Updated: Mar, 29 2020

 

अध्याय 17

लेखों में जमा राशि अपर्याप्त होने के कारण कतिपय

चैक के अनादृत हो जाने की दशा में शास्तियाँ

 

138. लेखों में जमा राशि अपर्याप्त होने आदि के कारण चैकों का अनादृत हो जाना -- जहाँ किसी व्यक्ति द्वारा किसी बैंक में संधारित अपने खाते में से अपने किसी ऋण अथवा अन्य दायित्व से भागतः या पूर्णतः उन्मोचित होने के लिए कोई चैक दिया जाता है और वह चैक खाते में अपर्याप्त राशि होने के कारण अथवा पहले से ही उस खाते में से किन्हीं अन्य व्यक्तियों को संदाय करने का करार कर दिये जाने के कारण बैंक द्वारा बिना भुगतान किये पुनः लौटा दिया जाता है, वहाँ यह समझा जायेगा कि उस व्यक्ति ने अपराध कारित किया है और उसे इस अधिनियम के अन्य उपबंधों पर प्रतिकूल प्रभाव डाले बिना, उतनी अवधि के कारावास से जो कि दो वर्ष तक की हो सकेगी अथवा उतनी राशि के जुर्माने से जो चैक की राशि से दुगुनी तक हो सकेगी अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकेगा :

परन्तु इस धारा की कोई बात तब तक लागू नहीं होगी, जब तक कि :

(क) वह चैक जारी होने की तिथि से छ: मास के अंदर अथवा उसके विधिमान्य रहने की अवधि के अंदर, जो भी पूर्व हो, बैंक में पेश नहीं कर दिया जाता;

(ख) चैक के अधीन राशि पाने वाला अथवा सामान्य अनुक्रम में चैक का धारक, यथास्थिति, बैंक से चैक के अनादृत होकर लौटने की तिथि से तीस दिवस के अंदर चैक के लेखीवाल को शोध्य राशि का संदाय करने के आशय की लिखित सूचना नहीं दे देता; और

(ग) लेखीवाल उस सूचना की प्राप्ति के पन्द्रह दिन के अंदर उस व्यक्ति को जो चैक के अधीन राशि प्राप्त करने वाला हो अथवा जो सामान्य अनुक्रम में चैक का धारक हो, उस राशि का संदाय करने में असफल नहीं रहता है।

स्पष्टीकरण -- इस धारा के प्रयोजनार्थ “ऋण अथवा अन्य दायित्व" से अभिप्राय विधितया प्रवर्तनीय ऋण अथवा अन्य दायित्व से है ।

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CHAPTER XVII

OF PENALTIES IN CASE OF DISHONOUR OF CERTAIN CHEQUES FOR INSUFFICIENCY OF FUNDS IN THE ACCOUNTS

 

138. Dishonour of cheque for insufficiency, etc., of funds in the account - Where any cheque drawn by a person on an account maintained by him with a banker for payment of any amount of money to another person from out of that account for the discharge, in whole or in part of any debt or other liability, is returned by the bank unpaid. either because of the amount of money standing to the credit of that account is insufficient to provisions of this Act, be punished with imprisonment for '[a term which may be extended to two years), or with fine which may extend to twice the amount of the cheque, or with both:

Provided that, nothing contained in this section shall apply unless

(a) the cheque has been presented to the bank within a period of six months? from the date on which it is drawn or within the period of its validity, whichever is earlier;

(b) the payee or the holder in due course of the cheque, as the case may be, makes a demand for the payment of the said amount of money by giving a notice in writing, to the drawer of the cheque. [within thirty days] of the receipt of information by him from the bank regarding the return of the cheque as unpaid; and

(c) the drawer of such cheque fails to make the payment of the said amount of money to the payee or as the case may be, to the holder in due course of the cheque within fifteen days of the receipt of the said notice.

Explanation — For the purposes of this section. "debt or other liability" means a legally enforceable debt or other liability.