Updated: Mar, 29 2020

 

80. जबकि कोई दर विनिर्दिष्ट नहीं है तब ब्याज -- जबकि लिखत में ब्याज की कोई दर विनिर्दिष्ट नहीं है तब उस पर शोध्य रकम मद्धे ब्याज की गणना लिखत के किन्हीं पक्षकारों के बीच ब्याज सम्बन्धी किसी करार के होते हुए भी उस तारीख से, जिसको भारित पक्षकार द्वारा उसका संदाय किया जाना चाहिए, उस तारीख तक जब उस पर शोध्य रकम निविदत्त या आप्त हो या ऐसी रकम के लिए वाद की संस्थिति के पश्चात् ऐसी तारीख तक, जैसी न्यायालय निर्दिष्ट करे, प्रतिवर्ष अठारह प्रतिशत की दर से की जाएगी ।

स्पष्टीकरण --- जबकि भारित पक्षकार संदाय न करने से अनादृत किसी लिखत का पृष्ठांकक है तब वह ब्याज देने के लिए दायी केवल उसी समय से होगा जबकि उसे अनादर की सूचना प्राप्त होती है ।

80. Interest when no rate specified - When no rate of interest is specified in the instrument, interest on the amount due thereon shall, notwithstanding any agreement relating to interest between any parties to the instrument], be calculated at the rate of eighteen per annum, from the date at which the same ought to have been paid by the party Charge, until tender or realization of the amount due thereon, or until such date after the institution of a suit to recover such amount as the Court directs.

Explanation.-When the party charged is the indorser of an instrument dishonoured by non-payment, he is liable to pay interest only from the time that he receives notice of the dishonour.