फसल 192 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 184 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में मक्का 90 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 84 हजार हेक्टेयर में धान 100 हजार हेक्टेयर के विरूद्व क्षेत्र के विरूद्व 63.16 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में और जौ-ज्वार एवं अन्य अनाज के लिए प्रस्तावित 8 हजार हेक्टेयर क्षेत्र के विरूद्व 7.56 हजार हेक्टेयर रकबे में बोनी की जा चुकी है। इसके अलावा गन्ना के लिए प्रस्तावित 45 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 23.14 हजार हेक्टेयर में और साग-भाजी के लिए प्रस्तावित 200 हजार हेक्टेयर के विरूद्व 181.38 हजार हेक्टेयर में बोनी की जा चुकी है।

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़