Posted on 22 Feb, 2019 3:53 pm

 

राज्य शासन ने राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध महापुरूषों के नाम पर शासकीय भवनों, सार्वजनिक स्थलों एवं परियोजनाओं का नामकरण करने के लिए गठित जिला स्तरीय समितियों का पुनर्गठन किया है। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग ने संशोधित आदेश जारी किये हैं। अब जिले के प्रभारी मंत्री समिति के अध्यक्ष होंगे।

पुनर्गठित समिति में अन्य सदस्यों के रूप में स्थानीय सांसद अथवा उनके प्रतिनिधि, जिले के समस्त विधायक, चाहे उनमें से कोई शासन में मंत्री हीं क्यों न हो, उन्हें सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। समिति में अन्य सदस्यों में स्थानीय निकायों के अध्यक्ष/महापौर, विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष को भी शामिल किया गया है। समिति के सदस्य संयोजक संबंधित जिला कलेक्टर होंगे। राज्य शासन ने समिति के कार्य के संबंध में मार्गदर्शी सिद्धांत भी जारी किये हैं।

समिति राष्ट्रीय स्तर के ऐसे प्रसिद्ध महापुरूष के नाम पर ही भवन, संस्था अथवा सार्वजनिक स्थलों का नामकरण करने के लिए सक्षम होगी, जो सर्वविदित हो। समिति उन्हीं भवन, संस्था या स्थान का नामकरण करने के लिए सक्षम होगी, जिनके नामकरण के लिए शासन के किसी विभाग, प्राधिकरण/निगम या मंडल को किसी अधिनियम अथवा नियम के अधीन नामकरण करने की शक्तियाँ प्राप्त न हो। समिति उन्हीं भवन, संस्था या स्थान का नामकरण करने के लिए सक्षम होगी, जिनका नामकरण पूर्व में नहीं किया गया हो। पूर्व में किये गये नामरकण में परिवर्तन करने के लिए समिति सक्षम नहीं होगी। समिति द्वारा इस प्रकार के स्थानों के नामकरण के लिए एक बैठक आयोजित की जायेगी, जिसमें नामांकित सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से ही नामकरण करने का अंतिम निर्णय लिया जायेगा। समिति द्वारा लिये गये निर्णय के संबंध में संबंधित जिला कलेक्टर द्वारा भवन, संस्था एवं सार्वजनिक स्थल के नामकरण के बारे में अधिसूचना जारी की जायेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​