Updated: Jul, 23 2019

 

35. न्यायाधीशों और मजिस्ट्रेटों की शक्तियों को उनके पद-उत्तरवर्तियों द्वारा प्रयोग किया जा सकना -- (1) इस संहिता के अन्य उपबन्धों के अधीन रहते हुए, किसी न्यायाधीश या मजिस्ट्रेट की शक्तियों ,और कर्तव्यों का प्रयोग या पालन उसके पद-उत्तरवर्ती द्वारा किया जा सकता है। 

(2) जब इस बारे में कोई शंका है कि किसी अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश का पद-उत्तरवर्ती कौन है तब सेशन न्यायाधीश लिखित आदेश द्वारा यह अवधारित करेगा कि कौन-सा न्यायाधीश इस संहिता के या इसके अधीन किन्हीं कार्यवाहियों या आदेशों के प्रयोजनों के लिए ऐसे अपर या सहायक सेशन न्यायाधीश का पद-उत्तरवर्ती समझा जाएगा।

(3) जब इस बारे में कोई शंका है कि किसी मजिस्ट्रेट का पद उत्तरवर्ती कौन है तब, यथास्थिति, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट या जिला मजिस्ट्रेट लिखित आदेश द्वारा यह अवधारित करेगा कि कौन-सा मजिस्ट्रेट इस संहिता के, या इसके अधीन किन्हीं कार्यवाहियों या आदेशों के, प्रयोजनों के लिए ऐसे मजिस्ट्रेट का पद-उत्तरवर्ती समझा जाएगा। |

 

35. Powers of Judges and Magistrates exercisable by their successors-in-office - (1) Subject to the other provisions of this Code, the powers and duties of a Judge or Magistrate may be exercised or performed by his successor-in-office.

(2) When there is any doubt as to who is the successor-in-office of any Additional or Assistant Sessions Judge, the Sessions Judge shall determine by order in writing the Judge who shall, for the purposes of this Code or of any proceedings or order thereunder, be deemed to be the successor-in-office of such Additional or Assistant Sessions Judge.

(3) When there is any doubt as to who is the successor-in-office of any Magistrate, the Chief Judicial Magistrate, or the District Magistrate, as the case may be, shall determine by order in writing the Magistrate who shall, for the purpose of this Code or of any proceedings or order thereunder, be deemed to be the successor-in-office of such Magistrate.