Updated: Feb, 18 2021

Rule 42 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

नियम 42. 20/25 वर्ष की अर्हता सेवा के पूर्ण होने पर सेवानिवृत्ति :

(1) (क) सरकारी सेवक 20 वर्ष की आर्हता सेवा पूर्ण करने के पश्चात् किसी भी समय, नियुक्ति प्राधिकारी को प्रारूप 28 में उस तारीख से, जिसको कि वह सेवानिवृत्त होना चाहता है, कम से कम एक मास की पूर्व सूचना (नोटिस) देकर या उसके द्वारा एक मास की कालावधि के लिये या उस कालावधि के लिए, जिसके लिए उसके द्वारा वास्तविक रूप से दी गई सूचना से एक मास से कम होती हो, वेतन तथा भत्तों का उसके द्वारा भुगतान करने पर सेवानिवृत्त हो सकेगाः [नियम 42. वित्त विभाग अधिसूचना क्र. एफ.- 25-25-2001- चार-P.W.C. दिनांक 18-6-96 द्वारा स्थापित तथा दिनांक 1-1-86 से लागू।]

परन्तु यह उपनियम निम्नलिखित विभागों के प्रत्येक के सामने कोष्ठकों में वर्णित सरकारी सेवकों को लागू नहीं होगा, जब तक कि उन्होंने 25 वर्ष की अर्हता सेवा पूर्ण न कर ली हो.-

(क) लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग चिकित्सा, सह-चिकित्सा (पैरा -मेडिकल) और तकनीकी स्टॉफ];

(ख) चिकित्सा शिक्षा विभाग, [अध्यापन स्टॉफ, सह-चिकित्सा (पैरा-मेडिकल) और तकनीकी स्टाफ

(ग) श्रम विभाग [कर्मचारी बीमा सेवाओं का चिकित्सा, सहचिकित्सा (पेरा मेडिकल) तथा तकनिकी (Technical) स्टाफ [म.प्र. शा.वि.वि. क्र. एफ. 09/01/2002/नियम/चार दि. 21.9.06 में 'ग' जोड़ा गया।]

परन्तु यह और कि ऐसा सरकारी सेवक, नियुक्ति प्राधिकारी के, लिखित में पूर्व अनुज्ञा के बिना, निम्नलिखित परिस्थितियों के अधीन, सेवानिवृत्त होने के लिए अनुज्ञात नहीं किया जाएगा.-

(एक) जहां सरकारी सेवक निलंबन के अधीन हों;

(दो) जहां सरकारी सेवक के विरुद्ध अनुशासनिक कार्यवाई संस्थित करना नियुक्ति प्राधिकारी के विचाराधीन होः

परन्तु यह भी कि यदि, नियुक्ति प्राधिकारी ने सरकारी सेवक द्वारा दी गई सूचना की तारीख से छह मास के भीतर, द्वितीय परन्तुक के खण्ड (दो) के अधीन कोई विनिश्चय, ऐसी अनुशासनिक कार्यवाई के संबंध में नहीं किया है तो यह समझा जाएगा कि नियुक्ति प्राधिकारी ने ऐसे सरकारी सेवक को छह मास की कालावधि की समाप्ति के पश्चात् की तारीख को सेवानिवृत्त होने के लिए अनुज्ञात कर दिया है।

(ख) नियुक्ति प्राधिकारी, राज्य सरकार के अनुमोदन से, लोकहित में किसी सरकारी सेवक को, उसकी 20 वर्ष की अर्हता सेवा पूर्ण करने के पश्चात् या उसके द्वारा 50 वर्ष की आयु प्राप्त करने के पश्चात् इनमें से जो भी पूर्वतर हो, किसी भी समय, प्रारूप 20 एक मास (नोटिस) या तीन मास का नोटिस उसे देकर सेवानिवृत्त कर सकेगाः [तीन मास के स्थान पर ‘एक मास या तीन मास' किया गया। म.प्र. शासन अधिसूचना क्रमांक एफ. 25-25/2001/नियम/चार, दिनांक 25-1-2003 तथा दिनांक 1.10.2002 से लागू माना गया।]

परन्तु ऐसे सरकारी सेवक को तत्काल सेवानिवृत्त किया जा सकेगा और सेवानिवृत्ति पर सरकारी सेवक, ऐसी राशि का, जो उसके वेतन तथा भत्तों को रकम के बराबर हो, यथास्थिति, सूचना की कालावधि के लिए उसी दर पर, जिस पर वह, सेवानिवृत्ति से ठीक पूर्व आहरित कर रहा था या उस कालावधि के लिए, जिस तक ऐसी सूचना (नोटिस) तीन मास से कम होती हो, दावा करने का हकदार होगा।

टिप्पणी 1.- उपरोक्त खण्ड (क) के अधीन किसी सरकारी सेवक के द्वारा सेवानिवृत्ति की सूचना देने से पूर्व नियुक्ति प्राधिकारी को स्वयं का यह समाधान करना चाहिए कि उसने पेंशन के लिए यथास्थिति 20 या 25 वर्ष की अर्हता सेवा वास्तव में पूर्ण कर ली है। इसी प्रकार, नियुक्ति प्राधिकारी को किसी सरकारी सेवक को उपरोक्त खण्ड (ख) के अधीन सेवानिवृत्ति की सूचना देते समय स्वयं का भी यह समाधान करना चाहिए कि सरकारी सेवक ने वास्तव में 20 वर्ष की अर्हता सेवा पूर्ण कर ली है या उसने 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर ली है।

टिप्पणी 2.- यथास्थिति, सूचना की [एक मास या तीन मास] की कालावधि या सूचना की कालावधि, जो तीन मास से कम हो, की संगणना उस तारीख से की जाएगी, जिसको वह हस्ताक्षरित की गई हो और रजिस्ट्रीकृत डाक के अधीन संसूचित की गई हो। जहां सूचना व्यक्तिशः तामील की गई हो वहां कालावधि की संगणना, उसकी प्राप्ति की तारीख से की जाएगी।

टिप्पणी 3.- सरकारी सेवक को, आवेदन प्रस्तुत करने पर, सूचना की कालावधि के दौरान ऐसा अवकाश मंजूर किया जाएगा, जिसके लिए वह नियमों के अनुसार हकदार होः

परन्तु सूचना की कालावधि की समाप्ति के परे कोई अथवा अवकाश मंजूर नहीं किया जाएगा।

टिप्पणी 4.- उस कालावधि के लिए पेंशन का भुगतान, जिसके लिए किसी सरकारी सेवक को सूचना के बदले में वेतन तथा भत्तों का भुगतान किया गया हो, इन नियमों के नियम 33 के उपनियम (2) के उपबंध द्वारा विनियमित किया जाएगा।

(2) किसी सरकारी सेवक को, जिसने उपनियम (1) के खण्ड (क) के अधीन सेवानिवृत्त होने का चयन किया हो तथा नियुक्ति प्राधिकारी को इस आशय की आवश्यक सूचना दी हो, तदन्तर उसके द्वारा दी गई सूचना वापस लेने के मामले की परिस्थितियों पर विचार कर, ऐसे प्राधिकारी के विशिष्ट अनुमोदन से अपना चयन वापस लेने हेतु प्रवारित किया जाएगाः

परन्तु वापसी का निवेदन, उसकी सेवानिवृत्ति की आशयित तारीख से पूर्व होगा।

(3) जहां सेवानिवृत्ति की सूचना, नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा सरकारी सेवक पर तामील की गई हो, वह सूचना वापस ली जा सकेगी, यदि पर्याप्त कारणों से ऐसा वांछित हो, बशर्ते कि संबंधित सरकारी सेवक सहमत हो।