Updated: May, 20 2023

Rule 64 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

[नियम 64. अन्तरिम पेन्शन जहाँ विभागीय अथवा न्यायिक कार्यवाही लम्बित है (Provisional pension where departmental or judicial proceeding may be pending) - (1) (क) नियम 9 के उपनियम (4) में निर्दिष्ट शासकीय सेवक के सम्बन्ध में कार्यालय प्रमुख उतनी अनन्तिम पेन्शन प्राधिकृत करेगा, जो उस अधिकतम पेन्शन के बराबर होगी, जो शासकीय सेवक को सेवानिवृत्ति की तारीख तक की या यदि वह सेवानिवृत्ति की तारीख को निलम्बित था तो उस तारीख, जिस तारीख को उसे निलम्बित किया गया था, के ठीक पूर्व की तारीख तक की अर्हकारी सेवा के आधार पर अनुज्ञेय हो। [नियम 64 वित्त विभाग, अधिसूचना क्र. एफ. बी. 6/8/89/नि-2/चार, 90, दिनांक 12 दिसम्बर,1990 द्वारा संशोधित।]
(ख) सेवानिवृत्ति की तारीख से प्रारम्भ होकर उस तारीख तक तथा उस तारीख को सम्मिलित करते हुए जिसको कि विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियाँ समाप्त होने के पश्चात् सक्षम प्राधिकारी द्वारा अन्तिम आदेश पारित किये जाए, की कालावधि की अनन्तिम पेन्शन, कार्यालय प्रमुख द्वारा स्थापना वेतन देयक पर निकाली जाएगी और सेवानिवृत्त शासकीय सेवक को संदत्त की जावगी।
(ग) शासकीय सेवक को उपदान का भुगतान तब तक नहीं किया जाएगा जब तक कि विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियाँ समाप्त न हो जाए और उस पर अन्तिम आदेश पारित नहीं कर दिया जाए:
परन्तु जहाँ विभागीय कार्यवाहियाँ, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियन्त्रण तथा अपील) नियम, 1966 के नियम 16 के अधीन उक्त नियमों के नियम 10 के खण्ड (एक), (दो) तथा (चार) में विनिर्दिष्ट शास्तियों में से किसी भी शास्ति को अधिरोपण करने के लिये संस्थित की गई है, वहां शासकीय सेवक को नियमों के अधीन अनुज्ञेय उपदान की 90% तक अनन्तिम उपदान का भुगतान किया जाना प्राधिकृत किया जा सकता है।
(2) कार्यालय प्रमुख द्वारा अनन्तिम पेंशन/उपदान स्थापना वेतन देयक पर निकाला जाएगा तथा नियम 60 के उपनियम (2) में वर्णित शोध्यों को समायोजित करने के पश्चात् शासकीय सेवक को, संपरीक्षा कार्यालय को सूचना के अधीन संदत्त किया जाएगा। उप नियम (1) के अधीन अनन्तिम पेन्शन/उपदान के भुगतान का समायोजन, ऐसी कार्यवाहियों की समाप्ति पर, उस शासकीय सेवक को स्वीकृत अन्तिम सेवानिवृत्ति लाभों से किया जाएगा किन्तु उस स्थिति में कोई वसूली नहीं की जाएगी जहाँ अन्तिम रूप से स्वीकृत पेन्शन/उपदान अनन्तिम पेन्शन/उपदान से कम है या जहां पेंशन/उपदान को या तो स्थायी रूप से या किसी विनिर्दिष्ट कालावधि के लिये कम कर दिया गया हो या रोक दिया गया हो।
टिप्पणी - नियम 64 के अधीन अनन्तिम पेन्शन की मन्जूरी आज्ञापक है, भले ही विभागीय या न्यायिक कार्यवाहियाँ चालू हों।]
 
विभागीय जाँच
विभागीय जाँच चालू रहने की दशा में पेन्शन प्रकरणों में कार्यवाही
(अ)
आपका ध्यान वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/25/75/नि-2/चार, दिनांक 1-9-75 के पैरा 2/3 की ओर आकर्षित कराया जाता है। इसमें यह स्पष्ट आदेश दिये गये हैं कि जिन पेन्शनरों के प्रकरणों में विभागीय जाँच चालू हो उनके पेन्शन प्रकरण महालेखाकार के कार्यालय की ओर उस समय तक न भेजे जाएं जब तक विभागीय जाँच निर्णीत न हो जाए। जाँच की समाप्ति के पश्चात्, विभागीय जाँच में प्रसारित हुए आदेश की एक प्रति के साथ प्रकरण महालेखाकार की ओर भेजा जाए। महालेखाकार ने यह सूचित किया है कि इस आदेश का अनेक प्रकरणों में ध्यान न रखते हुए पेन्शन प्रकरण महालेखाकार की ओर भेजे गये है। अतः आपसे अनुरोध है कि आपके अधीनस्थ समस्त कार्यालय प्रमुखों को ये आदेश दिय जावें कि वे वित्त विभाग के उपरोक्त संदर्भित ज्ञापन में दिये गये आदेशों का कड़ाई से पालन नहीं किया जाता है और पेन्शन प्रकरण के निपटारे में कोई अधिक भुगतान हो जाता है तो उसकी जिम्मेदारी सम्बन्धित कार्यालय प्रमुख पर होगी। [वि.वि. क्र. FB-6/33/77/नि-2/चार, दिनांक 24-12-1977]
(ब)
जिन सेवानिवृत्त कर्मचारियों के विरुद्ध जाँच लम्बित हो उनके पेन्शन प्रकरण, पेन्शन ग्रेच्युटी की पात्रता की अन्तिम रिपोर्ट के लिए महालेखाकार को भेजने बाबत्।
वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/2/88/75/आर-दो/चार, दिनांक 25-11-75 के पैरा 2 में यह निर्देश दिये गये हैं कि वित्त विभाग के ज्ञापन क्रमांक एफ. बी. 6/25/आर-दो/चार/75, दिनांक 1-9-75 के पैरा 2-3 के अन्तर्गत दिनांक 8-9-72 को या उसके पश्चात् सेवानिवृत्त कर्मचारियों के पेन्शन के मामलों में अजाँच प्रमाण-पत्र (No Enguiry Certifeicate) जारी करने की आवश्यकता नहीं है किन्तु जिस प्रकरण में जाँच लम्बित हो ऐसा कोई प्रकरण जाँच में अन्तिम होने तक महालेखाकार, मध्यप्रदेश ग्वालियर को नहीं भेजा जाना चाहिये।
2. इस सम्बन्ध में पुनर्विचार करने के पश्चात् शासन ने यह निर्णय लिया है कि जाँच में अन्तिम आदेश हो जाने के पश्चात् ऐसे प्रकरणों में पेन्शन/ग्रेच्युटी की पात्रता प्रमाणित करने के लिये महालेखाकार, म.प्र. ग्वालियर को इस सुस्पष्ट जानकारी के साथ भेजे जाना चाहिये कि प्रकरण में जाँच लम्बित होने के कारण सी. एस. आर. के फार्म 25 के पृष्ठ 3 अथवा मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेस (पेन्शन) रूल्स, 1976 के फार्म क्रमांक 5 जैसी भी स्थिति हो, में चाही गई जानकारी नहीं भेजी जा सकती है। ऐसे प्रकरणों में पेन्शन/ ग्रेच्युटी की पात्रता सम्बन्धी अन्तिम रिपोर्ट विभागों को भेजते समय महालेखाकार, द्वारा भी प्रत्येक प्रकरण में इस बात का उल्लेख किया जाएगा कि प्रकरण में जाँच लम्बित होने की सूचना उन्हें प्राप्त हो गई है और जाँच में अन्तिम आदेश होने के पश्चात् उसकी प्रति सहित इस रिपोर्ट के आधार पर स्वीकृति जारी की जावे।
3. यह आदेश दिनांक 8-9-72 को या उसके पश्चात् सेवा निवृत्त शासकीय कर्मचारियों के पेन्शन प्रकरणों को लागू होंगे।
[वि.वि. क्र. FB-6/7/78/नि-2/चार, दिनांक 4-7-1978]
(स)
शासकीय सेवकों को सेवा निवृत्ति के पश्चात् विभागीय जाँच की कार्यवाही पेन्शन नियमों के तहत की जाना।
शासन के समक्ष कुछ ऐसे प्रकरण आए हैं जिनमें विभागीय जाँच के चालू रहते, शासकीय सेवक के सेवानिवृत्त होने के पश्चात् भी विभागीय जाँच की कार्यवाही मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत जारी रखी गई और इसी के परिणामस्वरूप ऐसी शास्ति अधिरोपित करने के आदेश भी प्रसारित किये गये जिसका कोई प्रभाव सेवानिवृत्ति के बाद नहीं रहता। उपर्युक्त के सम्बन्ध में यह स्पष्ट किया जाना आवश्यक है कि शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति के पश्चात् म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम, 1966 के तहत शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति के पूर्व चल रही विभागीय जाँच निरन्तर रहेगी एवं इस प्रकार की जाँच की कार्यवाही मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियमों के अन्तर्गत जारी समझी जाएगी जैसा कि इन नियमों में प्रावधान है। यदि सेवानिवृत्ति के बाद जाँच प्रारंभ की जाना हो तो वह पेन्शन नियमों के अन्तर्गत की जा सकेगी।
[वित्त विभाग क्र. सी. - 6-2/90/3/49, दिनांक 7 अप्रैल, 1990]
 
राज्य शासन आदेश
 
विषय :- विभागीय न्यायिक कार्यवाहियां लम्बित होने की स्थिति में अंतरिम पेन्शन स्वीकृत करने के सम्बन्ध में।
मध्यप्रदेश सिविल सर्विसेस (पेन्शन) नियम, 1976 के नियत 64 में, वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक एफ बी. 6/8/89/नि-2/चार/90, दिनांक 12 दिसम्बर, 1990 द्वारा संशोधन करते हुए अन्तिम पेन्शन सम्बन्धी कुछ सुविधाएं प्रदान की गई थी किन्तु ये सुविधाएं दिनांक 1-6-76 या उसके पश्चात् सेवानिवृत्त होने वाले ऐसे कर्मचारियों तक ही सीमित थीं जिनके विरुद्ध विभागीय जाँच/ न्यायलयीन कार्यवाही लंबित है।
2. अब राज्य शासन द्वारा निर्णय किया गया है कि ये प्रसुविधाएं उन कर्मचारियों के मामलों में भी लागू की जाएं जो दिनांक 1-6-1976 के पूर्व सेवानिवृत्त हुये थे और जिनके विरुद्ध लंबे समय से कोई विभागीय/न्यायिक कार्यवाहियाँ संस्थापित होकर प्रचलित हैं।
3. अनन्तिम पेन्शन से सम्बन्धित अन्य प्रावधान यथावत् प्रचलित रहेंगे।
[वित्त विभाग क्र. F. B. 6/3/नि-2/चार/93, दिनांक 17-5-1993]
 
राज्य शासन के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के अंतरिम पेंशन (Provisional Pension) पर देय महंगाई राहत की स्वीकृति।
राज्य शासन के सेवानिवृत्त पेंशनरों/परिवार पेंशनरों के लिए छठवें वेतनमान के अनुसार पेंशन/परिवार पेंशन का निर्धारण कर समय-समय पर महंगाई राहत की स्वीकृति जारी की जा रही है।
2. राज्य शासन के सेवानिवृत्त कर्मचारी जो पाँचवें वेतनमान में वेतन प्राप्त कर रहे थे एवं जिन्हें विभागीय जाँच/न्यायिक प्रकरण के कारण अंतरिम पेंशन (Provisional Pension) प्राप्त हो रही है, उन्हें किस दर से महंगाई राहत दी जाए? यह प्रश्न शासन के विचार में था।
3. राज्य शासन द्वारा विचारोपरान्त निर्णय लिया है कि ऐसे सेवानिवृत्त शासकीय कर्मचारी जो पांचवें वेतनमान में वेतन प्राप्त कर विभागीय जाँच/न्यायिक प्रकरण आदि के कारण अंतरिम पेंशन (Provisional Pension) प्राप्त कर रहे हैं उन्हें निम्नानुसार दरों पर महंगाई राहत स्वीकृत की जाए-
 
सं.क्र.
अवधि
 
 
 
50% महंगाई राहत को महंगाई पेंशन के रूप में परिवर्तित करने के फलस्वरूप प्राप्त पेंशन के योग पर
1.
दिनांक 1.1.2012 से (माह जनवरी 2012 की अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो फरवरी 2012 में देय है)
77%
2.
दिनांक 1.4.2012 से (माह अप्रैल 2012 की अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो मई 2012 में देय है)
84%
3.
दिनांक 1.8.2012 से (माह अगस्त 2012 की अंतरिम) पेंशन/परिवार पेंशन जो सितम्बर 2012 में देय है)
93%
4.
दिनांक 1.11.2012 से (माह नवम्बर 2012 की
 अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो दिसम्बर 2012 में देय है)
101%
5.
दिनांक 1.1.2013 से (माह जनवरी 2013 की अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो फरवरी 2013 में देय है)
111%
6.
दिनांक 1.7.2013 से (माह जुलाई 2013 की अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो फरवरी 2013 में देय है)
122%
7.
दिनांक 1.10.2014 से (माह अक्टूबर की अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो नवम्बर 2014 में देय है)
142%
8.
दिनांक 1.1.2015 से (माह जनवरी 2015 की अंतरिम पेंशन/परिवार पेंशन जो फरवरी 2015 में देय है)
149%
[शब्द "आडिट आफिसर अथवा" वि. वि. क्र. एफ. बी. 6/1/77/नि-2/चार, दिनांक 1-2-1977 द्वारा विलोपित।]
9.
1.7.2015 से (माह जुलाई 2015 का वेतन जो अगस्त 2015 में
159%
10.
1.1.2016 से (माह जनवरी 2016 की अंतरिम पेंशन जो फरवरी 2016 में देय है)

 

166%
11.
1.12.2016
174%
12.
1.1.2017
179%
 
4. महंगाई राहत के कारण किये जाने वाले भुगतान 50 पैसे अथवा उससे अधिक पैसे हों तो उन्हें अगले उच्चतर रुपये में पूर्णांकित किया जावेगा और 50 पैसे से कम राशि छोड़ दिया जावेगा।