No: -- Dated: Dec, 27 2023

प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति ने 2024 मौसम के लिए खोपरा के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को मंजूरी दे दी है। किसानों को लाभकारी मूल्य प्रदान करने के लिएसरकार ने 2018-19 के केन्‍द्रीय बजट में घोषणा की थी कि सभी अनिवार्य फसलों का एमएसपी अखिल भारतीय भारित उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना स्तर पर तय किया जाएगा। 2024 सीज़न के लिए मिलिंग खोपरा की उचित औसत गुणवत्ता के लिए एमएसपी 11,160/- रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के लिए 12,000/- रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है। इससे मिलिंग कोपरा के लिए 51.84 प्रतिशत और बॉल कोपरा के लिए 63.26 प्रतिशत का मार्जिन सुनिश्चित होगाजो उत्पादन की अखिल भारतीय भारित औसत लागत से 1.5 गुना से भी अधिक है। मिलिंग खोपरा का उपयोग तेल निकालने के लिए किया जाता हैजबकि बॉल/खाद्य खोपरा को सूखे फल के रूप में खाया जाता है और धार्मिक उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है। केरल और तमिलनाडु मिलियन कोपरा के प्रमुख उत्पादक हैंजबकि बॉल कोपरा का उत्पादन मुख्य रूप से कर्नाटक में होता है।

2024 मौसम में मिलिंग खोपरा के लिए एमएसपी में पिछले मौसम की तुलना में 300/- रुपये प्रति क्विंटल और बॉल कोपरा के मूल्‍य में 250/- रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि हुई है। पिछले 10 वर्षों मेंसरकार ने मिलिंग खोपरा और बॉल कोपरा के लिए एमएसपी को 2014-15 में 5,250 रुपये प्रति क्विंटल और 5,500 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2024-25 में 11,160 रुपये प्रति क्विंटल और 12,000 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया जिसमें क्रमशः 113 प्रतिशत और 118 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

उच्च एमएसपी न केवल नारियल उत्पादकों के लिए बेहतर लाभकारी मूल्‍य सुनिश्चित करेगाबल्कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नारियल उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए खोपरा उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित भी करेगा।

चालू मौसम 2023 में सरकार ने 1,493 करोड़ रुपये की लागत से 1.33 लाख मीट्रिक टन से अधिक खोपरा की रिकॉर्ड मात्रा में खरीद की हैजिससे लगभग 90,000 किसानों को लाभ हुआ है। मौजूदा मौसम 2023 में खरीद पिछले सीज़न (2022) की तुलना में 227 प्रतिशत की वृद्धि का संकेत देती है।

भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ लिमिटेड (नैफेडऔर राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ (एनसीसीएफमूल्य समर्थन योजना (पीएसएसके तहत खोपरा और छिलके रहित नारियल की खरीद के लिए केंद्रीय नोडल एजेंसियों (सीएनएके रूप में कार्य करना जारी रखेंगे।

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India