Updated: Mar, 05 2021

मध्यप्रदेश [पुलिस कर्मचारी वर्ग-असाधारण परिवार निवृत्ति वेतन] नियम, 1965
[म.प्र. शासन अधि. क्र. 2201/सी-आर/1213/iv/नि-2]
वित्त विभाग
अधिसूचना
भोपाल, दिनांक 10 सितम्बर, 1965-भाद्र 19, 1887 क्र. 2201/सी-आर/1213/IV/नि-2/ भारत के संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए तथा वित्त विभाग की अधिसूचना क्र. 1365-सी-आर-968-चार-आर-दो, दिनांक 26 अप्रैल, 1963 के अधीन बनाये गये नियमों की अनुवृत्ति में, मध्यप्रदेश के राज्यपाल, एतद् द्वारा यह निर्देश देते हैं कि निम्नलिखित विशेष नियम, पुलिस बल (अस्थायी या स्थायी) के उन सदस्यों को जो यथास्थिति डाकुओं या शत्रुओं से मुठभेड़ के परिणामस्वरूप या इसी प्रकार की संकटास्पद परिस्थितियों में मारे जातेहैं, परिवार निवृत्ति वेतन की मन्जूरी को नियंत्रित करेंगे, अर्थात् -
नियम
नियम 1. (क) ये नियम मध्यप्रदेश [पुलिस कर्मचारी वर्ग-साधारण परिवार निवृत्ति-वेतन] नियम, 1965 कहलायेंगे।
(ख) ये नियम पहली सितम्बर, सन् 1964 से प्रवृत्त हुये समझे जायेंगे।
[नियम 2- ये नियम राज्य पुलिस पुलिस सेवा के समस्त अधिकारियों तथा पुलिस कर्मचारी-वर्गों को जिसमें विशेष सशस्त्र बल (S.A.F.) सम्मिलित हैं, लागू होंगे।] [अधिसूचना क्र. एफ. 25/41/99/PWC/चार, दिनांक 29-9-99 संशोधित]
नियम 3. इन नियमों में जब तक प्रसंग से अन्यथा अपेक्षित न हो -
(एक) "वेतन" से तात्पर्य मृत्यु के समय लिये गये विशेष वेतन तथा व्यक्तिगत वेतन को सम्मिलित करते हुए, मौलिक या स्थानापन्न वेतन से है।
(दो) "उपलब्धियों" से तात्पर्य केवल वेतन तथा मंहगाई भत्ता से है;
(तीन) “परिवार" में मध्यप्रदेश सिविल सेवा (असाधारण पेंशन) नियम, 1963 के नियम 3(4) में यथा परिभाषित सदस्य सम्मिलित हैं।
[(चार) प्रस्तावना में आये हुए शब्द इसी प्रकार संकटास्पद परिस्थितियों से तात्पर्य पुलिस बल के सदस्य की मृत्यु, बलवों अथवा अव्यवस्थाओं के दौरान, भीड़ द्वारा की जाने वाली हिंसा को रोकने में व्यस्त रहते हुए हो जाने या किसी अपराध की जाँच के काम में या उसके परिणामस्वरूप उपद्रवकारियों की हिंसा द्वारा हो जो या भारत में विद्यमान आधुनिक परिस्थितियों में मानव के अस्तित्व के लिये आम दुर्घटनाओं को छोड़ सार्वजनिक कर्तव्य का पालन करने के क्रम में लगी प्राणघातक चोटों से हो जाने या किसी विदेशी सत्ता के साथ संघर्षकालीन आपात स्थिति में हो जाने से है; किन्तु सार्वजनिक कर्त्तव्य का पालन करने के क्रम में गफलत (जो उस पर आरोप्य हो) के कारण हुई दुर्घटना में लगी प्राण घातक चोटों से हो जाने से नहीं है; इन्हीं के समान भिन्न संकटास्पद परिस्थितियों के अन्य प्रकरणों में भी गुण-दोषों के आधार पर शासन द्वारा विचार किया जायेगा।] [अधिसूचना क्र. 2497/CR/925/चार/नि-2/71, दिनांक 26-11-71 द्वारा प्रतिस्थापित ।]
नियम 4. इन नियमों के अधीन मन्जूर की गई पुरस्कृतियाँ (awards) मध्यप्रदेश सिविल सेवा (असाधारण पेंशन) नियम, 1963 तथा मध्यप्रदेश न्यू पेन्शन रूल्स, 1951 के अधीन ग्राह्य समस्त सेवा तथा असाधारण निवृत्ति वैतनिक लाभों के बदले में होगी।
तथापि, जहाँ शासन का यह समाधान हो कि इन नियमों के प्रवर्तन से किसी विशिष्ट मामले में अनावश्यक कठिनाई होती हो, तो वह उस विशिष्ट मामले में इन नियमों की अपेक्षाओं को ऐसी सीमा तक, जैसी कि यथोचित सम्यिक रीति से मामले में कार्यवाही करने के लिये आवश्यक समझी जाए, आदेश द्वारा हटा सकेगा बशर्ते कि मृतक के आश्रितों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा (असाधारण पेंशन) नियम, 1963 तथा मध्यप्रदेश न्यू पेन्शन रूल्स, 1951 में जो कुछ उपबन्धित है, से अधिक निवृत्ति लाभ मन्जूर नहीं किये जायेंगे।
नियम 5. मृतक का परिवार निम्नलिखित लाभों के लिये हकदार होगा, अर्थात् -
विधवा -
(एक) एक लाख रुपये की विशेष अनुग्रह (एक्सग्रेसिया) राशिः [अधिसूचना क्र. एफ- 25/41/99/PWC/चार, दिनांक 29-9-99 द्वारा स्थापित।]
परन्तु यदि कोई पुलिस कर्मचारी :
परन्तु इन नियमों के प्रयोजनों के लिए राज्य सरकार द्वारा, समय-समय पर घोषित किए गये नक्सलवादियों से प्रभावित क्षेत्र, में नक्सलवादियों के विरुद्ध कार्यवाही (आपरेशन) में सक्रिय रूप से भाग लेते समय किसी मुठभेड़ में या नक्सली हिंसा से संबंधित दुर्घटना के कारण या
(दो) अपराधियों, असमाजिक तत्वों, आदि के विरुद्ध कार्यवाही के दौरान मारा जाता है तो, मृतक का परिवार दस लाख रुपये के बराबर विशेष अनुग्रह राशि प्राप्त करने का हकदार होगा। [वि. वि. अधि. क्र. एफ-9/2007/नियम/चार/दिनांक 6.10.08 द्वारा जोड़ा गया।]
(तीन) यदि कोई पुलिस कर्मचारी, अपराधियों, असामाजिक तत्वों आदि के विरुद्ध कार्यवाही में क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उसको 50,000 (रुपये पचास हजार) अनुग्रह राशि स्वीकार की जा सकेगी।
(एक-क) न्यूनतम आठ मास की परिलब्धियों के अध्यधीन रहते हुए, अर्हक सेवा के प्रत्येक पूर्ण वर्ष की उसकी परिलब्धियों के आधे के बराबर उपदान :
परन्तु इन नियमों के प्रयोजनों के लिए राज्य सरकार द्वारा, समय-समय पर घोषित किए गये नक्सलवादियों प्रभावित क्षेत्र में नक्सलवादियों के विरुद्ध कार्यवाही (आपरेशन) में सक्रिय रूप से भाग लेते समय किसी मुठभेड़ में या नक्सली हिंसा से संबंधित दुर्घटना के कारण यदि कोई पुलिस कर्मचारी मारा जाता है तो ऐसे मृतक का परिवार चालीस मास की परिलब्धियों के बराबर उपदान प्राप्त करने का हकदार होगा।]
(दो) मृत आरक्षक (पुलिस मैन) द्वारा उसकी मृत्यु के समय ली गई उपलब्धियों उस दिनांक तक जब वह अधिवार्षिकी आय प्राप्त करने पर निवत्त होता और तदपरान्त वेतनमान की अधिकतम राशि के आधे के बराबर परिवार पेंशन
बच्चे-
(तीन) परिवार पेंशन उपलब्धियों के पाँचवे भाग की दर से, जो समस्त बच्चों में बराबर- बराबर बाँटी जायेगी।
(चार) यदि मृत कर्मचारी के कोई विधवा न हो तो, उपदान तथा पेंशन की रकम निम्न प्रकार से बराबर बाँटी जायेगी -
(क) उपदान की रकम बच्चों में बराबर-बराबर बाँटी जायेगी, और
(ख) विधवा को ग्राह्य परिवार पेंशन की रकम परिवार के सदस्यों को अनुपाततः बाँटी जायेगी, जिससे कि प्रत्येक बच्चा, भाई, बहिन माता या पिता को देय रकम से दुगुना पाये। ऐसा निवृत्ति-वेतन उस दिनांक तक, जिसको मृत कर्मचारी (पुलिस मैन) अधिवार्षिकी आयु प्राप्त करने पर निवृत्त हुआ होता, ग्राह्य होगा और तदुपरात उसके वेतनमान की अधिकतम राशि का आधा भाग।
(पाँच) बच्चों को मध्यप्रदेश के भीतर विद्यालयों तथा महाविद्यालयों में साधारणः 21 वर्ष की आयु तक निःशुल्क शिक्षा।
[(छह) प्रत्येक अविवाहित पुत्री के विवाह के लिये 1000 रुपये से अनधिक राशि या विवाह का वास्तविक व्यय, जो भी कम हो, को एकमुश्त अनुदान पुलिस महानिरीक्षक की विशेष स्वीकृति से माता-पिता या उसके अभिभावक को विवाह के समय देय होगा।] [अधिसूचना क्र. 1034/CR/71/चार/नि-2/70, दिनांक 27-4-70 द्वारा संशोधित।]
टिप्पणी - (1) बच्चों को प्रदान किये गये परिवार पेंशन पर या मृतक के अधिवार्षिकी के दिनांक तक उसकी विधवा को प्रदान किये गये परिवार पेंशन पर अस्थायी वृद्धि नहीं होगी।
(2) अस्थायी वृद्धि, जो शासन द्वारा समय-समय पर मन्जूर की जाए, परिवार निवृत्ति-वेतन पर विधवा को मृतक के अधिवार्षिकी पर पहुंचने के दिनांक के पश्चात् देय होगी, विधवा की अनुपस्थिति में परिवार के समस्त सदस्यों को सम्पूर्ण निवृत्ति-वेतन ग्राह्य अस्थायी वृद्धि उनकी निवृत्ति वेतन के अनुपाततः बाँटी जा सकेगी।
नियम 6. [जिले का पुलिस अधीक्षक या विशेष सशस्त्र बल (SAF) सेनानी बल के सदस्य की अत्येष्टि पर ऐसी रकम, जो 1000 रुपये से अधिक न हो, व्यय कर सकेगा।] [अधिसूचना क्र. एफ. 25/41/99/PWC/चार, दिनांक 29-9-99 संशोधित।]
नियम 7. पुलिस अधीक्षक/विशेष सशस्त्र बल का कमांडेण्ड, जिसके अधीन बल का मृत सदस्य कार्यशील था, दावेदार के बारे में जाँच करने के पश्चात् इन नियमों के संलग्न प्ररूप में, इंगित की गई जानकारी तथा दस्तावेजों सहित, परिवार पेंशन तथा उपदान के लिये आवेदन-पत्र महालेखाकार को तुरन्त प्रस्तुत करेगा, जो तत्क्षण उन दशाओं में; जहाँ ऐसे अनुदान के लिये प्रथम दृष्टया प्रकरण स्थापित होता है, असाधारण परिवार पेंशन/उपदान की ग्राह्य रकम की 75 प्रतिशत सीमा तक पूर्वावधारित परिवार पेंशन/उपदान प्राधिकृत करेगा। तदुपरान्त महालेखापाल परिवार पेंशन/उपदान के बारे में अपनी रिपोर्ट देगा। समस्त अराजपत्रित पुलिस (विशेष सशस्त्र बल सहित) कर्मचारियों के मामले में पुलिस महानिदेशक, महालेखाकार द्वारा प्रमाणित हकदारी द्वारा प्रमाणित के अनुसार देनगियाँ मन्जूर कर सकता है। दूसरे मामलों में राज्य शासन की मन्जूरी के बिना, इन नियमों के अधीन कोई देनगी नहीं की जायेगी। [देनगी करते समय, राज्य शासन इस बात पर विचार कर सकेगा कि ऐसा शासकीय सेवक, जिसे चोट लगी हो या चोट के परिणामस्वरूप मर गया हो या जो मारा गया हो, की ओर से किस सीमा तक चूक या गफलत की गई थी।] [उक्त नियम के अंतिम वाक्य को निकालकर शब्द [.......} जोड़े गये।]
नियम 8. वह कालावधि, जब तक ऐसी परिवार पेंशन देय होगी, मध्यप्रदेश सिविल सेवा (असाधारण पेन्शन) नियम, 1963 के नियम 12 के उ नियम (2) द्वारा शासित होगी।
नियम 9. यदि मृत शासकीय व चारी के परिवार के सदस्यों को प्रदान की गई परिवार पेंशन की रकम, बाद में उससे, जिसके रि वे हकदार हैं, अधिक होना पाई जाय, तो उनको ऐसे आधिक्य की वापसी के लिए आदेशित किया जायेगा, यह शर्त जारी की जाने वाली समस्त मंजूरियों तथा किये गये समस्त भुगतानों में अंकित की जाये।
 
परिवार पेंशन तथा उपदान के लिए आवेदन-पत्र का प्रारूप
[नियम 7 देखिए]
दिनांक............. विभाग............. के श्री.................. के परिवार के लिये परिवार पेंशन हेतु आवेदन।
1. शासकीय सेवक का नाम……………………………………………………
2. पदनाम ...............…………………………………………………………
3. मृत्यु का दिनांक ...........……………………………………………………
4. मृत्यु के दिनांक को उपब्धियाँ -
(क) मूल वेतन .....……………………………………………………………
(ख) स्थानापन्न वेतन, (यदि कोई हो) .....……………………………………
(ग) विशेष वेतन ............……………………………………………………
(घ) वैयक्तिक वेतन.....………………………………………………………
(ङ) भत्ता ..........……………………………………………………………

5. पेंशन के लिये आवेदकों की सारणी-

क्रमांक
नाम
मृतक के साथ सम्बन्ध
जन्मतिथि
ऊंचाई
 
वैयक्तिक पहचान चिन्ह
हस्ताक्षर या अंगूठे की छाप
1
2
3
4
5
6
7
 
 
 
 
 
 
 
 
6. कोषालय/उप-कोषागार का नाम,.................................…………………
जहाँ से भुगतान वांछित है।
7. हस्ताक्षर तथा बायें हाथ के अंगूठे और अंगुलियों.............…………………
की छाप (दो प्रतियों में संलग्न की जाए)।
टिप्पणी - महिलाओं के मामले में दाहिने हाथ के अंगूठे तथा अंगुलियों की छाप लेनी चाहिये ।
8. आवेदक/आवेदकों का पूरा पता गाय.............................…………………
मैं प्रमाणित करता हूँ कि श्री.............. की मृत्यु तथा आश्रितों के सम्बन्ध में दी गई जानकारी मेरे द्वारा यथा सत्यापित रूप से सही है।
…………………………..
(हस्ताक्षर) पुलिस अधीक्षक
9. निम्नलिखित दस्तावेज सलंग्न हैं -
(एक) अन्तिम वेतन प्रमाण-पत्र,
(दो) भेषजिक रिपोर्ट,
(तीन) उन परिस्थितियों का विवरण, जिनके फलस्वकूप मृत्यु हुई,
(चार) यथाविधि अभिप्रमाणित दो प्रतियों में बायें/दाहिने हाथ के अंगूठे तथा उँगलियों की छाप,
(पाँच) सामने की ओर का यथाविधि अभिप्रमाणित दो प्रतियों में पासपोर्ट आकार का छाया चित्र ।
(सात) मध्यप्रदेश न्यू पेन्शन रूल्स, 1951 के नियम 4 के नीचे की टिप्पणी (डी) के अधीन अपेक्षित किये गये अनुसार घोषणा,
(आठ) समस्त दृष्टि से पूर्ण सेवा पंजी या सेवा-पुस्तक ।
 
मध्यप्रदेश शासन
वन विभाग
क्रमांक 4428/10-1/85 भोपाल, दिनांक 10/22 जुलाई, 85
 
अधिसूचना
राज्य शासन द्वारा वित्त मध्यप्रदेश भोपाल की अधिसूचना क्रमांक 2201/1213/4/नि-2/दिनांक 10 सितम्बर 1965 के अंतर्गत स्वीकृत म.प्र. पुलिस कर्मचारी वर्ग असाधारण परिवार निवृत्ति वेतन नियम 1965 के अधीन विनिर्दिष्ट परिस्थितियों में मृत पुलिस वन के सदस्यों के परिवारों को मिलने वाले परिवार निवृत्ति वेतन एवं अन्य लाभ ऐसे वन विभाग के समकक्ष स्तर के ऐसे अधिकारियों/कर्मचारियों को जिनकी मृत्यु वन दस्यु अथवा शत्रुओं से मुठभेड़ के परिणाम स्वरूप अथवा इसी प्रकार की शंकास्पद परिस्थिति में होती है, को परिवारों को भी प्रदान किये जाने की स्वीकृति प्रदान की जाती है।
प्रतिलिपि वित्त विभाग मध्यप्रदेश शासन द्वारा महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर को पृष्ठांकन क्रमांक 1192/ 85/आर-2/4 दिनांक 25-8-85 द्वारा पृष्ठांकित की गई।