Posted on 23 Jul, 2018 7:23 pm

 

ताउम्र ट्रक ड्रायवरी कर परिवार का भरण-पोषण करते रहे नीमच के मुबारिक हुसैन उम्रदराज होने के कारण जब ट्रक चलाना बंद किया, तो रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया। ऐसे में पंडित दीनदयाल अंत्योदय योजना का राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन मुबारिक हुसैन की बुढ़ापे की लाठी बना।

मुबारिक हुसैन ने नगर पालिका नीमच में ई-रिक्शा के लिये आवेदन किया। उन्हें बैंक ऑफ बडौदा से एक लाख 55 हजार रूपये का ऋण स्वीकृत हो गया। विधायक श्री दिलीप सिंह परिहार ने नीमच में हुए अंसगठित श्रमिक सम्मेलन उन्हें ई-रिक्शा दिया।

आज मुबारिक हुसैन बहुत खुश हैं। रोज 400-500 रूपये कमा लेते हैं। सवारी लाने-ले जाने के अलावा विज्ञापन भी ई-रिक्शा के माध्यम से करते हैं। इससे भी अतिरिक्त आमदनी हो जाती है। योजना के लिये प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का शुक्रिया अदा करते हुए मुबारिक हुसैन कहते हैं कि 'सरकार मेरे बुढ़ापे में जिस तरह मददगार बनी, उसके लिये कितनी भी तारीफ करूँ कम है'।

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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