Updated: Mar, 11 2021

जन्म तिथि-

दिनांक 3-12-93 तक के सेवानिवृत्ति प्रकरणों में जिस जन्म तिथि के आधार पर सेवानिवृत्ति मानी गई है उसको ही प्रमाणित मानकर पेन्शन प्रकरण अंतिम तौर पर निराकृत किये जाने बाबत

शासन में ध्यान में कतिपय ऐसे प्रकरण आते रहते हैं जिनमें सम्बन्धित कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में प्रथम बार अंकित जन्म तिथि में उपरिलेखन/काट-छांट होने के कारण उसके नियमितीकरण हेतु प्रकरण वित्त विभाग की सहमति हेतु भेजना पड़ते हैं। कई प्रकरणों में सम्बन्धित नियुक्ति के समय शैक्षणिक प्रमाण-पत्र उपलब्ध होने के बावजूद या सेवा-पुस्तिका में जन्मतिथि गलत अंकित कर दी जाती है। यदि इसे कार्यालय प्रमुख द्वारा सुधार दिया जाता है, तब भी शासन स्वीकृति लेना आवश्यक होता है। इस प्रकार पेन्शन/ परिवार पेन्शन प्रकरणों के अंतिम निराकरण में अनावश्यक विलम्ब होता है।

2. उपर्युक्त वर्णित स्थिति में शासन द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि दिनांक 31-12-1993 तक सेवानिवृत्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के प्रकरणों में जिस जन्म तिथि के आधार पर कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की गई है उसी को प्रमाणित मानकर पेन्शन प्रकरण अंतिम रूप से निराकृत कर दिया जाए।

3. शासन द्वारा यह भी निर्णय लिया गया है कि तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के मामलों में यदि नियुक्ति के पूर्व के हाई स्कूल/हायर सेकेन्ड्री अथवा अन्य शैक्षणिक प्रमाण-पत्र (अल्पशिक्षित कर्मचारी की दशा में) में जन्म तिथि सेवा-पुस्तिका में अंकित जन्म तिथि से पहले की हो तो मध्यप्रदेश वित्तीय संहिता भाग - 1 के नियम 84 के अन्तर्गत उसको मान्य करने के अधिकार सम्बन्धित विभागाध्यक्ष को दिये जाएं।

अतः निर्देशित किया जाता है कि उपर्युक्त प्रकार के जन्म तिथि के प्रकरणों में पैरा 2 एवं 3 अनुसार कार्यवाही की जावे। इस सम्बन्ध में नियमों में संशोधन पृथक से किया जावेगा।

विषय :- पेन्शन प्रकरणों का त्वरित निराकरण अधिकारों का विकेन्द्रीकरण।

शासकीय सेवकों के पेन्शनों प्रकरणों के त्वरित निवर्तन की दृष्टि से राज्य शासन सेवा पुस्तिका में जन्म तिथि में कांट-छांट के प्रकरणों में जन्म तिथि को मान्यता प्रदान करने के अधिकार संचालक, पेन्शन तथा कर्मचारी कल्याण, .प्र. को प्रत्यायोजित करता है।

2. जन्‍मतिथि की मान्यता के लिये प्रस्ताव विभागाध्यक्ष संलग्न पत्रक में शासकीय सेवक की सेवा पुस्तिका और जन्म तिथि के समर्थन में आवश्यक शैक्षणिक मूल प्रमाण-पत्रों के साथ संचालक, पेन्शन तथा कर्मचारी कल्याण को भेजेंगे। संचालक, पेन्शन एवं कर्मचारी कल्याण आवश्यक परीक्षण कर जन्मतिथि के संबंध मेंमान्यता" आदेश पारित करें।

[वित्त विभाग क्र. एफ. बी. 257/29/P.W.C./94/चार, दिनांक 23-12-94]

[वित्त विभाग 148/451/नि-6/चार/94;दिनांक 24-2-1994]

शासकीय कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में प्रथम बार अंकित जन्मतिथि में उपरिलेखन/काट-छांट होने के कारण पेन्शन प्रकरणों के अन्तिम निराकरण (Final redressal of pension cases due to overwriting / truncation on the date of birth marked for the first time in the service book of the government employee) -

शासन के ध्यान में यह बात लाये जाने पर कि संबंधित शासकीय कर्मचारी की सेवा पुस्तिका में प्रथम बार अंकित जन्मतिथि में उपरिलेखन/काट-छांट होने के कारण पेन्शन 'प्रकरणों के अन्तिम निराकरण में अनावश्यक विलंब हो रहा है। वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक 148/451/नि-6/चार/94, दिनांक 24 फरवरी, 1994 द्वारा निर्देश प्रसारित किये गये हैं कि दिनांक 31-12-93 तक सेवा निवृत्त तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों के प्रकरण में जिस जन्मतिथि के आधार पर कर्मचारियों की सेवा निवृत्ति की गई है उसी को प्रमाणित मानकर पेंशन प्रकरण अंतिम रूप से निराकृत कर दिये जाएं।

2. इसी तरह प्रथम एवं द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों के पेन्शन प्रकरणों में हो रहे अनावश्यक विलंब को देखते हुए, अब राज्य शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि दिनांक 31 -12-93 तक सेवानिवृत्ति जिस जन्म तिथि को मानकर की गई है उसी को प्रमाणित मानकर पेन्शन प्रकरण अंतिम रूप से निराकृत किये जाएं।

3. विभागों/कार्यालयों में वर्तमान के लंबित प्रकरण भी इस नये प्रकरणों के तहत निराकृत किये जाएं । तथापि पूर्व में निराकृत प्रकरणों को फिर से नहीं खोला जावे।

[वित्त विभाग क्र. डी.-275/1307/नि-/94/चार, दिनांक 22-10-1994]