Posted on 08 Mar, 2019 6:37 pm

मीडिया इन्फार्मेटिव के साथ हल एनॉलेटिकल भी होना चाहिये। किसी भी योजना के प्रभाव का नाकारात्मक एवं सकारात्मक स्वरूप सामने लाना चाहिये। नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्री जयवर्द्धन सिंह ने यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय में 'विश्वविद्यालयों में अकादमिक गुणवत्ता- कोलंबिया विश्वविद्यालय, यू.एस.ए. के अनुभव'' पर विद्यार्थियों से कही।

श्री सिंह ने कहा कि मीडिया के कारण ही मैं राजनीति में आया हूँ। उन्होंने बताया कि स्नातक डिग्री के बाद मुम्बई में नौकरी कर रहा था। उसी समय विभिन्न चैनल शुरू हुए। उनकी खबरों को देखकर मैं प्रभावित हुआ और राजनीति में आने का फैसला किया। उन्होंने बताया कि मेरे पिता इस फैसले से सहमत नहीं थे, लेकिन बाद में क्षेत्र में मेरी सक्रियता बढ़ाने की शर्त पर मुझे राजनीति में आने की अनुमति दी।

सप्ताह में एक दिन विशेषज्ञों का व्याख्यान हो

श्री सिंह ने कहा कि सप्ताह में कम से कम एक दिन प्रदेश, राष्ट्र या विश्व स्तर के पत्रकारों का व्याख्यान विश्वविद्यालय में होना चाहिये। रिसर्च पेपर पर अधिक ध्यान दें। अपना लक्ष्य अभी से तय करें कि अगले 10 साल में कहाँ रहना चाहते हैं। श्री सिंह ने बताया कि कोलंबिया स्कूल ऑफ जर्नलिज्म में नवाचार को प्राथमिकता दी जाती है।

भविष्य ऑनलाइन मीडिया का है

मंत्री श्री सिंह ने कहा कि भविष्य ऑनलाइन मीडिया का है। उन्होंने कहा कि प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इंटरनेट पर शिफ्ट हो रहा है। श्री सिंह ने कहा कि एक इण्डिया फोकस्ड वेबसाइट बने, जिसमें विषय-विशेषज्ञ स्वास्थ्य, कृषि और अर्थशास्त्र जैसे विभिन्न विषय पर हर 15 दिन में ऑर्टिकल लिखें। ऐसा काम 'प्रोजेक्ट सिंडीकेट'' वेबसाइट में हो रहा है।

फेक न्यूज से बचें

श्री सिंह ने कहा कि रिपोर्टिंग सही और सकारात्मक होनी चाहिये। फेक न्यूज से बचें। बगैर तथ्य समाचार नहीं बनायें।

बीआरटीएस पर सर्वे करें

श्री सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्र भोपाल में बीआरटीएस रखें या न रखें, इस पर सर्वे कर रिपोर्ट दें। उन्होंने कहा कि सर्वे में भोपालवासियों की राय लें। उन्होंने विद्यार्थियों के प्रश्नों के उत्तर भी दिये।

विश्वविद्यालय के कुलपति श्री दीपक तिवारी ने कहा कि जल्द ही गूगल से मिलकर फेक न्यूज रोकने के संबंध में वर्कशॉप की जायेगी। उन्होंने विषय की रूपरेखा की भी जानकारी दी।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​​

 

Recent