Updated: Apr, 28 2020

Section 4 of Indian Penal Code (IPC) in Hindi and English

4. राज्यक्षेत्रातीत अपराधों पर संहिता का विस्तार -

इस संहिता के उपबन्ध -

(1) भारत से बाहर और परे किसी स्थान में भारत के किसी नागरिक द्वारा;

(2) भारत में रजिस्ट्रीकृत किसी पोत या विमान पर, चाहे वह कहीं भी हो किसी व्यक्ति द्वारा किए गए किसी अपराध को भी लागू है।

(3) भारत में स्थित कम्प्यूटर संस्थान को लक्ष्य करके भारत के बाहर और परे किसी स्थान में अपराध कारित करने वाले किसी व्यक्ति के द्वारा दिये गये किसी अपराध को भी लागू होगा।

स्पष्टीकरण- इस धारा में -

(क) "अपराध" शब्द के अन्तर्गत भारत से बाहर किया गया ऐसा हर कार्य आता है जो यदि भारत में किया जाता तो, इस संहिता के अधीन दण्डनीय होता है;

(ख) पद "कम्प्यूटर साधन” का वही अर्थ होगा, जो उसे सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (2000 का 21) की यदि 2 की उपधारा (1) खण्ड (त) में उसे समनुदेशित है।

दृष्टांत

क, जो भारत का नागरिक है उगाण्डा में हत्या करता है वह भारत के किसी स्थान में, जहाँ वह पाया जाए, हत्या के लिए विचारित और दोषसिद्ध किया जा सकता है.

नवीनतम निर्णय हेतु कृपया यहाँ क्लिक करें

4. Extension of Code to extraterritorial offences. - The Provisions of this Code apply also to any offence committed by -

(1) any citizen of India in place without and beyond India;

(2) any person on any ship or aircraft registered in India wherever it may be.

(3) any person on any place without and beyond India committing offence targeting a computer resources located in India.

Explanation. - In this section —

(a) word “offence" includes every act committed outside India which, of committed in India, would be punishable under this Code.

(b) the expression computer resource' shall have the meaning assigned to it in clause (k) of subsection (1) of section 2 of the information technology act 2000.

Illustrations

A, who is a citizen of India, commits a murder in Uganda. He can be tried and convicted of murder in any place in India in which he may be found.

For Latest Judgments Please Click Here