Updated: Sep, 11 2018

 

अध्याय 1

 

3. प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रतिग्रहण और प्रतिसंहरण -- प्रस्थापनाओं की संसूचना, प्रस्थापनाओं का प्रतिग्रहण और प्रतिस्थापनाओं तथा प्रतिग्रहणों का प्रतिसंहरण क्रमशः प्रस्थापना करने वाले, प्रतिग्रहण करने वाले या प्रतिसंहरण करने वाले पक्षकार के किसी ऐसे कार्य या लोप से हुआ समझा जाता है, जिसके द्वारा वह ऐसी प्रतिस्थापना, प्रतिग्रहण या प्रतिसंहरण को संसूचित करने का आशय रखता हो, या उसे संसूचित करने का प्रयास रखता हो।

 

03. Communication, acceptance and revocation of proposals - The communication of proposals, the acceptance of proposals, and the revocation of proposals and acceptances, respectively, are deemed to be made by any act or omission of the party proposing, accepting or revoking, by which he intends to communicate such proposal, acceptance or revocation. or which has the effect of communicating it.