No: -- Dated: Feb, 01 2024

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने अवसंरचना विकास कोष (आईडीएफ) के तहत लागू किए जाने वाले पशुपालन पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) को 29,610.25 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ 2025-26 तक अगले तीन वर्षों के लिए जारी रखने की मंजूरी दे दी। यह योजना डेयरी प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरणमांस प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरणपशु चारा संयंत्रनस्ल गुणन फार्मपशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन (कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन) और पशु चिकित्सा वैक्सीन और दवा उत्पादन सुविधाओं के लिए निवेश को प्रोत्साहित करेगी।

भारत सरकार अनुसूचित बैंक और राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी)नाबार्ड और एनडीडीबी से 90 प्रतिशत तक ऋण के लिए दो साल की मोहलत सहित 8 वर्षों के लिए 3 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करेगी। पात्र संस्थान अलग-अलग होंगेनिजी कंपनियांएफपीओएमएसएमईधारा 8 कंपनियां हैं। अब डेयरी सहकारी समितियां डेयरी संयंत्रों के आधुनिकीकरणसुदृढ़ीकरण का भी लाभ उठाएंगी।

भारत सरकार एमएसएमई और डेयरी सहकारी समितियों को 750 करोड़ रुपये के ऋण गारंटी कोष से उधार लिए गए ऋण की 25 प्रतिशत तक ऋण गारंटी भी प्रदान करेगी।

एएचआईडीएफ ने योजना के अस्तित्‍व में आने के बाद से अब तक 141.04 एलएलपीडी (लाख लीटर प्रति दिन) दूध प्रसंस्करण क्षमता79.24 लाख मीट्रिक टन फ़ीड प्रसंस्करण क्षमता और 9.06 लाख मीट्रिक टन मांस प्रसंस्करण क्षमता को आपूर्ति श्रृंखला में जोड़कर गहरा असर डाला है। यह योजना डेयरीमांस और पशु चारा क्षेत्र में प्रसंस्करण क्षमता को 2-4 प्रतिशत तक बढ़ाने में सक्षम है।

पशुपालन क्षेत्र निवेशकों के लिए पशुधन क्षेत्र में निवेश करने का अवसर प्रस्तुत करता हैजिससे यह क्षेत्र मूल्यवर्धनकोल्ड चेन और डेयरीमांसपशु चारा इकाइयों की एकीकृत इकाइयों से लेकर तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त पशुधन और पोल्ट्री फार्मपशु अपशिष्ट से लेकर धन प्रबंधन और पशु चिकित्सा औषधि/वैक्सीन इकाइयों की स्थापना तक एक आकर्षक क्षेत्र बन जाता है। ।

तकनीकी रूप से सहायता प्राप्त नस्ल गुणन फार्मपशु चिकित्सा दवाओं और वैक्सीन इकाइयों को मजबूत करनापशु अपशिष्ट से धन प्रबंधन जैसी नए कार्यों को शामिल करने के बादयह योजना पशुधन क्षेत्र में बुनियादी ढांचे के उन्नयन के लिए एक बड़ी क्षमता प्रदर्शित करेगी।

यह योजना उद्यमिता विकास के माध्यम से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 35 लाख लोगों के लिए रोजगार सृजन का एक माध्यम होगी और इसका उद्देश्य पशुधन क्षेत्र में धन सृजन करना है। अब तक एएचआईडीएफ ने लगभग 15 लाख किसानों को प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित किया है। एएचआईडीएफ किसानों की आय को दोगुना करनेनिजी क्षेत्र के निवेश के माध्यम से पशुधन क्षेत्र का दोहन करनेप्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन के लिए नवीनतम तकनीकों को लाने और पशुधन उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देकर देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक मार्ग के रूप में उभर रहा है। पात्र लाभार्थियों द्वारा प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन बुनियादी ढांचे में इस तरह के निवेश से इन संसाधित और मूल्य वर्धित वस्तुओं के निर्यात को भी बढ़ावा मिलेगा।

इस प्रकार एएचआईडीएफ में प्रोत्साहन द्वारा निवेश न केवल निजी निवेश को 7 गुना बढ़ा देगाबल्कि किसानों को जानकारी पर अधिक निवेश करने के लिए भी प्रेरित करेगाजिससे उत्पादकता और किसानों की आय में वृद्धि होगी।

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India​​