Posted on 09 Sep, 2020 7:09 pm

प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व के निरस्त दावों के निराकरण के लिये पुन: परीक्षण का कार्य किया जा रहा है। अब तक 20 हजार 517 वन अधिकार दावों को पुन: परीक्षण के बाद मान्य किया जा चुका है।

प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम के तहत पूर्व के निरस्त दावों के निराकरण के लिये एमपी वनमित्र सॉफ्टवेयर विकसित किया गया है। आदिम-जाति कल्याण विभाग द्वारा अब तक 20 हजार 830 ग्राम पंचायत सचिव की प्रोफाइल अपडेट की जा चुकी है और 36 हजार 722 ग्राम वन अधिकार समितियों को पोर्टल में दर्ज किया जा चुका है।

ग्राम वन अधिकार समितियों द्वारा पूर्व के निरस्त 2 लाख 68 हजार 853 दावों का पुन: परीक्षण किया जा रहा है। उपखण्ड स्तरीय समितियों द्वारा परीक्षण के बाद 82 हजार 663 दावों का निराकरण कर अनुशंसा के साथ जिला स्तरीय समितियों को भेजा गया है। जिला स्तरीय समितियों द्वारा 28 हजार 710 दावों का निराकरण कर 20 हजार 517 दावों को मान्य किया जा चुका है।

प्रदेश में वन अधिकार अधिनियम-2006 के क्रियान्वयन के तहत अब तक 2 लाख 29 हजार 988 वनवासियों को व्यक्तिगत एवं 27 हजार 976 सामुदायिक वन अधिकार-पत्र वितरित किये गये हैं। वन अधिकार अधिनियम में लाभान्वित वनवासियों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलाया जा रहा है। प्रदेश में 54 हजार 965 कपिलधारा कूप, 57 हजार 721 भूमि सुधार, 24 हजार 366 डीजल-विद्युत सिंचाई पम्प और करीब 61 हजार आवास पट्टाधारी वनवासियों को मंजूर किये गये हैं।

अनूपपुर में 774 दावे मंजूर

अनूपपुर जिले में वनवासियों के पूर्व में निरस्त दावों का पुन: परीक्षण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया गया। परीक्षण के बाद 774 दावेदारों को उनकी वन भूमि के पट्टे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने अपने अनूपपुर प्रवास के दौरान एक कार्यक्रम में दिये।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश