Updated: Mar, 06 2021

जिला स्तर पर पेंशन कार्य का विकेन्द्रीकरण
 
विषय :- पेंशन कार्य का जिला स्तर पर विकेन्द्रीकरण
संदर्भ :- म.प्र. शासन वित्त विभाग का ज्ञाप क्र. एफ. बी. 25/20/94/पी.डब्ल्यू. सी./चार, भोपाल, दिनांक 13-3-95
शासकीय सेवकों को यथासंभव सेवानिवृत्ति तारीख तक पेंशन प्राधिकार प्राप्त हो जाये, इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य शासन संदर्भित निर्देशों को निरस्त करते हुए पेंश के कार्य का जिला स्तर तक विकेन्द्रीकरण कर निम्नांकित निर्देश प्रसारित करता है-
1. जिलों में पदस्थ सभी श्रेणी के कर्मचारियों के पी. पी. ओ./जी.पी. ओ/कम्युटेशन प्राधिकार पत्र जारी करने का कार्य जिला कोषालय द्वारा किया जाएगा। पेंशन की इस व्यवस्था के फलस्वरूप संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन कार्यालय द्वारा निष्पादित किया जाने वाला पेंशन कार्य वापस लिया जाता है। ऐसे जिले जहाँ एक से अधिक कोषालय हैं, वहाँ पर उक्त प्राधिकार पत्र उसी कोषालय द्वारा जारी किये जावें, जिस कोषालय से कर्मचारी का वेतन आहरित होता रहा है।
2. भोपाल स्थित सभी विभागाध्यक्ष कार्यालय के अधीनस्थ सभी श्रेणी के कर्मचारियों के पी. पी.ओ/डी.पी.ओ./कम्यूटेशन प्राधिकार पत्र संचालक, पेंशन द्वारा जारी किये जायेंगे। भोपाल स्थित अन्य कार्यालयों के पी. पी.ओ./जी.पी. ओ. उस कोषालय अधिकारी द्वारा किये जायेंगे, जिस कोषालय से कर्मचारी का वेतन आहरित होता रहा है। भोपाल के बाहर स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालयों के शासकीय सेवकों के पेंशन प्राधिकार पत्र संबंधित कोषालय अधिकारी द्वारा जारी किये जायेंगे।
3. पेंशन प्रकरणों को अंतिम रूप देने में विलम्ब न हो, इसके लिए कार्यालय प्रमुख को वेतन निर्धारण का अधिकार होगा, परन्तु उसकी जाँच संबंधित कोषालय अधिकारी तथा संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन को करने का अधिकार होगा, परन्तु पेंशन का निर्धारण कार्यालय प्रमुख द्वारा किये गये वेतन निर्धारण तथा उन प्रमाणित जानकारी के आधार पर पेंशन प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा।
4. जाँच में गलत जानकारी/गलत वेतन निर्धारण के कारण यदि राशि वसूली की आवश्यकता हुई तो - ऐसी वसूली, पेंशन प्रकरण के निराकरण के बाद प्राप्त होने वाले तथा अन्य देय राशियों में से की जा सकेगी। इस हेतु पेंशन प्रकरण कोषालय/संचालक, पेंशन कार्यालय को भेजने से पूर्व, शासकीय सेवक से क्षतिपूर्ति बंधपत्र 3 प्रतियों में लिये जायें, जिसकी एक प्रति कार्यालय अभिलेख हेतु तथा शेष 2 प्रति पेंशन प्राधिकृत करने वाले कार्यालय की ओर भेजी जाएगी। पेंशन कार्यालय द्वारा क्षतिपूर्ति बंध की एक प्रति पी. पी. ओ. के साथ संलग्न कर जिस स्थान से पेंशन पेंशन प्राप्त करना चाहते हैं, वहाँ के कोषालय पर भेजी जावेगी। क्षतिपूर्ति बंध के आधार पर अधिक भुगतान (किन्हीं कारणों से) होने की दशा में मंहगाई राहत, ग्रेच्युटी, कम्युटेशन व पेंशन की राशि तथा अन्य देश राशियों से अधिक भुगतान की राशि वसूल की जा सकेगी। क्षतिपूर्ति बंध इन निर्देशों के साथ प्रपत्र - 1 में संलग्न है।
5. पेंशन के वर्तमान में प्रचलित 30 प्रपत्रों के स्थान पर पेंशन के सरलीकृत चार प्रपत्र निर्धारित किये जाते हैं, जो इन निर्देशों के साथ संलग्न हैं। इस प्रपत्रों को क्रमशः पेंशन/पारिवारिक पेंशन/उपदान/सांराशिकरण प्रपत्र नाम दिये गये हैं। 01 अक्टूबर, 02 से पेंशन प्रकरण केवल इन्हीं प्रपत्रों में भेजा जाएगा। उक्त तिथि के पूर्व इन नये प्रपत्रों के साथ-साथ वर्तमान में प्रचलित प्रपत्रों में पेंशन प्रकरण कार्यालयों द्वारा स्वीकार किये जायेंगे।
6. डुप्लीकेट सेवा-पुस्तिका एवं जन्मतिथि में काट छांट एवं ओवर राइटिंग की दशा में जन्मतिथि की मान्यता के अधिकार, जिला स्तर के पेंशन प्रकरणों के लिए कलेक्टर व विभागाध्यक्ष कार्यालयों के लिए संचालक, पेंशन/संयुक्त संचालक, पेंशन को होंगे। कलेक्टर इन प्रकरणों के मान्यतः कोषालय अधिकारी के परीक्षणोपरांत देंगे।
7. पंयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन इस नई व्यवस्था के अन्तर्गत कार्यालयों का निरीक्षण आडिट कर सकेगें। इस संबंध में निर्देश पृथक् से जारी किये जा रहे हैं।
8. कोषालय अधिकारी द्वारा निराकृत पेंशन प्रकरणों की समीक्षा के लिए जिला स्तर पर पेंशन सपिति का गठन किया जाएगा, जिसके अध्यक्ष-कलेक्टर, सचिव कोषालय अधिकारी एवं सदस्य के रूप में पुलिस अधीक्षक व मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत होंगे। समिति द्वारा पेंशन प्रकरणों की समीक्षा पर प्रतिवेदन आयुक्त, कोष एवं लेखा तथा संचालक, पेंशन को भेजा जाएगा। पेंशन समिति द्वारा संबंधित कार्यालय प्रमुख को बैठक - में आवश्यक जानकारी के साथ बुलाया जा सकेगा।
9. कोषालय द्वारा निराकरण किय गये प्रकरण एवं जिला स्थित कार्यालयों में लंबित प्रकरणों की नियमित समीक्षा जिला योजना समिति की लोक लेखा समिति द्वारा की जावेगी।
10. जिला स्तर पर निराकृत एवं जिला कार्यालयों में लंबित प्रकरणों की जानकारी प्रतिमाह, विभागवार जिला कोषालय अधिकारी संचालक, पेंशन को प्रेषित करेंगे। इस संबंध में जिला कोषालयो को प्रपत्र संचालक, पेंशन द्वारा इन निर्देशों के जारी होने के एक सप्ताह के भीतर भेज दिया जायेंगे।
11. राज्य स्तर पर समीक्षा करने के लिए संचालक, पेंशन द्वारा प्रतिमाह विभागवार, जिलेवार तथा राज्यवार जानकारी वित्त विभाग को प्रस्तुत की जायेगी।
12. इस प्रक्रिया के अन्तर्गत किये गये प्रावधानों के अनुसार म.प्र. सविल सर्विसेज (पेंशन) नियम, 1976 तथा म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन का कम्युटेशन) नियम, 1996 के नियम एवं उनके संलग्न प्रपत्रों को यथास्थिति उस सीमा तक संशोधित माना जाये। उक्त नियमों में आवश्यक संशोधन पृथक से जारी किय रहे हैं।
संलग्न : सरलीकृत चार पेंशन प्रपत्र ।
[म.प्र.शा.वि.वि. क्रमांक एफ. 25-143/2000/नियम/चार, दिनांक 11-9-2002]
 
 
पेंशन परिलब्धियों की स्वीकृति का प्रपत्र
(प्रपत्र - एक)
नि. 59 एवं 63 (7) देखें
(कर्मचारी द्वारा भरा जावें)
1. नाम......................................................................
2. पिता/पति का नाम...................................................
3. पत्र व्यवहार का पता.................................................
4. जन्मतिथि..............................................................
5. सेवा प्रारंभ करने की तिथि..........................................
6. सेवानिवृत्ति की तिथि.................................................
7. अंतिम वतमान पद का नाम........................................
कार्यालय का नाम तथा पता.............................................
8. सेवाकाल की मुख्य घटनाओं का विवरण
(अ) पदोन्नति/पदावनति
स.क्र.
 
 
पदोन्नति/पदावनति की
तिथि अथवा वर्ष
 
पदोन्नति के पूर्व का वेतन
 
पदोन्नति/पदावनति के पश्चात का वेतनमान
 
रिमार्क
 
 
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
(ब) दण्ड :-
 
सं.क्र.
तिथि/वर्ष
दण्ड का प्रकार/प्रकृति
1.
 
 
2.
 
 
3.
 
 
 
(स) अनुपस्थिति काल (ऐसी अवधि जिसको पेंशन आदि हेतु मान्य करने के लिए नियमितीकरण न हुआ हो)
 
 
सं.क्र.
अवधि
विवरण
1.
 
 
2.
 
 
3.
 
 
 
9. सेवा के प्रारंभ में वेतन तथा वेतनमान........................................
10. वर्तमान वेतन तथा वेतनमान.................................................
11. परिवार का विवरण :-............................................................
स. क्र.
परिवार के सदस्यों
का नाम
जन्मतिथि
कर्मचारी
से संबंध
विवाहित अविवाहित
रिमार्क (यदि विकलांग हो तो उसका उल्लेख करें)
1.
 
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
 
12. जिला कोषालय का नाम जहाँ से आप..........................................
सेवानिवृत्ति लाभ लेना चाहते हैं।
13. सेवानिवृत्ति के उपरान्त देय विभिन्न राशियों के लिए नामांकन :-
 
 
स.क्र.
संदाय की राशि किस देयता से संबंधित है, उसका
नाम
नामांकित व्यक्ति/ व्यक्तियों का नाम विवरण/पेंशन/उपदान इत्यादि
संबंध
जन्म
तिथि
 
संदाय
राशि
का विवरण
 
कॉलम-3 में नामांकित के न रहने की दशा में अन्य नामांकित व्यक्ति का विवरण
नाम
संबंध
जन्मतिथि
संदाय राशि का अंश
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
1.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
14. मेरे संयुक्त छायाचित्र/नमूना हस्ताक्षर/कद एवं पहचान चिन्ह के तीन सेट संलग्न हैं।
घोषणा-पत्र
मैं एतद् द्वारा घोषणा करता हूँ/करती हूँ कि मेरे द्वारा दिया गया विवरण सही है। पेंशन व अन्य सभी स्वत्वों में हुए अधिक भुगतान की वसूली पेंशन व अन्य मिलने वाली राशि से करने हेतु क्षतिपूर्ति बंध इस प्रपत्र के साथ सलंग्न है। उक्त जानकारी में तथ्यों को न तो छुपाया गया है और न ही गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
संलग्न - क्षतिपूर्ति बंध
दिनांक -  कर्मचारी के हस्ताक्षर

 

INDEMNITY BOND
Whereas I (name).......................am holding the post of ............................... in the office/Department under Government of Madhya Pradesh;
And Whereas in pursuance of the orders of Government contained in.............I am retiring/proceeding on leave preparatory to retirement from Government service and accordingly handing over charge of my said office to ................ on............... FN/AN
And whereas it is not possible for Government or my successor to fully and adequately examine the accounts of all moneys belonging or due to Government for the custody or recovery of which I am responsible or to check the stock of Government property in my charge within the time available before the date on which I am to be relieved of may said office.
And whereas it is incumbent upon me truly and faithfully, to account for all the moneys and property aforesaid and to indemnify Government for any loss or damage which may have happened or been sustained during my tenure of the said office and which shall be discovered after may relief therefrom.
NOW IT IS HERBY AGREEED AND DECLARED by me, that in case any such loss or damage or overpayment in pensionery benefit, pay fixation etc. or any other matter is discovered and the State Government is satified, after giving me a opportunity to explain the same and after taking into consideration my explanation in respect thereof, provided it is submitted within prescribed time, that the loss or damage was due to neglect, faiure, misconduct or disobedience on may part and requires me, by notice in writing, to make good that loss or damage, or overpayment in pension pensionery benefit, pay fixation etc. or any other matter I undertake forthwith to pay such amount.
I FURTHER AGREE AND DECLARE that if I fail to pay any amount demanded from me within a reasonable time, the same may be recovered from me by a civil suit or as an arrear of land revenue.
Government has agreed to bear any stamp duty which may be chargeable on this bond.
Signed by me this.................... day of...................
(Signature)....................
(Office)..........................
NOTE :- No Pension case should be forwarded unaccompanied by a certificate to the effect that no enquiries are pending against the, officer concerned which may result in orders to recover amount or value of property lost from him.
 
प्रपत्र दो
पेंशन नियम 57 (1), 59, 61 (1), 63 (1), एवं (7)
(कार्यालय प्रमुख द्वारा भरा जावे)
1. कर्मचारी का नाम एवं पदनाम.....................................................
2. जन्‍मतिथि...............................................................................
3. प्रथम नियुक्ति का दिनांक...........................................................
4. सेवानिवृत्ति का दिनांक...............................................................
5. कुल अवधि (4-3)......................................................................
6. पेंशन के अयोग्य सेवा की अवधि :-...............................................
 
 
सं. क्र.
अवधि
पेंशन हेतु मान्य न
करने का कारण
रिमार्क
1.
2.
3.
कब से
कब तक
 
 
   

7. पेंशन हेतु शुद्ध अर्हतादायी सेवा (5-6) वर्ष ................ माह............. दिन...............
8. वर्तमान वेतनमान ..........................................
9. पूर्ण सेवाकाल में समय- समय पर प्राप्त वेतन का विवरण :-
(1) सेवा में प्रथम नियुक्ति दिनांक को वेतन.................. एवं वेतनमान.............
(2) सेवाकाल के दौरान सामयिक वेतनमानों में वेतन निर्धारण
 
सं.क्र.
वर्ष
धारित पद
का नाम
वेतनमान
प्रारम्भिकवेतन
वेतनवृद्धि की राशि वेतन
पश्चात्वर्ती वेतन
रिमार्क
1.
 
 
 
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
 
 
4.
 
 
 
 
 
 
 
5.
 
 
 
 
 
 
 
6.
 
 
 
 
 
 
 
7.
 
 
 
 
 
 
 
8.
 
 
 
 
 
 
 
9.
 
 
 
 
 
 
 
10.
 
 
 
 
 
 
 
11.
 
 
 
 
 
 
 
12.
 
 
 
 
 
 
 
 
(3) अंतिम उपलब्धि - 1. मूल वेतन......................2. मंहगाई भत्ता....................
10. औसत उपलब्धियों की गणना :-
(अंतिम 10 माह में प्राप्त उपलब्धियों के आधार पर)
 
सं.क्र.
धारित पद का नाम
माह एवं वर्ष
मासिक उपलब्धि
1.
 
 
 
2.
 
 
 
3.
 
 
 
4.
 
 
 
5.
 
 
 
6.
 
 
 
7.
 
 
 
8.
 
 
 
9.
 
 
 
10.
 
 
 
 
 
योग
 
 
11. पेंशन की प्रस्तावित राशि औसत उपलब्धि रु.........................
12. लंबित विभागीय जाँच के विवरण :-
 
सं.क्र.
आरोप पत्र प्रस्तुत करने की तिथि
विवरण
विभागीय जाँच के
आरोपों के अन्तर्गत
शासन को वित्तीय हानि
की संभावित राशि
 
विभागीय जाँच पर अंतिम निर्णय की संभावित तिथि
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
 
13. उपदान राशि की गणना :-
सं.क्र.
अंतिम उपलब्धियाँ
अर्हतादायी (छः माही में)
 
उपदान राशि की गणना= अर्हतादायी सेवा X अंतिम उपलब्धियाँ X 1/4
देय उपदान राशि
 
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
14. परिवार पेंशन भोगी का नाम :-
सं.क्र.
परिवार पेंशनभोगी का नाम
जन्मतिथि
 
कर्मचारी से संबंध
 
रिमार्क
 
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
15. पारिवारिक पेंशन की गणना राशि  अवधि
  कब से कब तक
(क) बढ़ी दर से.......................................
(ख) सामान्य दर से...................................
16. पेंशन प्रारंभ होने का दिनांक..........................
17. कोषालय का नाम (जहाँ से पेंशन/ग्रेच्युटी........................
की राशि का भुगतान लेना चाहते हैं)
18. कर्मचारी के विरुद्ध अवशेष धनराशियों का विवरण (आवास किराया एवं जल कर सहित):-
 
सं.क्र.
विवरण
अवशेष धनराशि
सक्षम अधिकारी के वसूली हेतु आदेश का क्र. एवं दिनांक
रिमार्क
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
19.शासकीय आवास गृह यदि आवंटित है तो उसके रिक्त करने की तारीख......................................
 
कार्यालय प्रमुख या घोषणा पत्र
यह प्रमाणित किया जाता है कि श्री/श्रीमती..................... के संबंध में उपर्युक्तानुरूप दिया गया विवरण सही है तथा इसकी पुष्टि कार्यालयीन अभिलेख तथा संबंधित के सेवा-अभिलेख से कर ली गई है। क्षतिपूर्ति बंध भी संलग्न है।
संलग्न : क्षतिपूर्ति बन्ध
दिनांक :
कार्यालय प्रमुख के हस्ताक्षर
पदनाम (सील सहित)
 
कर्मचारी के संयुक्त छायाचित्र नमूना हस्ताक्षर/कद एवं पहचान चिन्ह
 
संचालक, पेंशन/कोषालय को दो प्रतियों में भेजा जावे। कार्यालय प्रमुख कार्यालयीन अभिलेख की एक प्रति रखें। अतः विवरण कर्मचारी द्वारा तीन प्रतियों में कार्यालय प्रमुख को दिया जावे।
1. कर्मचार का पत्नी/पति के साथ पासपोर्ट आकार
का सत्यापित संयुक्त छायाचित्र
कर्मचारी का नाम/पदनाम .....................................
नमूना हस्ताक्षर 1...................................
  2...................................
  3...................................
हस्ताक्षर न करने की दिशा में अंगूठे के निशान 1...................................
  2...................................
  3...................................
(क) ऊँचाई .....................................
(ख) पहचान चिन्ह .....................................
कर्मचारी का वर्तमान एवं स्थाई पता .....................................
स्थान : कार्यालय प्रमुख के हस्ताक्षर
दिनांक : पदनाम (सील सहित)
 
परिवार पेंशन/मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान की स्वीकृति का प्रपत्र
प्रपत्र तीन
[नि. 69 (2), 6 (3) तथा 71 (2) देखें]
(आवेदक द्वारा भरा जावे)
1. मृत कर्मचारी का नाम........................................................................
2. मृत कर्मचारी के पिता/पति का नाम......................................................
3. मृत कर्मचारी द्वारा धारित अंतिम पद का नाम.........................................
तथा कार्यालय का नाम एवं पता...............................................................
4. मृत कर्मचारी की मृत्यु दिनांक.............................................................
(मृत्यु- प्रमाण- पत्र सलंग्न करें)
5. मृत कर्मचारी के परिवार का विवरण :-
 
सं.क्र.
परिवार के सदस्यों के नाम
जन्मतिथि
मृतक कर्मचारी से संबंध
रिमार्क
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
4.
 
 
 
 
5.
 
 
 
 
 
 
6. यदि मृतक पेंशन प्राप्त करता था तो-
(क) सेवानिवृत्ति का दिनांक.................................................
(ख) पेंशन भुगतान आदेश संख्या (यदि कोई हो तो).......................
(ग) पेंशन प्राधिकृत करने वाले अधिकारी......................................
7. आवेदक का विवरण -
(क) नाम......................................................
(ख) पिता/पति का नाम.............................................
(ग) जन्मतिथि (पुत्र/पुत्रियों के मामले में)..........................
जन्मतिथि प्रमाण पत्र संलग्न करें)
8. आवेदक का पत्र व्यवहार का पता..................................
9. जहाँ परिवार पेंशन, संरक्षक के माध्यम से भुगतान की जाना हो, वहाँ संरक्षक का नाम/पता एवं पुत्र -
पुत्री से संबंध.................................
10. कोषालय का नाम जहाँ से भुगतान लेना चाहते हैं.................................
11. अभिप्रमाणित छायाचित्र, नमूना हस्ताक्षर, कद एवं पहचान चिन्ह संलग्न हैं।
उद्घोषणा
मैं एतद् द्वारा घोषणा करता हूँ/करती हूँ कि मेरे द्वारा उपर्युक्तानुसार दिया गया विवरण सही हैं। उक्त जानकारी में तथ्यों को न तो छुपाया गया है और न ही गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
दिनांक : आवेदक के हस्ताक्षर
 
प्रपत्र चार
[नि. 69 (7) एवं 70 (6) देखें]
(कार्यालय प्रमुख द्वारा भरा जावे)
1. मृत शासकीय सेवक का नाम...........................
2. पिता/पति का नाम.........................................
3. अंतिम धारित पद.........................................
4. कार्यालय का नाम (जहाँ नियोजित था).............
5. जन्मतिथि..................................................
6. सेवा प्रारंभ करने की तिथि.............................
7. मृत्यु का दिनांक..........................................
8. सेवा अवधि - वर्ष............ माह.......... दिन......
9. वेतनमान...................................................
10. अंतिम उपलब्धियाँ - 1. मूल वेतन   2. मंहगाई भत्ता
11. परिवार पेंशन भोगी का नाम तथा मृतक से संबंध..........
12. परिवार पेंशन की देय राशि
(क) बढ़ी दर से  ......दिनांक............ से रुपये..........
(ख) साधारण दर से ......दिनांक............ से रुपये..........
13. परिवार पेंशन प्रारंभ होने की तिथि...............................
14. उपदान राशि की गणना –
 
अंतिम वेतन
अर्हतादायी सेवा (छः माही में)
उपदान राशि की गणना अर्हतादायी सेवा X अंतिम उपलब्धियाँ X 1/4
देय उपदान राशि
1
2
3
4
 
 
 
 
 
 
 
 
 
15. पेंशन परिलब्धियों के प्राप्तकर्ताओं का विवरण :-
 
स.क्र.
नाम
मृतक से संबंध
भुगतान योग्‍य राशि
भुगतान योग्‍य राशि का आधार
1
2
3
4
5
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 
 
16. संरक्षक का नाम जो अवयस्कों के मामलों में मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति उपदान एवं परिवार पेंशन भुगतान प्राप्त करेगा।..............
17. संरक्षक का पत्र व्यवहार का पता................................
18. जिला कोषालय का नाम जहाँ से भुगतान चाहते हैं........................
19. मृत शासकीय सेवक के विरुद्ध अवशेष वसूलियों का विवरण (आवास किराया/जल कर सहित):-
 
स.क्र.
विवरण
अवशेष राशि
सक्षम अधिकारी के वसूली हेतु आदेश क्र. एवं दिनांक
रिमार्क
1
2
3
4
5
1.
 
 
 
 
2.
 
 
 
 
3.
 
 
 
 

 

(कार्यालय प्रमुख का घोषणा-पत्र)
 
प्रमाणित किया जाता है कि स्व. श्री/श्रीमती...................... से संबंध में उपर्युक्तानुसार दिया गया विवरण सही है तथा इसकी पुष्टि कार्यालयीन अभिलेख तथा संबंधित के सेवा-अभिलेख से कर ली गई है।
दिनांक : कार्यालय प्रमुख के हस्ताक्षर
  पदनाम (सील सहित)
 
आवेदक के छायाचित्र/नमूना हस्ताक्षर/कद एवं पहचान चिन्ह
(संचालक पेंशन/कोषालय अधिकारी को दो प्रतियों में भेजा जावे । कार्यालय प्रमुख कार्यालयीन अभिलेख हेतु एक प्रति रखें। अतएवं आवेदक द्वारा तीन प्रतियों में कार्यालय प्रमुख को प्रस्तुत किया जावे।)
 
प्रमाणित
छायाचित्र

 

आवेदक का पासपोर्ट आकार का सत्यापित छायाचित्र
आवेदक का नाम एवं मृत कर्मचारी से उसका संबंध..............................................................
नमूना हस्ताक्षर 1...................................
  2...................................
  3...................................
हस्ताक्षर न करने की दिशा में अंगूठे के निशान 1...................................
  2...................................
  3...................................
(क) ऊँचाई .....................................
(ख) पहचान चिन्ह .....................................
आवेदक का वर्तमान एवं स्थाई पता .....................................
स्थान : कार्यालय प्रमुख के हस्ताक्षर
दिनांक : पदनाम (सील सहित)
 
 
(1)
विषय :- पेंशन कार्य का जिला स्तर पर विकेन्द्रीकरण।
संदर्भ :- वित्त विभाग का ज्ञाप क्रमांक एफ - 25/143/2000/नियम/चार, दिनांक 11-9-2002.
शासकीय सेवकों को पेंशन परिलब्धियों संबंधी आदेश जारी करने के विस्तृत निर्देश उपरोक्त संदर्भित ज्ञापन द्वारा जारी किये गये हैं। इस संबंध में प्रक्रियात्मक कठिनाईयों के निराकरण हेतु निम्नांकित निर्देश जारी किये जाते हैं–
1. संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन 30 सितम्बर 2002 के पश्चात् नये पेंशन प्रकरण प्राप्त नहीं करेंगे। उक्त दिनांक के पश्चात् अर्थात 1-10-2002 से सभी पेंशन प्रकरण संबंधित जिला कोषालय में प्रस्तुत किये जायेंगे।
2. संभागीय संयुक्त संचालक 30-9-2002 को उनके समक्ष लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण 31-12-2002 तक करना सुनिश्चित करेंगे। उक्त अवधि में जिन प्रकरणों में पेंशन सीमा प्राधिकार पत्र जारी नहीं किये जाते हैं उन प्रकरणों को कारणों का उल्लेख करते हुए संबंधित कार्यालय प्रमुखों को लौटा दिया जायेगा। इस प्रकार 31-12-2002 के पश्चात् आपत्ति सहित वापस प्राप्त होने वाले सभी पेंशन प्रकरणों को कार्यालय प्रमुख संबंधित जिला कोषालय को निराकरण हेतु प्रस्तुत करेंगे। संभागीय संयुक्त संचालक, कोष, लेखा एवं पेंशन दिनांक 31-12-2002 के पश्चात् आपत्ति सहित लौटाये जाने योग्य सभी प्रकरणों को 15-1-2003 तक आवश्यक रूप से कार्यालय प्रमुखों को लौटा देंगे तथा इन प्रकरणों की सूची संबंधित जिला कोषालय एवं संचालक, पेंशन को भेजेंगे।
3. पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण के साथ ही यह भी आवश्यक है कि पेंशन राशि के निर्धारण एवं शासकीय राशि की वसूली में कोई त्रुटि न हो। पेंशन प्राधिकार पत्र जारी करने वाले अधिकारी का यह दायित्व होगा कि वह पेंशन प्रकरणों का भली भाँति परीक्षण कर यह सुनिश्चित कर लें कि पात्रता से अधिक पेंशन राशि का निर्धारण न हो तथा कर्मचारी से वसूली योग्य सभी राशि की वसूली हो जाये। यदि किसी प्रकरण में पात्रता से अधिक यदि पेंशन राशि निर्धारित की जाती है अथवा शासन की वसूली योग्य राशि की वसूली किये बिना ही पेंशन प्राधिकार पत्र जारी कर दिये जाते हैं तो उसके लिए पेंशन प्राधिकारी को व्यक्तिगत रूप से जवाबदार ठहराया जायेगा। ऐसे मामलों में पेंशन प्राधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही के साथ ही इस प्रकारअधिक भुगतान की गई राशि अथवा कम वसूल की गई राशि के 20 प्रतिशत तक की राशि अर्थदण्ड के रूप में पेंशन प्राधिकारी से वसूल की जा सकेगी।
4. पेंशन प्रकरणों के निराकरण में विलम्ब का एक प्रमुख कारण, संबंधित कर्मचारी का वेतन निर्धारण नहीं होना है। वेतन निर्धारण का सत्यापन/प्रमाणीकरण संभागीय संयुक्त संचालक कार्यालय से नहीं होने के कारण सेवानिवृत्ति के समय कर्मचारियों को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। अतएव सभी कार्यालय प्रमुखों से यह अपेक्षा की जाती है मध्यप्रदेश सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 कि वह आगामी 2 वर्षों से सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के वेतन निर्धारण का सत्यापन, इस कार्य हेतु निर्धारित सक्षम प्राधिकारी से करा लें। जिन कार्यालय प्रमुखा द्वारा सेवानिवृत्ति के एक वर्ष शेष रहने पर भी, ऐसे कर्मचारी के वेतन निर्धारण का सत्यापन सक्षम प्राधिकारी से नहीं कराया जाता है उनका वेतन भुगतान जिला कोषालय द्वारा तब तक रोक दिया जायेगा जब तक इस आवश्यकता की पर्ति नहीं कर ली जाती।
5. वेतन निर्धारण प्रकरणों की जाँच एवं सत्यापन का कार्य सेवानिवत्ति से कम से कम एक वर्ष पूर्व आवश्यक रूप से पूर्ण कर लिया जाना चाहिए। इसे सुनिश्चित करने के लिए कार्यालय प्रमुख द्वारा सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों को जारी किये जाने वाले आदेश के प्रारूप को संशोधित किया गया है। अब सेवानिवृत्त होने कर्मचारियों को सेवानिवृत्त के एक. वर्ष पूर्व जारी किया जाने वाला परिशिष्ट-एक पर दिये गये प्रपत्र में जारी किया जाना होगा तथा इसे स्वंय कार्यालय प्रमुख द्वारा हस्ताक्षरित किया जावेगा।
6. विभागाध्यक्ष कार्यालय के कर्मचारियों के विषय में पूर्व में जारी आदेशों को संशोधित करते हुए यह निर्देश जारी किये जाते हैं कि भोपाल में स्थित सभी विभागाध्यक्षों के कार्यालयों के प्रकरण संभागीय संयुक्त संचालक, कोष, लेखा तथा पेंशन, भोपाल को प्रस्तुत किये जावेंगे तथा इन्हें संचालक, पेंशन को प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगा। भोपाल के बाहर स्थित विभागाध्यक्ष कार्यालयों के कर्मचारियों के प्रकरणों संबंधित जिले के जिला-कोषालय अधिकारी को ही प्रस्तुत होंगे।
7. सभी जिला कोषालय अधिकारी तत्काल अपने संभागीय संयुक्त संचालक, कोष लेखा से संपर्क कर पेंशन प्रकरणों के निराकरण हेतु आवश्यक नस्तियों के प्रपत्र आदि की जानकारी प्राप्त कर लें तथा पेंशन प्रकरणों के निराकरण की प्रक्रिया से भली-भाँति अवगत हो जायें। इस संबंध अक्टूबर माह में, पेंशन कार्य हेतु जिला स्तर पर प्राधिकृत सहायक कोषालय अधिकारियों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किया जा रहा है। इसके लिये संचालक, पेंशन द्वारा पृथकसे सूचना भेजी जा रही है।
2. उक्त आदेश तत्काल प्रभाव से प्रभावशील होंगे।
[म.प्र. शासन वि.वि. एफ-25/143/2002/नियम/चार दिनांक 30 सितम्बर 2002]
 
परिशिष्ट :- एक
जिला..............
कार्यालय प्रमुख का नाम.............................
 
स.क्र.
अधिकारी/कर्मचारी का नाम तथा पदस्थापना
जन्मतिथि
सेवानिवृत्ति तिथि
अभ्युक्ति
1
2
3
4
5
 
 
 
 
 
 
प्रमाणित किया जाता है कि उक्त शासकीय सेवक के वेतन निर्धारण का सत्यापन संयुक्त संचालक, कोष लेखा एवं पेंशन/महालेखाकार से कराया जा चुका है।
दिनांक कार्यालय प्रमुख के हस्ताक्षर
  पद.................................
  (सील)

 

(2)

विषय :- पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु अधिकारों का जिला कोषालय स्तर पर विकेन्द्रीकरण।
संदर्भ :- म.प्र. शासन, वित्त विभाग व ज्ञाप क्र. एफ. 25/143/2000/नियम/चार, भोपाल दिनांक 11-9-2002।
संदर्भित ज्ञाप में जन्मतिथि मान्यता संबंधी अधिकार कलेक्टर को प्रत्यायोजित किए गए थे, जिन्हें अब और विकेन्द्रीकृत करते हुए कोषालय अधिकारियों को जन्मतिथि की मान्यता के अधिकार निम्नांकित शर्तों के अधीन प्रत्यायोजित किए जाते हैं :-
1. मध्यप्रदेश वित्तीय संहिता, भाग - 1 के सहायक नियम, 84 एवं 85 के अनुसार शासकीय सेवक की सेवा-पुस्तिका में नियुक्ति के समय जो जन्मतिथि लिखी हो उसे अंतिम मानकर मान्यता दी जावे।
2. यदि उपरोक्त बिन्दु 1 की पूर्ति न हो तो ऐसी स्थिति में विभाग द्वारा जारी चार वर्षों की ग्रेडेशन (पदक्रम) सूची देखकर उसके आधार पर जन्मतिथि को मान्यता दी जावे।
3. यदि बिन्दु क्रमांक 1 एवं 2 की भी पूर्ति न होती हो तो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों एवं शिक्षकों के प्रकरणों में नियुक्ति दिनांक को 18 वर्ष की आयु मानकर उसके आधार पर 33 की सेवा पूर्ण होने पर अधिवार्षिकी दिनांक की मान्यता दी जाकर जन्म दिनांक मान्य की जावे।
4. प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय श्रेणी के अधिकारियों/कर्मचारियों (शिक्षकों को छोड़कर) के प्रकरणों में यदि उपरोक्त बिन्दु क्र.1 एवं 2 की पूर्ति न होती हो तो नियुक्ति के समय 18 वर्ष की आयु मानकर उसके आधार पर 30 वर्षों की सेवा पूर्ण होने पर अधिवार्षिकी दिनांक की मान्यता दी जाकर जन्म दिनांक मान्य किया जावे।
5. नवीन भर्ती की स्थिति में नियुक्तिकर्ता अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि नियुक्ति दिनांक के पूर्व जारी किए गए हायर सेकेण्ड्री/हाईस्कूल परीक्षा प्रमाण-पत्र को आधार मानकर जन्मतिथि के प्रकरणों का अंतिम निराकरण किया जाए। यदि नियुक्ति दिनांक के बाद हायर सेकेण्ड्री/ हाईस्कूल परीक्षा उत्तीर्ण की है तो ऐसे प्रमाण पत्रों में अंकित भिन्न जन्म दिनांक को मान्यता न दी जाए। 6. यह आदेश जारी होने के दिनांक से प्रभावशील होंगे।
[म.प्र. शासन वि.वि. एफ/9/6/2003/नियम/चार दिनांक 29 नवम्बर 2003]
 
जिला पेंशन कार्यालय का गठन
विषयः पेंशन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए गठित जिला पेंशन कार्यालयों की व्यवस्था।
संदर्भ : वित्त विभाग के ज्ञाप :
1. क्र. एफ. बी. 25/20/94/पीडब्ल्यू सी/चार/80-81 दिनांक 30.05.95
2. क्र. एफ. 25/143/200/नियम/चार/दिनांक 11.09.2002
3. क्र. एफ. बी. 9/6/2003/नियम/चार/दिनांक 29.11.2003
5. क्र. एफ. बी-18-10/2010/ई/चार/दिनांक 01.11.2010 तथा दिनांक 28.12.2010 एवं दिनांक 06.01.2011
राज्य शासन द्वारा पेंशन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण के लिए प्रत्येक जिला स्तर पर जिला पेंशन कार्यालय का गठन किया गया है। जिला पेंशन कार्यालयों के द्वारा 31.01.2011 के पश्चात् सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का निकारण किया जा रहा है। दिनांक 31.01.2011 के पश्चात् सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के लंबित पेंशन प्रकरणों का निराकरण उपरोक्त संदर्भित आदेशों के अंतर्गत पूर्ववत जिला कोषालयों द्वारा किया जाएगा। जिला पेंशन कार्यालयों से पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए निम्नानुसार आदेश जारी किए जाते हैं-
1. जिला पेंशन कार्यालयों द्वारा आगामी 2 वर्षों में सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों की जानकारी तैयार की जाना है। प्रथमतः यह जानकारी आहरण एवं संवितरण अधिकारी कार्यालयों के वेतन देयकों एवं प्रत्याषित पेंशन देयकों से आगामी 6 माह में सेवानिवृत्ति होने वाले एवं दिनांक 31.01.2011 के पश्चात सेवानिवत्ति कर्मचारियों के लिए संकलित की जाए ।
2. सूची में सम्मिलित कर्मचारियों का पंजीयन कर एक पंजीकरण क्रमांक आबंटित किया जाए। पंजीयन क्रमांक 14 अंकों का होगा, जिसमें पहले 10 डिजिट डी.डी.ओ. कोड के एवं शेष चार सरल क्रमांक के होंगे । प्रथमतः यह पंजीयन क्रमांक एक रजिस्टर में अंकित किये जायेंगे । जिला पेंशन कार्यालयों में कम्प्यूटर की व्यवस्था होने पर समस्त पंजीयन की प्रविष्टि की जायेंगी । पेंशन प्रकरण निराकृत होने के पश्चात् उक्त पंजीयन क्रमांक के सामने पीपीओ क्रमांक की प्रविष्टि इससे यह सुनिश्चित हो सकेगा कि पंजीयत कर्मचारियों में से कितने पेंशन प्रकरणों का निरारण हो गया है। विभागीय जाँच, न्यायालयीन प्रकरण व अन्य कारणों से लंबित होने की स्थिति में तदाशय की प्रविष्टि भी की जायेंगी ।
3. जिला पेंशन अधिकारियों द्वारा उपरोक्तानुसार पंजीयत कर्मचारियों के सेवा अभिलेखों में सेवा सत्यापन, वेतन निर्धारण अवकाश स्वीकृति, अर्हतादायी सेवा, विभिन्न प्रकार की वसूलियों (यदि कोई हो तो) आदि तथ्यों का सत्यापन किया जावेगा । तथा पेंशन प्रकरण के निराकरण में आने वाली आपत्तियों से कार्यालय प्रमुख को अवगत कराया जायेगा । आवश्यक होने पर पेंशन प्रकरण तैयार करने के लिए कार्यालय प्रमुख को आवश्यक मार्गदर्शन भी जिला पेंशन अधिकारियों द्वारा प्रदाय किया जायेगा ।
4. वित्त विभाग के ज्ञाप दिनांक 04.12.2009 के माद्यम से मध्यप्रदेश वित्त सेवा संवर्ग के उप संचालक अथवा उससे वरिष्ठ अधिकारियों को वेतन निर्धारण के अधिकार सौंपे गए हैं। इसी अनुरूप दिनांक 31.01.2011 एवं उसके पश्चात् सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों के जिन प्रकरणों में वेतन निर्धारण का अनुमोदन नहीं किया गया हो, ऐसे प्रकरणों में वेतन निर्धारण का अनुमोदन प्रथम श्रेणी के जिला पेंशन अधिकारियों द्वारा किया जा सकेगा । जिला पंशन अधिकारी के प्रथम श्रेणी अधिकारी न होने पर वेतन निर्धारण का अनुमोदन संभागीय मुख्यालय पर पदस्थ संयुक्त संचालक स्तर के जिला पेंशन अधिकारी द्वारा किया जाएगा ।
5. जिला पेंशन कार्यालयों में प्रकरणों का परीक्षण गते समय यदि यह पाया जाता है कि संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा कार्यालय द्वारा किए गए वेतन निर्धारण में कोई विसंगति है, तो ऐसे प्रकरण वेतन निर्धारणों की पुर जाँच के लिए संबंधित संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा को प्रेषित किए जायेंगे ।
6. पन प्रकरणों की प्रारंभिक जाँच उपरान्त पायी गयी कमियों को आहरण अधिकारियों के समन्वय से दूर कराया जाएगा । यदि पेंशन प्रकरण में पायी गयी कमियों को दूर करने में कार्यालय प्रमुख अधिकारियों के द्वारा विलम्ब किया जाए अथवा रूचि न ली जाए तो यह स्थिति जिला कलेक्टर द्वारा ली जाने वाली बैठकों में प्रतिवेदित की जाए ।
7. कर्मचारी के सेवानिवृत्ति के एक वर्ष पूर्व कार्यालय प्रमुख अधिकारियों से सेवा अबिलेखों में अवश्यक प्रमाणीकरण प्राप्त करने के उपरान्त सेवा अभिलेखों को पेंशन प्रकरणों के साथ जिला पेंशन कार्यालय में प्राप्त किया जाएगा।
8. जिला पेंशन कार्यालय में प्रकरण प्राप्त होने पर पेंशन, परिवार पेंशन मृत्यु सह सेवानिवृत्ति उपदान तता कम्प्यूटेड राशि की गणना कर पेंशन भुगतान आदेश एवं उपदान भुगतान आदेश जारी किया जाए । जिला पेंशन कार्यालयों में कम्प्यूटर की व्यवस्था होने तक इस कार्य के लिए जिला कोषालयों के कम्प्यूटरों का उपयोग किया जाए । दिनांक 31.01.2011 के पश्चात् सेवानिवृत्ति कर्मचारी के प्रकरणों में पेंशन पुनरीक्षण का कार्य भी जिला पेंशन कार्यालय में किया जाएगा ।
9. पीपीओ एवं जीपोओ जारी होने के उपरान्त प्रथम भुगतान हेतु प्रकरण जिला कोषालय को प्रेषित किया जाएगा । जिला कोषालय अधिकारी द्वारा कोषालयीन संहिता के प्रकरणों के अनुसार पेंशन का प्रमुख भुगतान किया जाएगा । तत्पश्चात् मासिक पेंशन का भुगतान इलेक्ट्रानिक ट्रांसफर के माद्यम से सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा ।
10. सेवानिवृत्ति कर्मचारी के सेवा अभिलेखों में से पेंशन प्रकरण के निराकरण, परिवार पेंशन के लिए आवश्यक अबिलेख, पेंशनर की जन्मतिथि, नियुक्ति की तिथि, सेवा में व्यवधान, समयसमय पर किए गए वेतन निर्धारण, अनाधिकृत अवकाश जैसे महत्वपूर्ण अबिलेखों की सत्यापित छायाप्रतियाँ जिला पेंशन कार्यालयों में संधारित की जाएं। यह यह अभिलेख पेंशनर की पेंशन फाइल के साथ संधारित किए जायेंगे एवं भविष्य में पेंशन के पुनरीक्षण, परिवार पेंशन का निर्धारण तथा पेंशनर की समस्याओं के निराकरण कार्यों के लिए उपयोग में लाये जायेंगे ।
11. वित्त विभाग के आदेश दिनांक 30 मई 1995 के माध्यम से संभागीय आयुक्तों को पेंशन प्रकरणों के निराकरण की समीक्षा का कार्य सौंपा गया था। पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए संभागीय आयुक्त द्वारा आयोजित बैठकों में नोडल अधिकारी का कार्य संभागीय मुख्यालयों में पदस्थ संयुक्त संचालक स्तर के जिला पेंशन अधिकारियों द्वारा संपादित किया जायेगा । संभाग में पेंशन प्रकरणों के निराकरण के लिए ये अधिकारी संभागीय आयुक्त के प्रति उत्तरदायी होंगे ।
12. वित्त विभाग के ज्ञाप दिनांक 11.09.2002 के माध्यम से पेंशन कार्यालयों के निरीक्षण, पेंशन प्रकरणों का आडिट करने के कार्य संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा को सौंपे गये थे । जिला पेंशन कार्यालयों का पृथक से गठन होने के पश्चात् संभाग के अंतर्गत आने वाले समस्त जिला पेंशन कार्यालयों द्वारा निराकृत पेंशन प्रकरणों का आडिट एवं कार्यालयों के निरीक्षण का कार्य संभागीय संयक्क्त संचालक कोष एवं लेखा के साथ पर संभागीय मुख्यालयों में पदस्थ संयुक्‍त संचालक स्तर के जिला पेंशन अधिकारी द्वारा किया जाएगा । इन अधिकारियों द्वारा जिला पेंशन अधिकारी के अवकाश की अवधि में कार्यभार की व्यवस्था करना, संविदा कर्मचारियों का चयन करना तता अधीनस्थ जिला कार्यालयों में पेंशन प्रकरणों की समीक्षा कर प्रगति का मासिक संकलन करना तथा आवश्यक जानकारी पेंशन, भविष्य निधि एवं बीमा संचालनालय को प्रेषित करने का कार्य भी किया जायेगा ।
13. यदि किसी आहरण अधिकारी अथवा जिला पेंशन अधिकारी के कार्यालय में विभिन्न कारणों से लंबित पेंशन प्रकरणों की संख्या अधिक होगी तो संभागीय स्तर के कार्यालयों में पदस्थ अधिकारियों द्वारा ऐसे प्रकरणों का निराकरण पृथक से कैम्प लगाकर किया जायेगा ।
14. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अपने आदेश क्रमांक एफ 11-2/03/15/कक दिनांक 23.10.2003 के माध्यम से जिला पेंशनर फोरम का गठन किया गया है। जिला पेंशनर फोरम से सदस्य सचिव का कार्य अब जिला पेंशन अधिकारियों द्वारा संपादित किया जायेगा ।
15. वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. एफ-9/6/2003/नियम/चार दिनांक 29.11.2003 में दर्शित शर्तों के अधीन 31 जनवरी 2011 के पश्चात् सेवानिवृत्ति हुए कर्मचारियों के प्रकरणों में जन्मतिथि की मान्यता जिला पेंशन अधिकारी द्वारा दी जाएगी । डुप्लीकेट सेवा पुस्तिका की मान्यता के प्रकरण भी जिला पेंशन अधिकारी द्वारा कलेक्टर प्रस्तुत किए जायेंगे। विभागाध्यक्ष कार्यालयों के ऐसे प्रकरणों संचालक, पेंशन/संयुक्त संचालक, पेंशन को विभागाद्यक्ष कार्यालयों द्वारा सीधे ही प्रेषित किये जायेंगे । दिनांक 31.01.2011 के पूर्व सेवानिवृत्ति कर्मचारियों के प्रकरणों में वित्त विभाग के निर्देश दिनांक 29.11.2003 में दर्शित शर्तों के अधीन यह कार्यवाही संबंधित जिला कोषालय द्वारा संपादित की जाएगी।
16. कार्यालय प्रमुख के कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए, जिला पेंशन अधिकारी द्वारा कार्यालय में पदस्थ अमले पर प्रशासकीय नियंत्रण रखा जायेगा ।
[म.प्र. वि.वि. क्र. एफ-18-2-2011/ई-चीर दिनांक 30.07.2011]
 
मध्यप्रदेश शासन
वित्त विभाग, मंत्रालय, भोपाल
आदेश
भोपाल, दिनांक 15 अक्टूबर, 2012
क्रमांक/एफ-5(ए)/8/2012/ई/चार, इस विभाग के आदेश क्रमांक एफ-18-10/2010/ई/ चार, दिनांक 01.11.2010 द्वारा जिला पेंशन प्रकरणों के शीघ्र निराकरण हेतु प्रत्येक जिला स्तर पर जिला पेंशन कार्यालयों का गठन किया गया है, जिसके अनुसार संभागीय कार्यालयों (भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, रीवा, एवं जबलपुर) में मध्यप्रदेश वित्त सेवा के संयुक्त संचालक स्तर के अधिकारियों की पदस्थापना एवं अन्य 43 जिलों में मध्यप्रदेश वित्त सेवा के प्रथम श्रेणी के अधिकारियों की पदस्थापना का प्रावधान रखा गया है।
2. राज्य शासन द्वारा संभागीय कार्यालयों क्रमशः भोपाल, इन्दौर, उज्जैन, ग्वालियर, सागर, रीवा, एवं जबलपुर में पदस्थ जिला पेंशन अधिकारी का पदनाम् "संभागीय अधिकारी" तथा उनके कार्यालय का नाम जिला पेंशन कार्यालय के स्थान पर “संभागीय पेंशन कार्यालय" किया जाता है।
3. उक्त के फलस्वरूप संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा का पदनाम “संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा" तथा उनके कार्यालय का नाम संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा एवं पेंशन के स्थान पर "संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा" किया जाता है।
मध्यप्रदेश के राज्यपाल के नाम से
तथा आदेशानुसार
(मिलिन्द वाईकर)
उप सचिव
 
विषय : दिनांक 31.01.2011 के पूर्व के शेष लंबित पेंशन प्रकरण जिला पेंशन कार्यालयों को प्रस्तुत किये जाने विषयक
संदर्भ: वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ-18/2011/ई/चार, दिनांक 30.07.2011
राज्य शासन द्वारा पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु जिला स्तर पर जिला पेंशन कार्यालयों का गठन कर उपरोक्त संदर्भित ज्ञाप द्वारा दिनांक 31.01.2011 के पूर्व के पेंशन प्रकरण पूर्ववत संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, भोपाल/जिला कोषालयों द्वारा निराकृत किए जाने एवं दिनांक 31.01.2011 एवं उसके बाद सेवानिवृत्ति होने वाले कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का निराकरण जिला पेंशन कार्यालय द्वारा किये जाने के आदेश प्रसारित किये गये थे ।
2. वर्तमान में समस्त जिलों में पेंशन कार्यालय स्थापित किए जा चुके हैं । अतः अब दिनांक 31.01.2011 के पूर्व के शेष रहे पेंशन प्रकरणों के निराकरण का दायित्व भी जिला पेंशन कार्यालयों को सौंपा जाता है। इस व्यवस्था को लागू किए जाने के परिणामस्वरूप विभागाध्यक्ष कार्यालयों द्वारा संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, भोपाल को प्रस्तुत किए जाने वाले पेंशन प्रकरण जिला पेंशन अधिकारी, भोपाल एवं अन्य जिलों में कोषालय अधिकारी के स्थान पर जिला पेंशन कार्यालय को प्रेषित किए जाए ।
3. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जाती है।
[म.प्र.शा.वि.वि. क्रमांक/एफ-18-2/2011/ई/चार, भोपाल, दिनांक 03.11.2012]