Updated: Jul, 01 2019

 

अध्याय 3: न्यायालयों की शक्ति

 

26. न्यायालय, जिनके द्वारा अपराध विचारणीय हैं -- इस संहिता के अन्य उपबन्धों के अधीन रहते हुए -

(क) भारतीय दण्ड संहिता (1860 का 45) के अधीन किसी अपराध का विचारण --

(i) उच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या

(ii) सेशन न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या

(iii) किसी अन्य ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसके द्वारा उसका विचारणीय होना प्रथम अनुसूची में दर्शित किया गया है।

    परन्तु यह कि भारतीय दण्ड संहिता की धारा 376, [धारा 376क, धारा 376कख, धारा 376ख, धारा 376ग, धारा 376घ, धारा 376घक, धारा 376घख] या धारा 376ङ] के अधीन किसी अपराध का विचारण, यथाव्यवहार्य ऐसे न्यायालय के द्वारा किया जाएगा जिसकी पीठासीन अधिकारी कोई महिला हो ।

(ख) किसी अन्य विधि के अधीन किसी अपराध का विचारण, जब उस विधि में इस निमित्त कोई न्यायालय उल्लिखित है, तब उस न्यायालय द्वारा किया जाएगा और जब कोई न्यायालय इस प्रकार उल्लिखित नहीं है तब

(i) उच्च न्यायालय द्वारा किया जा सकता है, या

(ii) किसी अन्य ऐसे न्यायालय द्वारा किया जा सकता है जिसके द्वारा उसका विचारणीय होना प्रथम अनुसूची में दर्शित किया गया है।

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राज्य संशोधन

 उत्तरप्रदेश : धारा 26 में खण्ड (ख) के स्थान पर अग्रलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा :-

“(ख) कोई अन्य विधि के तहत कोई भी अपराध का विचारण किया जा सकेगा :

(i) जब उस कानून में इस संबंध में कोई न्यायालय का उल्लेख है, ऐसे न्यायालय द्वारा या ऐसे न्यायालय से रैंक (दर्जा) में उच्चतर न्यायालय द्वारा, और

(ii) जब ऐसे न्यायालय का उल्लेख नहीं है तो प्रथम अनुसूची में दर्शित न्यायालय द्वारा जिसमें ऐसा अपराध विचारण योग्य है या कोई न्यायालय द्वारा जो ऐसे न्यायालय से उच्चतर है।''

[देखें उत्तरप्रदेश एक्ट संख्या 1 सन् 1984 धारा 6 (दिनांक 4-5-1984 से प्रभावशील)]

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CHAPTER III: POWER OF COURTS
 

26. Courts by which offences are triable — Subject to the other provisions of this Code--

(a) any offence under the Indian Penal Code (45 of 1860) may be tried by

(i) the High Court, or

(ii) the Court of Session, or

(iii) any other Court by which such offence is shown in the First Schedule to be triable;

    Provided that any [offence under section 376, [section 376A, section 376AB, section 376B, section 376C, section 376D, section 376DA, section 376DB] or section 376E of the Indian Penal Code] shall be tried as far as practicable by a Court presided over by a woman.]

(b) any offence under any other law shall, when any Court is mentioned in this behalf in such law, be tried by such Court and when no Court is so mentioned, may be tried by

(i) the High Court, or

(ii) any other Court by which such offence is shown in the First Schedule to be triable.

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STATE AMENDMENT

Uttar Pradesh: In section 26, for clause (b), the following clause shall be substituted, namely :

   "(b) any offence under any other law may be tried -

(i) when any Court is mentioned in this behalf in such law, by such Court, or by any Court superior in rank to such Court, and

(ii) when no Court is so mentioned, by any Court by which such offence is shown in the First Schedule to be triable, or by any Court superior in rank to such Court."

[Vide Uttar Pradesh Act 1 of 1984, sec. 6 (w.e.f. 1-5-1984)]

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