Updated: Feb, 24 2021

Rule 66 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

नियम 66. निवृत्तमान शासकीय सेवक द्वारा जमानत देना (Furnising of surety by Retiring Government Servant) - यदि कोई शासकीय बकाया (नियम 65 में संदर्भित के अलावा) किसी कारण से बिना उगाही तथा बिना आंकी हुई रह जाती है तो सेवानिवृत्त हो रहे शासकीय सेवक से यह कहा जा सकता है कि वह किसी उपर्युक्त स्थाई शासकीय सेवक जो पेंशन योग्य पद धारण करता हो से प्रपत्र 8 पर जमानत प्रस्तुत करे।

(बी) यदि उसके द्वारा प्रस्तुत जमानत स्वीकार करने योग्य पायी जाती है तो पेंशन तथा उपदान की स्वीकृति में विलम्ब नहीं किया जावेगा।

(2) (ए) यदि निवृत्तमान शासकीय सेवक जमानत देने में असमर्थ हैं अथवा जमानत देने का अनिच्छुक है तो उससे उचित नगद जमा करा ली जाए अथवा जब तक बकाया वसूलियाँ निर्धारित और समायोजित नहीं हो जाती है तब तक उसे देय उपदान का ऐसा भाग, जो पर्याप्त समझा जाए, रोक लिया जाय।

(बी) नगद जमा होने वाली राशि अथवा उपदान की धनराशि जो रोकी जाना है बकाया वसूलियों की अनुमानित धनराशि तथा उसका पच्चीस प्रतिशत से अधिक नहीं होगी।

(सी) जहाँ सेवानिवृत्त होने वाले शासकीय सेवक की वसूली योग्य अनुमानित धनराशि का आंकलन सम्भव नहीं है तो जमा कराई जाने वाली धनराशि अथवा रोका जाने वाला उपदान का भाग, उपदान की धनराशि का दस प्रतिशत अथवा एक हजार रुपये, जो भी कम हो, तक सीमित होगा।

(3) (ए) शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति की तिथि से 6 माह की अवधि में शासकीय बकाया का आंकलन तथा उसके समायोजन का प्रयास कर लिया जावे। तथा यदि शासन के पक्ष में शासकीय सेवक के विरुद्ध कोई दावा प्रस्तुत नहीं किया जाता है तो यह मान लिया जावेगा कि उसके विरुद्ध आवास किराया या जल प्रमार को छोड़कर कोई राशि बकाया नहीं है।

(बी) शासकीय बकाया निर्धारित हो जाने के बाद उसका समायोजन या तो नगद धनराशि जमा कराकर किया जाएगा अथवा उपदान से उतनी धनराशि रोक दी जाएगी। यदि कोई धनराशि शेष रह जाती है तो खण्ड (ए) में उल्लेखित अवधि की समाप्ति पर निवृत्तमान सेवक को भुगतान की जाएगी।

(सी) जहाँ पेंशनभोगी ने जमानत दे दी है वहाँ खण्ड (ए) में उल्लेखित अवधि के बाद जमानत पत्र वापस कर दिया जाए, बशर्ते कि उस समय तक निर्धारित शासकीय बकाया की वसूली कर ली गई हो।

(4) उप नियम (3) के खण्ड (ए) में उल्लेखित अवधि में शासकीय बकाया तथा अन्य ऐसे बकाया जिनकी वसूली रह जाती है और जिसकी सूचना उक्त अवधि के पश्चात् दी गई है तो वह निवृत्तमान शासकीय सेवक से, वैध प्रक्रिया द्वारा वसूल की जावेगी।

परन्तु आवास किराया तथा जल प्रभार की यदि कोई राशि है, जिसका दावा सेवा निवृत्ति की तिथि से 12 महीने की अवधि की समाप्ति के बाद प्राप्त होता है, तो उसकी वसूली सेवानिवृत्त शासकीय सेवक से नहीं होगी।

टिप्पणी - जहाँ शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति की तिथि के तुरन्त बाद कार्यालय प्रमुख की माँग पर लोक निर्माण विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग से 1-1/2 माह की अवधि में बकाया की जानकारी प्राप्त नहीं होती है तो शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति पर, चाहे अमांग प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया गया हो अथवा उस पर बकाया हो, इस नियम के तहत की गई कार्यवाही के अतिरिक्त उस कर्मचारी से फार्म 25 में एक घोषणा पत्र प्राप्त किया जावेगा। उसे आगे फार्म-26 में वचन पत्र पर हस्ताक्षर करने को कहा जाएगा उपर्युक्त घोषणा पत्र तथा वचन पत्र तथा प्राप्त होने पर कार्यालय प्रमुख आडिट आफिसर  को पेंशन तथा उपदान जारी करने हेतु लिखेगा। यदि शासकीय सेवक के विरुद्ध किसी बकाया की माँग उसके सेवानिवृत्ति से 12 माह की अवधि में नहीं की जाती है तो लोक निर्माण विभाग तथा लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के सम्बन्धित अधिकारी, शासन को हुई क्षति हेतु, व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी माना जाएंगे।