Updated: Feb, 18 2021

Rule 29 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

नियम 29. पच्चीस वर्ष की सेवा के पश्चात् अथवा सेवानिवृत्ति के पाँच वर्ष पूर्व अर्हतादायी सेवा का सत्यापन (Verification of qualifying service after 25 years service or five years before retirement) - (1) किसी शासकीय सेवक की 25 वर्ष की सेवा पूर्ण कर लेने पर अथवा सेवानिवृत्ति अथवा अधिवार्षिकी, जो भी पहले हो, के पाँच वर्ष शेष रह जाने पर [कार्यालय प्रमुख] [वित्त विभाग अधिसूचना क्र. बी. 1/77/नि-2/चार, दिनांक 1-2-77।] तत्कालीन प्रभावशील नियमों के अनुसार उस शासकीय सेवक द्वारा की गई सेवा को सत्यापित करेगा और अर्हतादायी सेवा को अवधारित करेगा और इस प्रकार अवधारित की गई अर्हतादायी सेवा की अवधि [फार्म 27 में] [वित्त विभाग अधिसूचना क्र. एफ. बी. 6/1/-77/आर-2/चार, दिनांक 28-3-1977 द्वारा शब्द "फार्म-27 में" अन्तःस्थापित] उसे संसूचित करेगा। 

(2) उपनियम (1) में किसी बात के होते हए भी, जब कोई शासकीय सेवक किसी अस्थायी विभाग से एक-दूसरे विभाग में स्थानांतरित होता है अथवा जहाँ वह पहले कार्यारत था उसके द्वारा धारित पद अतिशेष घोषित होने के कारण विभाग बंद हो जाए तो, ऐसी परिस्थितियाँ जब भी घटित हों, उसकी सेवा का सत्यापन किया जावेगा।

परन्तुक - विलोपित [वित्त विभाग क्र. एफ. बी. 6/3/78/आर-2/चार, दिनांक 11-9-1978 द्वारा परन्तुक विलोपित ।]

[(3) उपनियम (1) और (2) के अन्तर्गत किये गये सत्यापन को अन्तिम माना जावेगा और पश्चात्वर्ती उन नियमों और शासनादेशों, जिन शर्तों के अधीन पेंशन के लिये सेवा अर्हतादायी होती है, में यदि कोई परिवर्तन होता है तो उन्हें छोड़कर, उसे पुनः नहीं खोला जावेगा।] [वित्त विभाग क्र. एफ. बी. 6/3/78/आर-2/चार, दिनांक 11-9-1978 द्वारा अन्तःस्थापित।]

(4) नवीन मध्यप्रदेश में सम्मिलित होने वाले घटकों में 1-11-1956 के पूर्व की सेवा पुस्तिका में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा प्रमाणीकृत प्रविष्टियों को, जहाँ कहीं वे सामान्य कारोबार के अनुक्रम में की गयी हैं और उनकी सत्यता पर सन्देह न हो, बशर्ते कि उसमें कोई प्रक्षेप, काट-पीट, उपरिलेखन अथवा परिवर्तन न हो जो बाद में किये गये प्रतीत होते हों अथवा शंकास्पद प्रकृति के हों। देय पेंशन अथवा उपदान के लिये प्रमाणित सेवा अभिलेख के रूप में माना जावेगा।

राज्य शासन आदेश

पेन्शन प्रकरणों के त्वरित गति से निराकरण के उपाय, सेवा सत्यापन का प्रमाण पत्र - 

कृपया उपरोक्त विषय पर पत्र क्र./1986 दिनांक 3-5-93 का अवलोकन करें। इस सम्बन्ध में राज्य शासन द्वारा आपको संशोधित पत्र क्र. 766/2622/नि-2/चार/87, दिनांक 25-6-1988 द्वारा समुचित निर्देश प्रसारित किये गये हैं। फिर भी आपके सुझाव के परीक्षणो परान्त पत्र 25-6-1988 के अनुक्रम में राज्य शासन द्वारा अब यह निर्णय लिया गया है कि यदि पेन्शन प्रकरणों का परीक्षण करते समय सेवा का सत्यापन नियमानुसार अंकित नहीं पाया जाता है परन्तु सेवा पुस्तिका की अन्य प्रविष्टियों से जैसे वेतनवृद्धियों की प्रविष्टि निरन्तर होना दर्शित होता है, वहाँ मात्र सेवा सत्यापन की तकनीकी त्रुटि के कारण पेन्शन सम्बन्धित कार्यालय प्रमुख को नहीं लौटाया जाएगा। वरन् इस प्रकार की तकनीकी त्रुटि को नजर अन्दाज कर पेन्शन प्रकरण में पात्रता निर्धारित की जाएगी।

2. कृपया अधीनस्थ मुख्य/वरिष्ठ लेखाधिकारियों (पेन्शन) तथा अन्य सर्व सम्बन्धितों को तदनुसार निर्देशित करें। ताकि पेन्शन प्रकरणों का अधिक त्वरित गति से निराकरण सुनिश्चित किया जा सके।

[वित्त विभाग क्र. 610/938/नि-2/चार, दिनांक 28-7-93 संबोधित संचालक, पेन्शन एवं कर्मचारी कल्याण]

.प्र. सिविल सर्विस पेंशन नियम 1976 के नियम 29 के अधीन सेवा का सत्यापन -

म.प्र. सिविल सर्विसेज (पेंशन) नियम 1976 के नियम 29 में प्रावधान है कि कर्मचारी की 25 वर्ष की अर्हतादायी सेवा पूर्ण होने पर या सेवानिवृत्ति के 5 वर्ष शेष रहने पर (इनमें जो पहिले हो) उसकी सेवा का सत्यापन कर अर्हतादायी सेवा का निर्धारण कर उसकी सूचना कर्मचारी को दी जावे।

इसके अतिरिक्त मूल नियम 74 के नीचे पूरक नियम 39 में भी प्रावधान है कि कार्यालय प्रमुख प्रति वर्ष जून में जो वेतन देयक कोषालय में आहरण हेतु भेजेंगे, उसमें यह प्रमाण पत्र देगे कि वेतन देयक में सम्मिलित सभी कर्मचारियों की सेवा का सत्यापन, स्थानीय अभिलेख से कर लिया है, और ऐसा प्रमाणपत्र सेवा पुस्तिका में भी देंगे

(2) पेंशन प्रकरणों के निराकरण की प्रगति की समीक्षा में यह बात आई कि कर्मचारी की पूर्ण सेवा का सत्यापन न होने से पेंशन स्वीकृति में विलम्ब हुआ। जिससे पेंशनरों को आर्थिक कठिनाई होती है। अतः विभागीय अधिकारियों का ध्यान वि.वि. ज्ञापन क्र. एफ. बी 6/5/77 नियम/चार दि. 4.2.77 की ओर आकृष्ट किया जाता है और निर्देशित किया जाता है कि नियमों का पालन निष्ठापूवर्क करें और कर्मचारियों की सेवा पुस्तक में सेवा सत्यापन यथा समय अंकित किया जावे। [वित्त विभाग क्र. एफ बी 6-2-89/नि-2/चार दिनांक 31.3.89]

दिनांक 4.2.77 के पत्र की प्रतिलिपि सुलभ सन्दर्भ हेतु नीचे दी जा रही है:-

वि. वि. क. एफ बी/6/5/77/नि-2/चार दि. 4.2.77 म.प्र. सिविल सर्विस (पेंशन) नियम 1976 के नियम 29 में प्रावधान है कि कर्मचारी की 25 वर्ष अर्हतादायी सेवा पूर्ण होने या सेवानिवृत्ति के 5 वर्ष शेष रह जाने पर, इनमें जो पहिले हो, उसकी अर्हतादायी सेवा का सत्यापन किया जावे। हाल ही में समस्त राजपत्रित अधिकारियों को भी अराजपत्रित अधिकारी के समान कार्यालय प्रमुख द्वारा वेतन का भुगतान किये जाने की व्यवस्था की गई है। जिससे राजपत्रित अधिकारी की सेवा के सत्यापन में कुछ कठिनाई आ सकती है, अतः निर्देशित किया जाता है पहिले उनकी अराजपत्रित अवधि की सेवा का सत्यापन वेतन देयक/सेवा पुस्तिका के आधार पर कर ले राजपत्रित सेवा अवधि का सत्यापन 1-7-61 से 31-3-70 के सेवा इतिहास से किया जा सकता है। (सेवा इतिहास अभी मुद्रण में है) यदि कोई कठिनाई हो तो महालेखाकार कार्यालय द्वारा आवश्यक सहायता दी जावेगी ।

31-3-70 के बाद की सेवा का सत्यापन महालेखाकार द्वारा हाल ही भेजे गये सेवा विवरण पत्रों से किया जावेगा। अतः उन शासकीय कर्मचारियों की सेवा का सत्यापन, जो नियम 29 की परिधि में आते हो, कार्यालय प्रमुख द्वारा ही किया जावे।