Updated: Feb, 22 2021

Rule 59 of M.P.Civil Services (Pension) Rules, 1976

[नियम 59. पेंशन पत्रों की पूर्णता और उन्हें लेखा परीक्षा अधिकारी को अग्रेषित करना - (1) इस प्रक्रम पर पहुँचने पर अर्थात् सेवा निवृत्ति की तारीख से 13 मास पूर्व, कार्यालय प्रमुख, प्ररूप (6क) तथा प्ररूप 6ख में पेंशन पत्रों को तैयार करने का वास्तविक कार्य करेगा। कार्यालय प्रमुख शासकीय सेवक की सेवा निवृत्ति के 6 मास पूर्व, अपेक्षित सेवा अभिलेख के साथ प्ररूप 6-क तथा [प्ररूप 6ख] जिसमें प्ररूप 6क के साथ संलग्न क्षतिपूर्ति बंध पत्र सम्मिलित है यथास्थिति सम्बन्धित संयुक्त संचालक, कोष लेखा, एवं पेंशन कोषालय अधिकारी को भेजेगा। किसी कमी या अपूर्णता या चूक पर, जो सेवा अभिलेख में अब भी शेष रहती है, इस प्रक्रम पर ध्यान नहीं दिया जावेगा और अर्हक सेवा, सेवा अभिलेख में की गई प्रविष्टियों के आधार पर पूर्णता की उस मात्रा तक, जिस तक उस समय लाना संभव हो, आगे बढ़ाई जावेगी।[नियम 59 (1) .प्र. शासन वि. वि. क्र. एफ, 9-11-2002 नियम चार, दि. 2-8-03 से प्रतिस्थापित।]

(बी) विलोपित

(सी) विलोपित

 [वित्त विभाग के ज्ञाप क्र. एफ. बी-6-3-81/R-II/IV, दिनांक 20-3-81 द्वारा शब्द "प्रपत्र 5 के साथ" विलोपित 1-1-86 से लागू।]

[(2) (ए) सेवानिवृत्ति की तिथि के 12 माह पूर्व, कार्यालय प्रमुख, फार्म 7 में स्पष्टीकरण ज्ञापन कि के साथ, सम्यक् रूप से और अद्यतन दिनांक तक पूर्ण सेवा पुस्तिका/सर्विस-रोल और स्वीकार किये गये सेवा सत्यापन पर आधारित अन्य अभिलेखों के साथ [प्ररूप 6ख] इस प्रकार भेजेगा कि उस पर सुविधापूर्वक विचार हो सके।] [वि. वि. क्र. एफ. 9-11-2002 नियम चार दि. 2-8-03 द्वारा संशोधित।]

(बी) कार्यालय - प्रमुख उसके कार्यालय के अभिलेख हेतु उपयुक्त प्रत्येक फार्म की एक -एक प्रतिलिपि रखेगा।

(3) यदि किसी अन्य आडिट - सर्कल में भुगतान होना इच्छित है तो कार्यालय - प्रमुख फार्म - 6 दो प्रतियों में आडिट आफिसर को भेजेगा।

 

विषय :-शासकीय सेवकों को सेवानिवृत्ति तिथि पर देय स्वत्वों का भुगतान सुनिश्चित किया जाना।

शासकीय सेवकों के सेवानिवृत्तितिथि तक उनको देय स्वत्वोंका निराकरण हेतु राज्य शासन के अधिकारियों/कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों, पेंशनर्स संगठनों एवं मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग से प्राप्त सुझावों पर विचारोपरान्त निम्नानुसार निर्देश जारी किये जाते हैं :-

(1) म.प्र. सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1976 के नियम 57 व 58 के प्रावधान अनुसार पेंशन/ ग्रेच्युटी प्रकरणों की तैयारी शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति तिथि (जो पूर्व निर्धारित रहती है) से 24 माह पूर्व की जानी चाहिए।इस तिथि तक सेवा सत्यापन में यदि कोई अपूर्णता है तब नियम 59 के अंतर्गत ऐसी सेवावधि को सत्यापित मान्य की जावे।

(2) यदि किसी शासकीय सेवक की पेंशन/ग्रेच्युटी प्रकरण सेवानिवृत्ति के 15 दिवस पूर्व तक निराकृत नहीं हो पाता है तब पेंशन नियम 74 के अंतर्गत पूर्वानुमानित अथवा अंतरिम पेंशन/उपादान हेतु सेवानिवृत्ति तिथि को भुगतान आदेश जारी किया जावे।

(3) न्यायालयीन कार्यवाही/विभागीय जांच के प्रकरण यथासंभव समय सीमा में निराकत किये जायें। शासकीय सेवक के सेवानिवृत्ति तिथि तक न्यायालयीन कार्यवाही/विभागीय जांच लंबित होने की स्थिति में पेंशन नियम 64 के अनुसार सेवानिवृत्ति तिथि को अनन्तिम पेंशन अनिवार्य रूप से स्वीकृत की जाये।

(4) शासकीय सेवक के विरुद्ध शासकीय वसूली के प्रकरणों में पेंशन नियम 65 के अनुसार यथासंभव एक वर्ष पूर्व निराकरण किया जाकर वसूली की कार्यवाही पूर्ण कर ली जाये।

(5) शासकीय सेवक के वेतन निर्धारण/सेवा सत्यापन/अवकाश स्वीकृति संबंधी सम्पूर्ण कार्यवाही मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक एफ 18-10-2010/ई/चार, दिनांक 1-11-2010 की कंडिका 2 (II) के अनुसार सेवानिवृत्ति के एक वर्ष पूर्व पूर्ण कर ली जाए। इसी अनुक्रम में पेंशन नियम 29 में दिये निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।

(6) शासकीय सेवक की मूल सेवापुस्तिका गुम हो जाने पर मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक जी-25/26/सी/चार, दिनांक 1-7-1995 के अनुसार द्वितीय प्रति बनायी जाकर सक्षम प्राधिकारी से संबंधित शासकीय सेवक के सेवानिवृत्ति पूर्व अनुमोदित/मान्यता प्राप्त की जाए।

(7) अमांग/न जांच प्रमाण पत्र,मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक बी-25/26/97/पी. डब्ल्यू.सी./चार, दिनांक 12-12-1997 में दिये निर्देश अनुसार सेवानिवृत्ति तिथि तक उपलब्ध कराना विभाग प्रमुख का दायित्व है, जिसका कड़ाई से पालन किया जाए। सेवानिवृत्ति के एक माह पश्चात् तक उक्त प्रमाण-पत्र जारी नहीं होने पर यह मानकर पेंशन प्रकरण का निराकरण/ भुगतान किया जावे कि सेवानिवृत्त शासकीय सेवक के विरुद्ध कोई मांग/जांच नहीं है।

(8) सामान्य भविष्य निधि नियम 10 (1) एवं मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग के परिपत्र क्रमांक 1774/2121/2000/सी/चार , दिनांक 25-8-2000 में उल्लेखित मध्य प्रदेश शासन, वित्त विभाग की अधिसूचना क्रमांक जी-25/1/2000/सी/चार,दिनांक 11-4-2000 की टिप्पणी-(1) में दिये गये निर्देशानुसार शासकीय सेवक की सेवानिवृत्ति के चार माह पूर्व सामान्य भविष्य निधि का कटौत्रा बन्द होते ही अंतिम भुगतान का प्रकरण तैयार कर महालेखाकार म.प्र. ग्वालियर को प्रेषित किया जाए।

(9) विभिन्न बीमा योजनाओं के अंतिम भुगतान के प्रकरण, अंतिम कटोत्रे के तुरन्त पश्चात् तैयार कर स्वीकृतकर्ता अधिकारी को प्रस्तुत किये जाएं।

2. उपरोक्त निर्देशों का पालन सुनिश्चित किये जाने हेतु जिला स्तर पर प्रथम श्रेणी विभागीय अधिकारी को दायित्व सौंपा जाए एवं प्रतिवर्ष 01 जुलाई एवं 31 दिसम्बर को पेंशन प्रकरणों की समीक्षा विभागाध्यक्ष स्तर पर किए जाने की व्यवस्था करने का कष्ट करें। शासन द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों/ समय सारणी का कृपया पालन सुनिश्चित कराया जाए।

[म.प्र.शा. वित्त विभाग क्रमांक एफ 9-3/2015/नियम/चार, दिनांक 29 जून, 2015]

 

विषय- दिनांक 31.01.2011 के पूर्व के शेष लंबित पेंशन प्रकरण जिला पेंशन कार्यालयों को हरि प्रस्तुत किए जाने विषयक।

संदर्भ- वित्त विभाग के ज्ञाप क्रमांक एफ- 18-2/2011/ई/चार, दिनांक 30.07.2011.

राज्य शासन द्वारा पेंशन प्रकरणों के त्वरित निराकरण हेतु जिला स्तर पर पेंशन कार्यालयों का गठन कर उपरोक्त संदर्भित ज्ञाप द्वारा दिनांक 30.01.2011 के पूर्व के पेंशन प्रकरण पूर्ववत संभागीय संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, भोपाल/जिला खोषालयों द्वारा निराकृत किए जाने एवं दिनांक 31.01..2011 एवं उसके बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मचारियों के पेंशन प्रकरणों का निराकरम जिला पेंशन कार्यालय द्वारा किये जाने के आदेश प्रसारित किए गए थे।

2. वर्तमान में समस्त जिलों में पेंशन कार्यालय स्थापित किए जा चुके हैं। अतः अब दिनांक 31.01.2011 के पूर्व के शेष रहे पेंशन प्रकरणों के निराकरण का दायित्व भी जिला पेंशन कार्यालयों को सौंपा जाता है। इस व्यवस्था को लागू किए जाने के परिणामस्वरूप विभागाध्यक्ष कार्यालयों को सौंपा जाता है। इस व्यवस्था को लागू किए जाने के परिणामस्वरूप विभागाध्यक्ष कार्यालयों द्वारा संयुक्त संचालक, कोष एवं लेखा, भोपाल को प्रस्त किए जाने वाले पेंशन प्रकरण जिला पेंशन अधिकारी, भोपाल एवं अन्य जिलों में कोषालय अधिकारी के स्थान पर जिला पेंशन कार्यालय को प्रेषित किए जाए।

3. यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की जाती है।

[म.प्र. शासन वि.वि. एफ 18-2/2011/ई/चार दिनांक 30.11.2012]