Posted on 25 Feb, 2019 3:25 pm

 

मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ 26 फरवरी को देवास जिले के सोनकच्छ में नर्मदा-कालीसिंध लिंक उद्वहन सिंचाई योजना और बड़वानी जिले के नागलवाड़ी ग्राम में माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना का भूमि-पूजन करेंगे। नर्मदा घाटी विकास मंत्री श्री सुरेन्द्र सिंह बघेल विशेष रूप से उपस्थित रहेंगे।

दोनों योजनाओं से सम्मिलित रूप से एक लाख 47 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता निर्मित होगी। योजनाओं की विशेषता यह है कि प्रत्येक ढाई हेक्टेयर चक में दाबयुक्त जल मिलने से किसान फौव्वारा पद्धति से सिंचाई कर सकेंगे।

भूमि-पूजन कार्यक्रम में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ड़ॉ. विजयलक्ष्मी साधौ, लोक निर्माण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा, जल संसाधन मंत्री श्री हुकुम सिंह कराड़ा, गृह मंत्री श्री बाला बच्चन, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री श्री आरिफ अकील, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी और कृषि मंत्री श्री सचिन यादव भी उपस्थित रहेंगे।

नर्मदा कालीसिंध लिंक प्रथम चरण सिंचाई योजना

योजना में लगभग 3490 करोड़ रूपये लागत की इस योजना से जिले की देवास, बागली, हाटपीपल्या, सोनकच्छ और टोंकखुर्द तहसीलों के 241 गाँव का 86 हजार हेक्टेयर रकबा सिंचित होगा। योजना से शाजापुर जिले की अवन्तिपुर बड़ोदिया, पोलायकलां और शाजापुर तहसील के 22 गाँवों की 5978 हेक्टेयर और सीहोर जिले की जावर तहसील के 19 गाँवों को भी लगभग 8 हजार हेक्टेयर में सिंचाई मिलेगी। योजना के जरिये इंदिरा सागर जलाशय से 32.4 क्यूमेक्स जल उद्वहन किया जाकर पाईप लाईन वितरण प्रणाली से प्रत्येक ढाई हेक्टेयर चक तक 20 मीटर दाब पर जल प्रदाय किया जायेगा।

नागलवाड़ी माईक्रो उद्वहन सिंचाई योजना

इस योजना की लागत लगभग 1173 करोड़ रूपये है। इस योजना से बड़वानी जिले की राजपुर और ठीकरी तहसील के 46 गाँव के 20 हजार 648 हेक्टेयर रकबे और खरगोन जिले की खरगोन और सेगांव तहसील के 70 गाँवों के 26 हजार 352 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचाई सुविधा मिलेगी। नर्मदा नदी से विभिन्न चरण में 15 क्यूमेक्स नर्मदा जल का उद्वहन किया जायेगा।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​