Updated: Jul, 23 2019

 

29. दण्डादेश, जो मजिस्ट्रेट दे सकेंगे -- (1) मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट का न्यायालय मृत्यु या आजीवन कारावास या सात वर्ष से अधिक की अवधि के लिए कारावास के दण्डादेश के सिवाय कोई ऐसा दण्डादेश दे सकता है जो विधि द्वारा प्राधिकृत है।

(2) प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट का न्यायालय तीन वर्ष से अनधिक अवधि के लिए कारावास का या दस हजार रुपए से अनधिक जुर्माने का, या दोनों का, दण्डादेश दे सकता है ।

(3) द्वितीय वर्ग मजिस्ट्रेट का न्यायालय एक वर्ष से अनधिक अवधि के लिए कारावास का या पाँच हजार रुपए से अनधिक जुर्माने का, या दोनों का, दण्डादेश दे सकता है।

(4) मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय की शक्तियाँ और महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय को प्रथम वर्ग मजिस्ट्रेट की शक्तियाँ होंगी।

 

29. Sentences which Magistrates may pass — (1) The Court of a Chief Judicial Magistrate may pass any sentence authorised by law except a sentence of death or of imprisonment for life or of imprisonment for a term exceeding seven years. 

(2) The Court of a Magistrate of the first class may pass a sentence of imprisonment for a term not exceeding three years, or of fine not exceeding ten thousand rupees or of both.

(3) The Court of a Magistrate of the second class may pass a sentence of imprisonment for a term not exceeding one year, or of fine not exceeding five thousand rupees or of both.

(4) The Court of a Chief Metropolitan Magistrate shall have the powers of the Court of a Chief Judicial Magistrate and that of a Metropolitan Magistrate, the powers of the Court of a Magistrate of the first class.