Updated: Jan, 30 2021

अध्याय 3

आयोग, नियुक्ति और अभ्यावेशन

10. आयोग और नियुक्ति - राष्ट्रपति ऐसे व्यक्ति को, जिसे वह ठीक समझे, नियमित सेना के आफिसर के रूप में या कनिष्ठ आयुक्त आफिसर के रूप में आयोग अनुदत्त कर सकेगा या किसी व्यक्ति को नियमित सेना के वारण्ट आफिसर के रूप में नियुक्त कर सकेगा।

11. अभ्यावेशन के लिए अन्य देशीयों की अपात्रता - कोई भी व्यक्ति जो भारत का नागरिक नहीं है, केन्द्रीय सरकार की लिखित रूप में संज्ञापित सम्मति से अभ्यावेशित किए जाने के सिवाय नियमित सेना में अभ्यावेशित नहीं किया जाएगा:

परन्तु इस धारा में अन्तर्विष्ट कोई भी बात नियमित सेना में नेपाल की प्रजाजन के अभ्यावेशन को वर्जित नहीं करेगी।

12. अभ्यावेशन या नियोजन के लिए नारियों की अपात्रता - कोई भी नारी, नियमित सेना के भागरूप या उसके किसी प्रभाग से संलग्न ऐसे कोर, विभाग, शाखा या अन्य निकाय में, जिसे केन्द्रीय सरकार शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा इस निमित्त विनिर्दिष्ट करे, अभ्यावेशित या नियुक्त होने को पात्र होने के सिवाय नियमित सेना में अभ्यावेशित या नियुक्त होने की पात्र नहीं होगी:

परन्तु इस धारा में अन्तर्विष्ट कोई भी बात ऐसी किसी तत्समय प्रवृत्त विधि के उपबन्धों पर प्रभाव नहीं डालेगी, जो नियमित सेना की या उसकी सेवा शाखा की सहायक किसी सेवा को जिसमें नारियां अभ्यावेशन या नियुक्त होने की पात्र हों, समुत्थापित करने और बना रखने के लिए उपबन्ध करती है।

13. अभ्यावेशन आफिसर के समक्ष प्रक्रिया - विहित अभ्यावेशन आफिसर के समक्ष उस व्यक्ति के उपसंजात होने पर जो अभ्यावेशित होने का इच्छुक है, अभ्यावेशन आफिसर उस सेवा की ये शर्ते जिन पर उसे अभ्यावेशित किया जाना है, उसे पढ़कर सुनाएगा और उसे समझाएगा या अपनी उपस्थिति में पढ़वाकर सुनवाएगा और उसे समझवाएगा, तथा अभ्यावेशन के विहित प्ररूप में

उपवर्णित प्रश्न उससे पूछेगा और उसे इस बात से सावधान करने के पश्चात् कि यदि वह ऐसे किसी प्रश्न का मिथ्या उत्तर देगा तो वह इस अधिनियम के अधीन दण्डनीय होगा, ऐसे हर एक प्रश्न का उसका उत्तर अभिलिखित करेगा या अभिलिखित कराएगा।

14. अभ्यावेशन का ढंग - यदि धारा 13 के उपबंधों का अनुपालन करने के पश्चात् अभ्यावेशन आफिसर का समाधान हो जाता है कि अभ्यावेशन का इच्छुक व्यक्ति अपने से पूछे गए प्रश्नों को पूर्णतया समझता है और सेवा की शर्तों के बारे में अपनी सम्मति देता है, और यदि ऐसे आफिसर को कोई अड़चन जान नहीं पड़ती तो वह अभ्यावेशन पत्र पर हस्ताक्षर करेगा और उस व्यक्ति से भी हस्ताक्षर कराएगा और तदुपरि यह समझा जाएगा कि वह व्यक्ति अभ्यावेशित हो गया है।

15. अभ्यावेशन की विधिमान्यता - हर व्यक्ति की बाबत, जो तीन मास की कालावधि पर्यन्त इस अधिनियम के अधीन अभ्यावेशित किए गए व्यक्ति के रूप में वेतन लेता रहा है और जिसका नाम तत्पर्यन्त किसी कोर या विभाग के रोल पर रहा है, यह समझा जाएगा कि वह सम्यक् रूप से अभ्यावेशित हो गया है और वह अपने अभ्यावेशन में किसी अनियमितता या अवैधता के आधार पर या किसी भी अन्य आधार पर चाहे वह कुछ भी क्यों हो अपने उन्मोचन का दावा करने का हकदार नहीं होगा, और पूर्वोक्त रूप में जो व्यक्ति ऐसा वेतन लेता रहा है और जिसका नाम रोल पर रहा है, यदि वह अपने अभ्यावेशन से तीन मास के अवसान के पूर्व अपने उन्मोचन का दावा करता है तो जब तक उसके दावे के अनुसरण में उसे उन्मोचित नहीं कर दिया जाता, कोई भी ऐसी अनियमितता या अवैधता या अन्य आधार तो इस अधिनियम के अधीन अभ्यावेशित किए गए व्यक्ति के रूप में उसकी स्थिति पर प्रभाव डालेगा और उसके उन्मोचन से पूर्व की गई किसी कार्यवाही, कार्य या बात को अविधिमान्य करेगा।

16. व्यक्ति जिन्हें शपथ दिलायी जाएगी - निम्नलिखित व्यक्तियों को शपथ दिलायी जाएगी, अर्थात् :

() योधकों के रूप में अभ्यावेशित सब व्यक्ति,

() अनायुक्त या कार्यकारी अनायुक्त रैंक धारण करने के लिए चुने गए सब व्यक्ति,

() इस अधिनियम के अध्यधीन के सभी ऐसे अन्य व्यक्ति जो केन्द्रीय सरकार द्वारा विहित किए जाएं।

17. शपथ दिलाने का ढंग - (1) जब कि उस व्यक्ति के बारे में जिसे शपथ दिलायी जानी है, यह रिपोर्ट है कि वह कर्तव्य के योग्य है या जब कि ऐसा व्यक्ति परिवीक्षा की विहित कालावधि पूरी कर चुका है, तब उसके कोर या उसके ऐसे प्रभाग के समक्ष या उसके विभाग के ऐसे सदस्यों के समक्ष, जो उपस्थित हों, उसके कमान आफिसर द्वारा या किसी अन्य विहित व्यक्ति द्वारा विहित रूप में शपथ दिलाई जाएगी या उससे प्रतिज्ञान कराया जाएगा।

(2) इस धारा के अधीन विहित शपथ या प्रतिज्ञान के प्ररूप में यह प्रतिज्ञा अंतर्विष्ट होगी कि वह व्यक्ति जिसे शपथ दिलायी जानी है, विधि द्वारा स्थापित भारत के संविधान के प्रति सत्यनिष्ठा रखेगा कि वह नियमित सेना में सेवा करेगा तथा भूमि, समुद्र या वायु मार्ग से जहां कहीं जाने का उसे आदेश दिया जाएगा, और कि वह अपने उपरिस्थापित किसी आफिसर के सब समादेशों का अपने जीवन की जोखिम उठाकर भी पालन करेगा।

(3) यह तथ्य कि अभ्यावेशित व्यक्ति ने वह शपथ ले ली है या प्रतिज्ञान कर लिया है, जो इस धारा द्वारा निर्दिष्ट है, उसके अभ्यावेशन पत्र में प्रविष्ट किया जाएगा और शपथ दिलाने या प्रतिज्ञान कराने वाले आफिसर के हस्ताक्षर से अधिप्रमाणीकृत किया जाएगा।