Updated: Feb, 18 2021

Rule 37 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

नियम 37.- अनिवार्य सेवा निवृत्ति पेंशन (Compulsory Retirement Pension) - (1) शास्ति के रूप में सेवा से अनिवार्य सेवा-निवृत्त शासकीय सेवक को, वैसी शास्ति अधिरोपित करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा पेंशन अथवा उपदान अथवा दोनों अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिनांक की अनुज्ञेय सम्पूर्ण पेंशन अथवा उपदान की वह राशि जो दो-तिहाई से कम नहीं हो स्वीकार हो की जावेगी।

(2) जब कभी किसी शासकीय सेवक के प्रकरण में राज्यपाल द्वारा (चाहे मूल, अपीलीय अथवा पुनर्विलोकन की शक्तियों का प्रयोग करते हए) इन नियमों के अधीन स्वीकार्य पूर्ण क्षतिपूरक पेंशन से कम पेंशन देने का आदेश पारित किया जाय तो ऐसा आदेश पारित करने के पूर्व लोक सेवा आयोग से परामर्श किया जायेगा।

स्पष्टीकरण - इन नियमों में “पेंशन" में "उपदान" (ग्रेच्युटी) शामिल है।

 [(3) उपनियम (1) अथवा उपनियम (2), जैसा भी मामला हो, के अधीन स्वीकृत अथवा पुरस्कृत पेंशन, न्यूनतम पेंशन, जैसा कि "शासन द्वारा समय-समय पर निर्धारित की जावे," [वित्त विभाग अधिसूचना क्र. बी- 25/9/96/PWC/IV, दिनांक 18-6-96 द्वारा स्थापित तथा दिनांक 1-1-86 से लागू।] से कम नहीं होगी। जो 1.1.06 से रु. 3025/- प्रतिमाह है।]