Updated: Mar, 29 2020

 

131. चैक का संदाय प्राप्त करने वाले बैंकार को अदायित्व -- जिस बैंकार ने अपने पक्ष में साधारणत: या विशेषतः क्रॉस किए हुए चैक का संदाय अपने व्यवहारी लेखे सद्भावपूर्वक और उपेक्षा बिना प्राप्त किया है वह बैंकार उस चैक पर हक के त्रुटिपूर्ण साबित होने की दशा में सही स्वामी के प्रति कोई दायित्व ऐसा संदाय प्राप्त करने के कारण ही उपगत न करेगा ।

[स्पष्टीकरण] - बैंकार क्रॉस चैक का संदाय अपने किसी व्यवहारी लेखे इस धारा के अर्थ में प्राप्त करता है यद्यपि चैक का संदाय प्राप्त करने के पूर्व वह चैक की रकम अपने व्यवहारी खाते में जमा कर देता है ।

[स्पष्टीकरण] -- यह बैंकार का कर्तव्य होगा, जो अदायगी इलेक्ट्रानिक रूपक छंटित चैक पर आधारित प्राप्त करता है, उसने धारण किया है प्रथम-दृष्टया चैक की असलियत का सत्यापन करने के लिये कि छंटित योग्य है एवं लिखत के साक्ष्य में के भाग पर कपट, जाली या छेड़छाड़ करने का सम्यक् तत्परता एवं सामान्य सतर्कता के साथ सत्यापन कर सकता है ।

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131. Non-liability of banker receiving payment of cheque — A banker who has in good faith and without negligence received payment for a customer of a cheque crossed generally or specially to himself shall not, in case the title to the cheque proves defective, incur any liability to the true owner of the cheque by reason only of having received such payment.

[Explanation] --- A banker receives payment of a crossed cheque for a customer within the meaning of this section notwithstanding that he credits his customers account with the amount of the cheque before receiving payment thereof.

[Explanation] - It shall be the duty of the banker who receives payment based on an electronic image of a truncated cheque held with him, to verify the prima facie genuineness of the cheque to be truncated and any fraud, forgery or tampering apparent on the face of the instrument that can be verified with due diligence and ordinary care.

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