Updated: Feb, 18 2021

Rule 38 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

नियम 38. अनुकम्पा भत्ते (Compassionate Allowanccs) - (1) शासकीय सेवक, जिसे सेवा से पदच्युत (Dismessed) अथवा पृथक् (Removed) किया गया है, पेंशन और उपदान से वंचित रहेगाः

परन्तु यदि, प्रकरण विशेष विचार के योग्य है तो पदच्युत अथवा पदमुक्त करने वाला सक्षम प्राधिकारी अनुकम्पा भत्ता स्वीकृत कर सकेगा जो क्षतिपूरक पेंशन पर सेवानिवृत्त होने पर मिलने वाली पेंशन या उपदान या दोनों की राशि के दो-तिहाई से अधिक नहीं होगा।

(2) उपनियम (1) के उपबन्धों के अधीन स्वीकृत अनुकम्पा भत्ता, नियम 43 के उपनियम (5) में निर्धारित सीमा से कम नहीं होगा।

पति या पत्नी के साथ संयुक्त खाते के माध्यम से पेंशन भुगतान -

“सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों द्वारा मध्यप्रदेश शासन के सिविल पेंशन भोगियों के पेंशन की भुगतान योजना" के पैरा 13.9 के अनुसार पेंशनर को उसकी पेंशन व्यक्तिगत बचत/चालू बैंक खाते में जमा कर भुगतान की सुविधा है। पेंशन भुगतान की उक्त योजना की कंडिका 5, 6, 7 एवं 13 में पेंशनरों के बैंक खातों में पेंशन जमा करने की वर्तमान प्रक्रिया वर्णित है, परन्तु विद्यमान योजना के अंतर्गत “संयुक्त या दोनों में से एक या उत्तरजीवी" खाते में जमा की अनुमति नहीं है।

2. शासन द्वारा निर्णय लिया गया है कि पेंशनर के पति या पत्नी, जिसके पक्ष में पी.पी.ओ. में परिवार पेंशन का प्राधिकरण विद्यमान है, के “संयुक्त बैंक खाते" में पेंशन जमा की अनुमति दी जाए। पेंशनर का पति या पत्नी, के साथ संयुक्त खाते ("पहले अथवा उत्तरजीवी अथवा "दों मे से एक या उत्तरजीवी खाता") के माध्यम से निम्नलिखित शर्तों के अधीन पेंशन का भुगतान किया जा सकता है-

(i) एक बार जब पेंशनर के बैंक खाते में पेंशन जमा हो जाती है तो शासन/बैंक का दायित्व समाप्त हो जाएगा। इसके बाद यदि पति या पत्नी खाते से भूल से राशि आहरित करता है तो बैंक या शासन का कोई दायित्व नहीं रहेगा।

(ii) चूँकि पेशन, पेंशनर के जीवनकाल के लिए ही देय होती है, अतः उसकी मृत्यु की सूचना बैंक को शीघ्रातिशीघ्र दी जाना चाहिए। यह सूचना मृत्यु के एक माह के भीतर अनिवार्यतः दी जाए ताकि पेंशनर की मृत्यु के बाद बैंक संयुक्त खाते में पेंशन जमा करना निरन्तर न रखे। यदि कोई राशि भूल से संयुक्त खाते में जमा हो जाती है तो यह राशि पेंशनर के खाते अथवा अन्य खा योग्य होगी, चाहे यह खाता एकल हो या पति या पत्नि के साथ संयुक्त रूप से हो। कानूनी वारिस, उत्तराधिकारी, निष्पादक, आदि भी संयुक्त जमा राशि की वापसी के लिए दायी होंगे।

(iii) संयुक्त खाते की व्यवस्था की स्थिति में भी पेंशन के एरियर्स के लिए नामांकन के अनुसार भुगतान किए जाने के निर्देश लागू होंगे।

3. विद्यमान पेंशन जो उपर्युक्तानुसार संयुक्त खाते में पेंशन जमा कराने हेतु इच्छुक हो वे उस बैंक शाखा, जहाँ से वे पेंशन आहरित कर रहे हैं, को संलग्न प्रपत्र में आवेदन करेंगे। यह आवेदन-पत्र, इस ज्ञाप के निबंधन एवं शर्ते स्वीकार होने की स्वीकृति के प्रतीक स्वरूप, पेंशनर के पति अथवा पत्नी द्वारा भी हस्ताक्षरित किया जाएगा। यह निर्देश ऐसे शासकीय सेवकों को भी लागू होंगे जो यह ज्ञाप जारी हो के बाद सेवानिवृत्त होंगे।

4. विद्यमान योजना ऊपर इंगित किए अनुसार संशोधित समझी जावेगी। योजना में औपचारिक संशोधन यथा समय जारी किया जाएगा।

5. सभी विभागों/विभागाध्यक्षों तथा तभी अधिकृत बैंकों से अनुरोध है कि वे इस ज्ञाप द्वारा लागू व्यवस्ता का पर्याप्त प्रचार एवं प्रसार करें ताकि पेंशनर इस सुविधा का लाभ ले सकें।

[म.प्र. शा. वित्त विभाग क्रमांक एफ-9/9/2006/नियम/चार, दिनांक 04 नम्बर, 2006]