Updated: Apr, 09 2019

 

20. शास्ति - (1) जहाँ किसी शिकायत या अपील का विनिश्चय करते समय, यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग की यह राय है कि, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी ने, किसी युक्तियुक्त कारण के बिना सूचना के लिये, कोई आवेदन प्राप्त करने से इंकार किया है या धारा 7 की उपधारा (1) के अधीन विनिर्दिष्ट समय के भीतर सूचना नहीं दी है या असद्भावपूर्वक सूचना के लिये अनुरोध से इंकार किया है या जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक सूचना दी है या उस सूचना को नष्ट कर दिया है, जो अनुरोध का विषय थी या किसी रीति से सूचना देने में बाधा डाली है, तो वह ऐसे प्रत्येक दिन के लिये, जब तक आवेदन प्राप्त किया जाता है या सूचना दी जाती है, दो सौ पचास रुपए की शास्ति अधिरोपित करेगा, तथापि ऐसी शास्ति की कुल रकम पच्चीस हजार रुपए से अधिक नहीं होगीः

परन्तु यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी को, उस पर कोई शास्ति अधिरोपित किए जाने के पूर्व, सुनवाई का युक्तियुक्त अवसर दिया जाएगाः

परन्तु यह और कि यह साबित करने का भार कि उसने युक्तियुक्त रूप से और तत्परतापूर्वक कार्य किया है, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी पर होगा।

(2) जहाँ किसी शिकायत या अपील का विनिश्चय करते समय, यथास्थिति, केन्द्रीय सूचना आयोग या राज्य सूचना आयोग की यह राय है कि, यथास्थिति, केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी, किसी युक्तियुक्त कारण के बिना और लगातार सूचना के लिये कोई आवेदन प्राप्त करने में असफल रहा है या उसने धारा 7 की उपधारा (1) के अधीन विनिर्दिष्ट समय के भीतर सूचना नहीं दी है या असद्भावपूर्वक सूचना के लिये अनुरोध से इंकार किया है या जानबूझकर गलत, अपूर्ण या भ्रामक सूचना दी है या ऐसी सूचना को नष्ट कर दिया है, जो अनुरोध का विषय थी या किसी रीति से सूचना देने में बाधा डाली है वहाँ वह, यथास्थिति, ऐसे केन्द्रीय लोक सूचना अधिकारी या राज्य लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध उसे लागू सेवा नियमों के अधीन अनुशासनिक कार्रवाई के लिये सिफारिश करेगा।

 

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20. Penalties. - (1) Where the Central Information Commission or the State Information Commission, as the case may be, at the time of deciding any complaint or appeal is of the opinion that the central public Information Officer or the State Public Information Officer, as the case may be,has, without any reasonable cause, refused to receive an application for information or has not furnished information within the time specified under sub-section (1) of Section 7 or malafidely denied the request for information or knowingly given incorrect, incomplete or misleading information or destroyed information which was the subject of the request or obstructed in any manner in furnishing the information, it shall impose a penalty of two hundred and fifty rupees each day till application is received or information is furnished, so however, the total amount of such penalty shall not exceed twenty-five thousand rupees:

Provided that the Central Public Information Officer or the State Public Information Officer, as the case may be, shall be given a reasonable opportunity of being heard before any penalty is imposed on him:

Provided further that the burden of proving that he acted reasonably, and diligently shall be on the Central Public Information Officer or the State Public Information Officer, as the case may be.

(2) Where the Central Information Commission or the State Information Commission, as the case may be, at the time of deciding any complaint or appeal is of the opinion that the Central Public Information Officer or the State Public Information Officer, as the case may be, has, without any reasonable cause and persistently, failed to receive an application for information or has not furnished information within the time specified under sub-section (1) of Section 7 or malafidely denied the request for information or knowingly given incorrect, incomplete or misleading information or destroyed information which was the subject of the request or obstructed in any manner in furnishing the information it shall recommend For disciplinary action against the Central Public Information Officer or the State Public Information Officer, as the case may be, under the service rules applicable to him.

 

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